जज उत्तम आनंद हत्याकांड की CBI जांच शुरू, जानें कि अब तक इस मामले में क्या क्या हुआ

CBI investigation begins in Judge Uttam Anand murder case, know what happened in this case so far

जज उत्तम आनंद हत्याकांड की CBI जांच शुरू, जानें कि अब तक इस मामले में क्या क्या हुआ

-- समाचार डेस्क
-- 5 अगस्त 2021

धनबाद । धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू हो गयी है । सीबीआई की स्पेशल टीम दिल्ली से धनबाद पहुंची और धनबाद पुलिस की ओर से अब तक की गयी कार्रवाई की जानकारी ली । इस दौरान जब्त ऑटो का मुआयना भी किया । ऑटो चालक तथा उसके साथी की आपराधिक गतिविधियों की भी जानकारी ली ।

सीबीआई आईओ से केस डायरी लेगी । CBI, SIT से भी मिलेगी । ADG (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में गठित SIT से अब तक की जांच की जानकारी ले सकती है। इस दौरान पुलिस और SIT द्वारा संकलित साक्ष्यों को भी CBI हासिल कर सकती है। अभी तक 5 हजार से अधिक पन्नों में जांच रिपोर्ट तैयार हुई है, जिसे CBI को सौंपा जाएगा।

SIT ने कई लोगों से, कई  बिन्दुओं पर की पूछताछ

ADG (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर की अगुवाई में गठित SIT ने बुधवार को दोनों आरोपी, ऑटो मालिक, घटना के समय मौजूद और गुजरने वाले लोगों से पूछताछ की। सरायढेला थाना के पुलिस अधिकारियों से SIT की टीम ने घटना के बारे में जानकारी ली और कई बिंदुओं पर जवाब तलब किया। जैसे कि सदर थाना प्रभारी से पूछा गया कि घटना की जानकारी इतनी देर से कैसे मिली, घटना की जानकारी मिलने के बाद क्या-क्या कार्रवाई की? आरोपियों का पता लगाने से लेकर उनकी गिरफ्तारी को लेकर सवाल किए गए। वहीं सरायढेला थाना के पदाधिकारी आर चौकीदार से भी पूछताछ हुई।

धारा 302, 34 के तहत दर्ज किया गया है मामला

धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में बुधवार (4 अगस्त) को सीबीआइ की दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1की टीम ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी । सीनियर एसपी जगरूप एस सिन्हा ने भादवि की धारा-302, 34 के तहत मामला दर्ज किया है । पूरे मामले की जांच के लिए 20 अफसरों की स्पेशल टीम बनायी गयी है । इसमें सभी तरह के एक्सपर्ट शामिल हैं ।

प्राथमिकी में मृत जज की पत्नी कृति सिन्हा की शिकायत पर धनबाद थाना में दर्ज केस (300/21) को आधार बनाया गया है । सीबीआइ के अनुसार, झारखंड के गृह विभाग ने इस मामले की सीबीआइ जांच के लिए 30 जुलाई को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग डिपार्टमेंट को अनुशंसा भेजी थी । मामले में बुधवार को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग की अधिसूचना के बाद सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है ।

मर्डर केस स्पेशलिस्ट हैं ASP विजय कु. शुक्ला

जज उत्तम आनंद मौत केस के जांच अधिकारी ASP विजय कुमार शुक्ला की गिनती CBI के तेजतर्रार अफसरों में होती है। 2016 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित शुक्ला को ब्यूरो में मर्डर केस स्पेशलिस्ट के रूप में भी माना जाता है। 2014 में यूपी के बदायूं में जिन दो दलित चचेरी बहनों के शव पेड़ से लटकते मिले थे और जिस पर देशभर में हंगामा हुआ था, उस केस की जांच बतौर DSP शुक्ला ने ही की थी। शुक्ला की जांच में ही राज खुला कि दोनों बहनों में आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उनका पहले गैंगरेप हुआ और फिर हत्या कर शवों को पेड़ से लटका खुदकुशी का रूप देने का प्रयास किया गया। शुक्ला ने ही इस केस के मुख्य किंगपिन गांव के
ही दबंग पप्पू यादव, उनके भाई अवधेश यादव व उर्वेश यादव समेत सहयोगी रहे सिपाही छत्रपाल सिंह व सर्वेश यादव को गिरफ्तार किया था।

मृतक की पत्नी ने आवेदन में बतायी थी घटना के तथ्य

मृत जज की पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद पुलिस को दिये अपने आवेदन में कहा था कि उनके पति उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह पांच बजे आवास से टहलने के लिए निकले थे । काफी समय बीत जाने के बाद भी वे घर नहीं लौटे । तब हम लोगों ने उनकी खोजबीन शुरू की । इस दौरान पता चला कि गंभीर रूप से घायल जज उत्तम आनंद को स्थानीय लोग शहीद निर्मल महतो मेडिकल अस्पताल इलाज के लिए ले गये हैं ।

उसी दौरान मोबाइल पर वायरल वीडियो प्रसारित किया जाने लगा कि ऑटो चालक ने जानबूझ कर जज उत्तम आनंद को धक्का मारा । इस कारण सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी ।

आरोपियों ने नशा करने के बाद की थी जज की हत्या !

28 जुलाई को घटना के बाद धनबाद थाना में जज की हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी । अगले दिन 29 जुलाई को ऑटो चालक लखन वर्मा को गिरिडीह से और उसके साथ ऑटो में बैठे राहुल वर्मा को धनबाद रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था । फिर दोनों को पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ की थी । ऑटो मालिक रामदेव वर्मा को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी ।

जिस वक्त जज को ऑटो से धक्का लगा था, उस समय ऑटो के पीछे जा रहे शख्स बीसीसीएल के कर्मी श्रवण से भी पुलिस ने पूछताछ की थी । इसके अलावा 150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी थी । फिर पुलिस ने कोर्ट से लखन वर्मा और राहुल वर्मा का नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने की अनुमति भी प्राप्त कर ली है । दोनों के ब्लड व पेशाब की जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि घटना के वक्त दोनों ने नशे का सेवन किया था । वहीं जज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आयी थी कि उनका जबड़ा और सिर की हड्डी कई जगहों पर टूटी थी‌। सिर पर गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हुई थी । जज के शरीर पर तीन जगह बाहरी और सात जगहों पर अंदरूनी चोट भी लगी हुई थी । ऑटो से धक्का लगने के बाद उनके ब्रेन में चोट लगी थी, जिससे वे बेहोश हो गये थे ।