मां बाप और परिवार से भी अधिक प्यारा हुआ मोबाइल : मना करने पर जान देने पर उतारू हो जा रहे बच्चे : यह खबर पढ़िए

मां बाप और परिवार से भी अधिक प्यारा हुआ मोबाइल : मना करने पर जान देने पर उतारू हो जा रहे बच्चे : यह खबर पढ़िए

क्या इसे ही  तरक्की कहते हैं ? क्या इसे ही आधुनिकता कहा जाता है कि अब आप अपने बच्चों को किसी गलत बात पर जांच भी नहीं सकते ! यह कैसा समय आ गया है कि अब गलत बात पर डांटने भर से बच्चे जान देने अथवा जान लेने पर उतारू हो जाते हैं ? क्या सचमुच ही मोबाइल अब परिवार और जान से भी अधिक प्यारा हो गया है ?

गढ़वा जिले के भवनाथपुर थाना क्षेत्र के मकरी पंचायत के मोरबईया टोला से एक ऐसी ही खबर आयी है । इस टोले के निवासी अशोक पाल की 13 वर्षीया नाबालिग पुत्री चंदा कुमारी ने घर में डांट सुनने पर कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। बच्ची को गंभीरावस्था में परिजनों ने भवनाथपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक की देखरेख में यह लड़की इलाजरत है ।

घटना के संबंध में लड़की की दादी ने बताया- "लड़की भवनाथपुर गर्ल्स हाई स्कूल में 10वीं की छात्रा है। वह दिनभर मोबाईल चलाती रहती थी । घर के हर गार्जियन को यह बात बुरी लगती थी । उसकी मां ने उसे डांटते हुए कहा कि दिनभर मोबाईल चलाती रहती हो, घर का कुछ काम भी कर लिया होता, कुछ काम कम हो जाता और मुझे कुछ आराम मिलता ! बस, इतनी सी बात पर नाराज होकर लड़की ने घर में रखा कीटनाशक खा लिया । स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल में लेकर हमलोग पहुंचे।"