बहन के अंतर्जातीय विवाह से नाराज भाई ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर संतोष प्रसाद को मारी थी गोली
पलामू । जिले के छतरपुर नगर पंचायत के खाटिन गांव के खैनी व्यवसायी संतोष प्रसाद गोली कांड मामले का उद्भेदन पुलिस ने कर लिया है । इस घटना में शामिल दो युवकों - आशुतोष सिंह उर्फ बूटा और रोशन सिंह को पुलिस ने दो देशी कट्टा और तीन जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है । इनके पास से पुलिस ने चार मोबाइल भी जब्त किये हैं । दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और एक फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है । छतरपुर डीएसपी नौशाद आलम के नेतृत्व में यह कार्रवाई हुई है ।
29 अप्रैल को हुई थी घटना, अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए व्यवसायियों में था भारी आक्रोश
संतोष प्रसाद को तीन अपराधियों ने बीते 29 अप्रैल को छतरपुर थाना के पास, बालिका मध्य विद्यालय के समीप पीछे से दो गोली मारी थी । अपराधियों ने इस घटना को रात करीब नौ बजे तब अंजाम दिया था जब हर दिन की तरह संतोष छतरपुर स्थित अपना खैनी दुकान बंद करके घर जा रहे थे । इस घटना के बाद पूरा छतरपुर शहर आक्रोशित हो गया था । घटना के अगले दिन व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद रखी थी और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन किया था । अपराधियों की गिरफ्तारी शीघ्र नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन करने और चुनाव बहिष्कार करने की धमकी भी दी गयी थी ।
आशुतोष की बहन ने संतोष प्रसाद के बेटे से किया है अंतर्जातीय विवाह
आशुतोष की बहन ने संतोष प्रसाद के बेटे के साथ अंतर्जातीय विवाह किया है । इसको लेकर आशुतोष और उसका परिवार काफी गुस्से में रहता था । वह अपने बहनोई की हत्या करना चाहता था । इसके लिए उसने अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया और उनकी मदद ली । 29 अप्रैल को वह संतोष प्रसाद के बेटे को ही मारना चाहता था लेकिन संयोग से उस दिन वह नहीं, उसके पिताजी संतोष प्रसाद दुकान पर थे । फिर भी, पारिवारिक क्षति करने की नीयत से आशुतोष ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर संतोष प्रसाद को गोली मारी और सभी फरार हो गये ।
आशुतोष की बहन ने ही दिया पहला सुराग, फिर उसकी मां के जरिये पुलिस अपराधियों तक पहुंची
संतोष प्रसाद को गोली लगने और उनके मेडिका अस्पताल में भर्ती होने के बाद अगले दिन पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा पीड़ित परिवार से मिलने खाटिन पहुंचे । इस दौरान आशुतोष की बहन ने सार्वजनिक रूप से बिल्कुल स्पष्ट कहा कि उनके श्वसुर को उनके भाई ने ही गोली मारी है । इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गयी और घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस ने आशुतोष की मां से कई चरण में कड़ाई से पूछताछ की । इसके बाद पूरा भेद ही खुल गया । संतोष प्रसाद अभी भी मेडिका में ही भर्ती हैं ।
इसी दिन हुए एक और हत्याकांड में पुलिस के हाथ खाली
29 अप्रैल को ही, करीब तीन बजे दिन में, छतरपुर बाईपास पर संजय डोम का शव मिला था । इस हत्याकांड में अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं । वैसे, छह माह पूर्व हुए शुभम गुप्ता, नरेश ठाकुर, मिथिलेश यादव और धीरज हत्याकांड में भी पुलिस को कुछ खास सफलता नहीं मिल पायी है ।