सिर गर्दन और पीठ में बना रहता है दर्द तो हो जायें सतर्क

सिर गर्दन और पीठ में बना रहता है दर्द तो हो जायें सतर्क


-- संवाददाता
-- 5 मार्च 2022

गढ़वा : चौधरी जेनरल हॉस्पिटल एंड लकवा हॉस्पिटल, गढ़वा में पटना के सुप्रसिद्ध चिकित्सक मधुमेह, हृदय, नस एवं लकवा रोग विशेषज्ञ डॉ पी के वर्मा ने 45 मरीजों को परामर्श दिया। डॉ वर्मा ने कहा कि कुछ ऐसी बीमारी है जो हमारे नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। न्यूरोलॉजिकल समस्या आमतौर पर किसी वायरल या संक्रमण के कारण होते हैं जिससे हमारे शरीर की कई अंगों को एक साथ नुकसान पहुंचा सकता है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद की सेहत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वह घंटों एक स्थान पर बैठकर काम करते हैं, इस वजह से गर्दन और पीठ में दर्द बना रहता है। अक्सर यह समस्या हड्डियों से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत होती है लेकिन अगर इसके साथ आपको लगातार सिर दर्द की शिकायत भी बनी हुई है और शरीर के अंगों में कुछ बदलाव महसूस हो रहा है यह न्यूरोलॉजिकल समस्या की शुरुआत हो सकती है। इसलिए अगर ऐसा कोई भी लक्षण दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि न्यूरो से जुड़ी किसी भी बारे में तत्काल इलाज की जरूरत होती है। डॉ पीके वर्मा ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स होने पर हमारे शरीर में कई प्रकार की परेशानियां एक साथ हो सकती है। इनमें शरीर के किसी हिस्से में लकवा मारने के साथ-साथ ब्रेन स्ट्रोक और हमारी याददाश्त प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा डिमेंशिया, मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर जैसी गम्भीर बीमारी हो जाती है। डॉ वर्मा ने कहा अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है या उसे अपने चेहरे की बनावट में मामूली परिवर्तन ही नजर आता है तो यह भी न्यूरो समस्या का लक्षण होता है। समय पर इनका इलाज नहीं होता तो खतरा काफी बढ़ जाता है। इस समस्या से ही ब्रेन स्ट्रोक से आता है स्ट्रोक के कई मामले में देखा जाता है कि मरीज देरी से अस्पताल पहुंचा है, इसका कारण यह होता है कि लोग न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के शुरुआती लक्षणों को ध्यान नहीं देते हैं और आमतौर पर कोई बीमारी होने पर लोग दवा खाते हैं लेकिन न्यूरो समस्या के लिए डॉक्टर के पास तत्काल जाना जरूरी होता है। अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारी खराब खानपान, जीवनशैली होती है इससे हमारा शरीर बीमार होने लगता है, जिसका असर धीरे धीरे दिमाग पर भी पड़ने लगता है। न्यूरो संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि हम स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। साथ ही अगर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं तो बीच में ब्रेक भी लेते रहें और नियमित रूप से व्यायाम करें। मौके पर हॉस्पिटल संस्थापक डॉ कुलदेव चौधरी, निदेशक डॉ जुली कुमारी, कंपाउंडर बिस्मिल्ला अंसारी, फैयाज अंसारी, रिसेप्शनिस्ट रीना गुप्ता, लैब टेक्नीशियन अंजलि कुमारी, संजय धर दुबे, शिवकुमार दुदुन, अमरजीत चौधरी आदि उपस्थित थे।