छतरपुर और नौडीहा में अबतक नहीं हुई चलंत चिमनी भट्ठों का जांच : उधर खनन विभाग ने कहा कि अब जिले में अब स्थाई चिमनी ईंट भट्ठों पर कसेगा खनन विभाग का शिकंजा

छतरपुर और नौडीहा में अबतक नहीं हुई चलंत चिमनी भट्ठों का जांच : उधर खनन विभाग ने कहा कि अब जिले में अब स्थाई चिमनी ईंट भट्ठों पर कसेगा खनन विभाग का शिकंजा

-- प्रमुख संवाददाता
-- 23 फरवरी 2022

पिछले माह से लेकर अब तक खनन विभाग जिले के विभिन्न प्रखंडों में अवैध रूप से संचालित दो दर्जन से अधिक चलंत अवैध चिमनी ईंट भट्ठों के विरूद्ध कार्रवाई कर चुका है । खनन विभाग के इस कदम की काफी सराहना भी हो रही है । लेकिन छतरपुर और नौडीहा प्रखंड क्षेत्र में चलंत और अवैध चिमनी भट्ठे अभी भी अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं । इन प्रखंडों में कई पत्थर माईंस भी अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं । इनपर कोई कार्रवाई नहीं करने पर खनन विभाग की नीयत पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है । दरअसल एक ईंच मिट्टी को बनने में लगभग पांच सौ वर्ष लग जाते हैं ।

उक्त तस्वीर छतरपुर के डाली गांव के समीप संचालित एक चलंत चिमनी भट्ठे की है । ऐसे कई अवैध ईंट भट्ठे छतरपुर और नौडीहा प्रखंड क्षेत्र में बेखौफ संचालित किये जा रहे हैं । छतरपुर प्रखंड क्षेत्र में रूदवा, सिलदाग, चेराईं और मंदेया के आसपास भी कई पत्थर माईंस काफी दिनों से संचालित हैं । खनन विभाग ने अभी तक इनपर कोई कार्रवाई नहीं की ।

इस संबंध में आज जारी एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि "अब जिला खनन विभाग स्थाई चिमनी ईंट भट्ठों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर चुकी है। इसे लेकर जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने आज हरिहरगंज अंचल के कई ईंट भट्ठों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चालू ईंट सत्र 2022- 23 में ईंट निर्माण करने वाले सभी संचालकों को जिला खनन कार्यालय में अनुज्ञप्ति प्राप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व जमा करने में किसी तरह की उदासीनता बरतने वाले भट्ठों के संचालकों के विरूद्ध झारखंड लघु समानुदान अधिनियम के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना के साथ कार्य स्थल को सील करने का भी प्रावधान है। उन्होंने सभी भट्ठा संचालकों को आवश्यक कागजातों के साथ किसी भी कार्यावधि में जिला खनन में अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन जमा करने को कहा है। निरीक्षण के दौरान हरिहरगंज के सियरभोका में मनोज कुमार के शिवम् ब्रिक्स का निरीक्षण किया। यहां से 15 लाख कच्चा ईंट व पांच लाख पक्का ईंट कार्यस्थल पर रखा हुआ पाया गया। इसी तरह धनंजय सिंह के SST  मार्का का कच्चा व पक्का 12 लाख ईंट, मनीष कमार सिंह के M/S मार्का का सात लाख ईंट व मौजा चंदाढाब के अवधेश मेहता के SSS  मार्का ब्रिक्स के ईंट पाए गए।"

खनन विभाग की ईमानदारी तब साबित होती, जब यह विभाग समग्र कार्रवाई करता ! इस विभाग की ईमानदारी तब साबित होती, जब विभाग छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र में पत्थर माईंस और क्रसरों से हो रहे प्रतिदिन लाखों रूपये के राजस्व की चोरी रोकने की कवायद करता ! वहरहाल, खनन विभाग अगर सचेत हुआ है तो विभाग से भविष्य में बेहतर की उम्मीद तो की ही जा सकती है !