मनिका में 256 मजदूरों को नहीं मिला बेरोगारी भत्ता, दोषियों पर नीलाम पत्र दायर

256 laborers did not get unemployment allowance in Manika, sapphire letter filed against the culprit

मनिका में 256 मजदूरों को नहीं मिला बेरोगारी भत्ता, दोषियों पर नीलाम पत्र दायर

-- प्रमुख संवाददाता
-- 4 अगस्त 2021

सरकारी सिस्टम में बैठे अधिकारी सार्वजनिक मंचों से मजदूरों को उनके कानूनी अधिकार दिलाने की लाख घोषणा कर लें, लेकिन व्यवहारिक रूप से, वे धरातल पर ऐसा नहीं करते । खुद को पाक साफ और निर्दोष बताने के लिए वे कई बार उन्हीं कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं, जिनके संरक्षण के लिए उन्हें नियुक्त किया जाता है ।

सितंबर 2017 से पूर्व विभिन्न तिथियों में लातेहार जिले के मनिका प्रखंड क्षेत्र के 256 मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम की मांग की थी । प्रखंड प्रशासन उन मजदूरों को काम देने में पूरी तरह विफल रहा था । फिर मजदूरों ने सबूतों के साथ बेरोजगारी भत्ते का दावा कर दिया । तब से अब तक जिले के कई उप विकास आयुक्तों ने भी इस बाबत दोषी कर्मियों से राशि वसूली कर मजदूरों को भुगतान करने के आदेश निर्गत किये । लेकिन संबद्ध कर्मियों ने उच्चाधिकारियों की एक न सुनी । नतीजतन, बेरोजगारी भत्ता का दावा करने वाले सभी 256 मजदूरों के कुल 2 लाख 73 हजार 463 रूपये पिछले 5 साल से बकाया हैं ।

जिला प्रशासन से अपेक्षित न्याय न मिल पाने के बाद झारखंड नरेगा वॉच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज ने भारत सरकार व राज्य सरकार को पक्ष बनाते हुए झारखण्ड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है । जिसमें न्यायालय से निर्धारित अवधि में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कराने, काम न देने पर बेरोजगारी भत्ता देने, ग्राम सभाओं से ही योजनाओं को पारित कराने, शिकायतों के त्वरित निष्पादन हेतु मनरेगा लोकपालों की नियुक्ति कराने जैसे कानूनी प्रावधानों को लागू कराने की प्रार्थना की गई है ।

बेरोजगारी भत्ता मुद्दे पर न्यायालय में जवाब दाखिल करने हेतु राज्य सरकार ने जिला प्रशासन से अनुपालन प्रतिवेदन की मांग (N) 346 दिनांक 04-03-2021 के माध्यम से की । बावजूद इसके दोषी कर्मी सरकारी आदेशों की अवहेलना करते रहे । अब प्रखंड विकास पदाधिकारी मनिका ने अंचल कार्यालय, मनिका में दोषी कर्मियों के विरुद्ध 16 जुलाई 2021 को नीलाम पत्र दायर कर दी है । दायर नीलाम पत्र के अनुसार तत्कालीन रोजगार सेवक डोंकी पंचायत के सुरेन्द्र उरांव से 84136 रूपये, जान्हों पंचायत के रवि रंजन से 87010 रूपये, शुद्धदेव भगत दुन्दु एवं कोपे पंचायत से क्रमश: 23007 व 8229 रूपये तथा विशुनबाँध पंचायत से 71079 रूपये वसूला जाना है ।