पलामू कमिश्नर ने आखिर राजस्व कार्य से क्यों वंचित किया पाटन सीओ को

पलामू कमिश्नर ने आखिर राजस्व कार्य से क्यों वंचित किया पाटन सीओ को

पलामू कमिश्नर मनोज जायसवाल ने शुक्रवार को पाटन अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान आयुक्त ने पाया कि अंचल अधिकारी का कार्यकाल एवं कार्यालय कर्मियों पर नियंत्रण नहीं है। आयुक्त ने दाखिल खारिज से संबंधित मामलों की सूक्ष्मता से जांच की। इसमें उन्होंने पाया कि किसी वैध कारण नहीं होने के बावजूद दाखिल खारिज से संबंधित वादों को निरस्त कर दिया गया है। वहीं आवेदन बाद में स्वीकृत किया हुआ भी पाया गया। इसपर आयुक्त ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने पाया कि अंचल अधिकारी द्वारा कई मामलों में जानबूझकर गलत तरीके से किसी राजस्व उपनिरीक्षक अथवा अंचल निरीक्षक के प्रतिवेदन पर बिना अनुशंसा प्राप्त किये तथा संबंधित दस्तावेज को बिना देखें ऑनलाइन डिमांड खोल दिया गया है। साथ ही जिले के वरीय पदाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद वे डिलीट भी कर दिये हैं। आयुक्त ने कहा कि बिना किसी आधार एवं जांच-पड़ताल के जमाबंदी खोलना, अंचल अधिकारी के मनमानी एवं स्वच्छाचारिता का परिचायक है। उनके इस कृत से ग्रामीणों के बीच बेवजह भूमि विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। जिसके कारण किसी अप्रिय घटना घटने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारी से राजस्व संबंधी कार्य कराया जाना अराजकता जैसी स्थिति उत्पन्न करने जैसा होगा। आयुक्त ने कार्य हित को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त, पलामू को अंचल अधिकारी, पाटन को राजस्व संबंधित कार्य करने से वंचित करने, वर्तमान अंचल अधिकारी से स्थापना एवं रूटीन कार्य कराये जाने एवं जिला से किसी दंडाधिकारी अथवा सक्षम पदाधिकारी को पाटन अंचल कार्यालय में कम-से-कम दो से तीन दिन साप्ताहिक प्रतिनियुक्त कर वहां से संबंधित राजस्व कार्य कराये जाने का निदेश दिया है‌ ।

पूर्व से ही पाटन सीओ पर हैं कई आरोप

सरकारी सूत्रों का कहना है कि पूर्व से ही पाटन सीओ पर कई गंभीर आरोप हैं । सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाटन सीओ कभी भी, किसी से भी, सौ-दो सौ रूपये तक की घूस लेकर 'कुछ भी' आदेश कर सकते हैं ! अपने कार्य में लापरवाही और अनियमितता को लेकर उनपर कई बार पपत्र 'क' गठित करने के आदेश भी हो चुके हैं । इसके बावजूद भी पाटन सीओ के कार्यशैली की स्थिति ज्यों की त्यों रही । सवाल उठता है कि जब एक महत्वपूर्ण पद पर काबिज‌ अधिकारी‌ की‌ स्थिति पहले से इतनी बदतर थी तो फिर आयुक्त की वर्तमान कार्रवाई के पूर्व पलामू के डीसी ने इस बावत संज्ञान लेकर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की ?

आयुक्त ने उपायुक्त को निर्देश दिया - अंचल अधिकारियों और कम्प्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करें

आयुक्त ने सभी सरकारी पोर्टल के संबंध में जिले के सभी अंचल अधिकारियों एवं संबंधित कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण देने का निदेश पलामू उपायुक्त को दिया है, ताकि सरकारी कार्यों का तत्परता से निष्पादन हो और इससे संबंधित लाभुकों को ससमय लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने अपर समाहर्ता, पलामू को पाटन अंचल कार्यालय से संबंधित नीलाम पत्र वादों एवं अतिक्रमणवादों की समीक्षा कर अग्रेतर कार्रवाई करने का निदेश दिया।

आयुक्त ने पाटन अंचल के सीआई उमेश्वर यादव को पंडवा में प्रतिनियुक्ति किए जाने को लेकर उनसे कार्य अवधि में कम- से-कम तीन दिन सप्ताहिक पाटन अंचल का कार्य निष्पादित कराने एवं अन्य शेष दिन पंडवा में संबंधित कार्य निष्पादित कराने का निदेश दिया। आयुक्त ने अंचल कार्यालय के फील्ड स्टॉफ सहित सभी कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करने का सख्त निदेश दिया। निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने कार्यालय के विभिन्न पंजियों और कर्मियों के कार्य आवंटन की भी जांच की। अंचल कार्यालय में विभिन्न कार्यों को कराने पहुंचे आमलोगों से आयुक्त ने सीधा संवाद किया, उनकी समस्याओं को जाना और उसे तत्काल निराकरण का निदेश दिया। निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, आपूर्ति पदाधिकारी प्रीति किस्कु भी मौजूद थे ।