विपक्षी गठबंधन इंडिया ने इन 14 टीवी एंकरों के बहिष्कार का फैसला किया : फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया

विपक्षी गठबंधन इंडिया ने इन 14 टीवी एंकरों के बहिष्कार का फैसला किया : फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया

बीते बुधवार को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की समन्वय समिति ने तय किया है कि वो अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को कुछ टीवी एंकर्स के शो में भेजना बंद करेंगे । दिल्ली में शरद पवार के घर पर हुई बैठक के बाद साझा बयान जारी कर कहा गया कि- ''समन्वय समिति ने ऐसे टीवी एंकर्स के नामों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है, जिनके शो में इंडिया गठबंधन के नेता नहीं जाएंगे ।'' बाद में गठबंधन की ओर से उन 14 एंकरों की सूची भी जारी कर दी गई जिनके प्रोग्राम में 'इंडिया' के नेताओं ने नहीं जाने का फ़ैसला किया है । ये एंकर हैं- अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्णब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नाविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा ।

गठबंधन का कहना है कि उसने ‘नफ़रत भरे’ न्यूज़ डिबेट चलाने वाले इन टीवी एंकरों के कार्यक्रमों का बहिष्कार का फैसला किया है । उन्होंने कहा कि- ''हम नफ़रत भरे नैरेटिव को मंज़ूरी नहीं दे सकते. यह नैरेटिव समाज को कमज़ोर कर रहा है । अगर आप समाज में नफ़रत फैलाते हैं तो यह हिंसा का भी रूप ले लेता है । हम इसका हिस्सा नहीं बनेंगे ।''

न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) था कुछ न्यूज़ एंकरों और बीजेपी ने 'इंडिया' गठबंधन के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है ।

एनबीडीए ने कहा है कि संगठन को इंडिया गठबंधन के इस फ़ैसले से काफी पीड़ा हुई है और वो इसे लेकर चिंतित है । एनबीडीए ने कहा है कि- ''विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधियों को भारत के कुछ शीर्ष टीवी न्यूज़ एंकरों के कार्यक्रम में जाने से रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है । ये असहिष्णुता का संकेत है और प्रेस की स्वतंत्रता को ख़तरे में डालता है । विपक्षी गठबंधन खुद को बहुलता और स्वतंत्र प्रेस का हिमायती बताता है लेकिन उसका ये फ़ैसला लोकतंत्र के मूल सिद्धांत पर चोट करता है ।''

न्यूज़ चैनल आजतक, इंडिया टुडे और जीएनटी के न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने ट्विटर पर इस फ़ैसले का विरोध करते हुए लिखा है कि- ‘’मैं इस निरंकुश क़दम’’ की कड़ी निंदा करता हूं । इस एकतरफ़ा क़दम को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए ।"

इंडिया' गठबंधन के इस फ़ैसले की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कड़ी आलोचना की है । उन्होंने कहा- ''न्यूज़ एंकरों की इस तरह लिस्ट जारी करना नाजियों के काम करने का तरीक़ा है, जिसमें ये तय किया जाता है कि किसको निशाना बनाना है । अब भी इन पार्टियों के अंदर इमरजेंसी के वक़्त की मानसिकता बनी हुई है ।'' उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा, ''पंडित नेहरू ने फ्री स्पीच को कमजोर किया । इंदिरा जी इस तरह के काम करने की गोल्ड मेडलिस्ट थीं । राजीव जी ने मीडिया को काबू करने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह नाकाम रहे । सोनिया जी के नेतृत्व वाला यूपीए गठबधन सोशल मीडिया हैंडल्स को प्रतिबंधित कर रहा था सिर्फ इस वजह से कि कांग्रेस को उनके विचार पसंद नहीं थे ।''

एनडीटीवी के एंकर रहे रवीश कुमार ने भी ट्विटर पर इस फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए लिखा है- ''सात साल बहिष्कार झेला है । सात घंटे भी नहीं हुए । ऐसा लग रहा है कल प्रधानमंत्री पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ही देंगे । प्रेस की आज़ादी की रक्षा के लिए । जहाँ ये सारे लोग सवाल पूछते नज़र आएँगे । उसके बाद ये सारे लोग सना इरशाद मट्टू से इसके लिए (तस्वीर देखें) माफ़ी माँगने भी जाएँगे ।'' उन्होंने लिखा, ''फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी के मारे जाने के बाद दो शब्द नहीं कहा गया । किसने नहीं कहा, क्या आप उनका नाम जानते हैं ? मनदीप पुनिया का पेज रोकने के लिए नोटिस किस सरकार ने भेजा था ? क्या नाम जानते हैं ? गोदी मीडिया भारत के लोकतंत्र के लिए ख़तरा है । विपक्ष को अपनी हर रैली में जनता को बताना चाहिए । अगर वह यह काम नहीं करता है तो लोकतंत्र के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है ।''