नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी की मौत मामले में पलामू सांसद ने राज्य से लेकर जिला प्रशासन तक को लपेटा

नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी की मौत मामले में पलामू सांसद ने राज्य से लेकर जिला प्रशासन तक को लपेटा


-- प्रमुख संवाददाता
-- 12 जनवरी 2022

नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव की मौत मामले में पलामू सांसद ने राज्य से लेकर जिला प्रशासन तक को लपेटे में लिया है । इस बावत उन्होंने एक प्रेस बयान जारी कर निवर्तमान थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या के मामले को बहुत ही दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। साथ ही उक्त घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।

जारी बयान में सांसद ने कहा है कि- "उपरोक्त घटना राज्य की चरमराती विधि- व्यवस्था, भ्रष्टाचार, उग्रवादी गतिविधियां, अवैध उत्खनन, अवैध बालू का उठाव, ट्रांसफर-पोस्टिंग में बोली लगाने के कारणों की परिणति है । आगे कहा गया है कि- आज आमलोगों में यह चर्चा का विषय है कि थानों में ट्रांसफर पोस्टिंग में वरीयता एवं अनुभव तथा दक्षता का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है । वरीय पदाधिकारियों को कनीय पदाधिकारियों के मातहत कार्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है । स्थापित नियमों की अवहेलना कर पदाधिकारियों का बिना कार्यावधि पूरा किए हुए एक साल के अंतर्गत दो-दो, तीन-तीन जगहों पर स्थानांतरित/पदस्थापित मामूली कारणों के आधार स्वार्थवश किया जा रहा है।"

उन्होंने लिखा है कि- "विदित है कि लालजी यादव को करीब एक वर्ष पूर्व नावा बाजार का थाना प्रभारी बनाया गया था। उक्त कार्यकाल के दौरान ही नावा बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत कंडा घाटी में एनएच 98 पर 25 मई 2021 को औरंगाबाद बिहार के श्री महावीर प्रसाद के माता-पिता एवं उनका ड्राइवर अपने बेटा-बहू से छत्तीसगढ़ से मिलकर गाड़ी द्वारा लौट रहे थे कि पिता एवं ड्राइवर का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने उनको छोड़ने के लिए पहले 60 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी, बाद में यह राशि 10 लाख रुपए तय हुयी थी। दिनांक 9 जून 2021 को रात में 9 बजे एएसपी श्री के० विजय शंकर, डीएसपी सुरजीत कुमार, नावा बाजार थाना प्रभारी लालजी यादव एवं चैनपुर थाना कि पुलिस के साथ परिवार के लोग अपहरणकर्ताओं को पैसे देने के लिए गए। उम्मीद तो यह थी कि अपहरण किए गए लोगों को छुड़ा लिया जाएगा और अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, परंतु ऐसा हुआ नहीं। अपहरणकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में 10 लाख रुपए ले लिया और अपहृत व्यक्तियों को भी नहीं छोड़ा, जबकि परिवारवाले पुलिस से गुहार लगाते रहे कि कम से कम दलाल को पकड़ लीजिए पर पुलिस ने उसे भी नहीं पकड़ा।"

"उपरोक्त तथ्यों को रखने का उद्देश्य यही है कि उक्त घटना भी लालजी यादव के थाना प्रभारी रहते हुए नावा बाजार थाना कांड संख्या 32/2021 है जिसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही थी। श्री लालजी यादव वरीय पदाधिकारियों की भूमिका से भली-भांति परिचित थे और आत्महत्या की घटना के पूर्व वे कई पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए सुने गए थे कि वे मुंह खोल देंगे तो बड़े-बड़े पदाधिकारियों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। वे अपने निलंबन एवं बड़े पदाधिकारियों से प्रताड़ित बताए जाते हैं एवं आत्महत्या के पीछे उनके मन में प्रताड़ना का ख्याल ही कारण बताया जा रहा है।"

सांसद ने कहा कि उपरोक्त घटनाक्रम को देखते हुए राज्य सरकार से मांग करता हूं कि उक्त घटना की उच्चस्तरीय जांच (पुलिस महानिदेशक/गृह सचिव) कराएं अथवा सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करें, ताकि सच्चाई सामने आ सके और उनके परिवार को न्याय मिल सके।