आबंटित मिलों द्वारा धान का उठाव नहीं करने की बात कहकर अधिकतर पैक्स नहीं खरीद रहे किसानों के धान : बिहार में प्रतिबंधित राइस मिलों को पलामू में मिलिंग कार्य के लिए चुना गया है

आबंटित मिलों द्वारा धान का उठाव नहीं करने की बात कहकर अधिकतर पैक्स नहीं खरीद रहे किसानों के धान : बिहार में प्रतिबंधित राइस मिलों को पलामू में मिलिंग कार्य के लिए चुना गया है

-- प्रमुख संवाददाता
-- 23 जनवरी 2022

पैक्स किसानों के धान खरीदने से मना कर रहे हैं । इस बावत किसान संघर्ष समिति के संयोजक विष्णुदेव सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि- "पिछले वर्ष धान खरीद घोटाला के प्रकाश में आने के बाद इस वर्ष पलामू में धान की खरीद झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के माध्यम से पैक्स के माध्यम से की जा रही है । अब जिले के अधिकांशतः किसानों का कहना है कि पैक्स उनका धान खरीदने से यह कहकर मना कर रहे हैं कि उन्होंने जो धान खरीदा है, संबद्ध मिलों ने उसका उठाव नहीं किया है और अब धान रखने की जगह उनके पास नहीं है । इस संबंध में कई पैक्स अध्यक्षों से बात की गयी तो किसानों के उक्त आरोप सही पाये गये ‌‌। पिछले साल हुए धान खरीद घोटाले पर लगभग पर्दा डाल दिया गया है । इस वर्ष भी किसानों को सरकार तबाह कर रही है ।"

विष्णुदेव सिंह ने कहा कि- "पलामू जिले में मिलिंग कार्य के लिए बिहार में प्रतिबंधित दो राइस मिलों को कार्य आवंटित किया गया है । एक राइस मिल को हुसैनाबाद, हैदरनगर और मोहम्मदगंज के पैक्सों के धान की मिलिंग करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है, जबकि एक को विश्रामपुर, उंटारी रोड एवं पांडु इलाके का कार्य आवंटन किया गया है । विभाग के संकल्प संख्या 2754 दिनांक 27.10.2021 के आलोक में इन्हें धान के परिवहन और मिलिंग कार्य के लिए निर्देशित किया गया है । लेकिन ये अपना काम नहीं कर रहे । ये राइस मिल बिहार में धान खरीद में घोटाला करने के कारण प्रतिबंधित हैं ।"

विष्णुदेव सिंह का कहना था कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी किसानों से एक बोरा (40 किलो) धान की जगह 42 किलो धान 40 किलो के दर पर ही लिये जा रहे हैं । यहां पर किसानों ने मैनेज किया तो अब उनका धान लेने से ही मना किया जा रहा है । सरकार और स्थानीय प्रशासन को किसानों की चिंता नहीं है ।