पहली बार बूढ़ा पहाड़ पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा : यहां अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी

पहली बार बूढ़ा पहाड़ पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा : यहां अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी


-- अरूण कुमार सिंह

बूढ़ा पहाड़। नई उम्मीदों और आशाओं से भरा आज का दिन।  मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के अथक प्रयासों का नतीजा है कि अति उग्रवाद प्रभावित यह दूरस्थ तथा दुर्गम क्षेत्र अब मुख्यधारा से जुड़कर विकास की नई इबारत लिखने को तैयार है ।मुख्यमंत्री ने नक्सलियों के गढ़ में पहुंचकर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट (BPDP) का शुभारंभ किया। इस प्रोजेक्ट के तहत एक सौ करोड़ रुपए से इस क्षेत्र में सभी मूलभूत जरूरी अनिवार्य और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में अब  गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी ।

ऐसा खुशनुमा माहौल पहली बार देखने को मिल रहा

मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कभी यह इलाका माओवादियों के खौफ का गवाह था। पूरे इलाके को माओवादियों ने  अपने कब्जे में कर रखा था । लेकिन, हमारे सुरक्षाबलों ने माओवादियों को कड़ी चुनौती देते हुए पूरे क्षेत्र को नक्सल मुक्त करा लिया है। आज हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं और विकास की एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं।  शायद पहली बार यहां ऐसा खुशनुमा माहौल देखने को मिल रहा है । आने वाले दिनों में यह इलाका भी विकास के मामले में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यधारा में लौटे भटके हुए नौजवान

मुख्यमंत्री ने कहा कि  जिस भी वजह से नौजवानों ने भटकाव की राह पकड़ी हो। उनसे मेरा कहना है कि वे मुख्यधारा में वापस आएं।  उन्होंने कहा कि मुख्यधारा से भटकना किसी समस्या का समाधान नहीं है मुख्यधारा में रहकर ही आप  बेहतर और सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

बंदूक का साथ छोड़ें, सरकार के साथ जुड़ें

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदूक के बल पर आप कुछ देर के लिए डर और खौफ का माहौल तो पैदा कर सकते हैं, लेकिन यह ना तो आप के हित में है और ना ही समाज के। आप बंदूक का साथ छोड़ें और सरकार के साथ जुड़ें । सरकार आज आपके द्वार आ कर आपको योजनाओं से आच्छादित करने का काम कर रही है। इन योजनाओं से जुड़कर मान सम्मान और स्वाभिमान से जीने का रास्ता चुनें।

बेहतर आत्मसमर्पण नीति है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार के पास मुख्यधारा से भटके हुए लोगों के समर्पण हेतु बेहतर पॉलिसी है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार उनके विकास के लिए सरकार की योजनाओं से लाभान्वित तो कराती ही है साथ ही उनके परिवार के साथ रहने के लिए ओपन जेल और उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए भी पूरी व्यवस्था कर रही है।    

आपको सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर तबके और वर्ग के विकास के लिए सरकार ने योजनाएं बनाई हैं। आपकी आशाओं और उम्मीदों के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। आप इन योजनाओं का लाभ लें। इन योजनाओं के जरिए आप इतना सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनें कि आपको कभी भी सरकार से राशन और अनुदान लेने की जरूरत नहीं पड़े।

यहां की महिलाएं बखूबी निभा रही अपनी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समाज में बदलाव आ रहा है। पुरुष और महिलाएं किसी भी मायने में एक- दूसरे से कम नहीं है । कई मायनों में तो पुरुष से अधिक महिलाएं जागरूक होकर कार्य कर रहीं है। सरकार से सहायता प्राप्त कर ट्रैक्टर और सवारी गाड़ी लेकर उन्हें भाड़े पर देकर मुनाफा कमा रहीं है और अपने परिवार का उत्थान कर रहीं है।

वन उत्पादों का तय किया जाएगा एमएसपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन उत्पादों को बढ़ावा देने की सरकार ने योजना बनाई है। इसके तहत वन उत्पादों का एमएसपी तय किया जाएगा, ताकि इस पर आश्रित ग्रामीणों को वन उपजों का वाजिब मूल्य मिल सके। सरकार इन वन उत्पादों को खरीदेगी।

हर गांव में दवा दुकान खोलने की तैयारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर गांव में एक दवा दुकान खोलने का काम करने जा रही है। इन दवा दुकानों को खोलने के लिए इंटर तक पढ़े लोगों को भी लाइसेंस मिल सकेगा । साथ ही इन दवा दुकानों को मोबाइल के जरिए सरकारी डॉक्टर से जोड़ा जाएगा, जहां 24 घंटे ऑनलाइन सेवा मिल सकेगी ।

जल -जंगल -जमीन के लिए पूर्वजों ने कुर्बानी तक दी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कई पूर्वजों ने जल- जंगल- जमीन के संरक्षण के लिए अपने प्राण तक कुर्बान कर दिए थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आदिवासियों को एकत्रित कर लंबा संघर्ष किया था। कई आंदोलनकारियों ने अपनी शहादत दे दी थी। उन्होंने कोने कोने में जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया ।  इस हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उन्हें सम्मानित भी किया था। आज हमे अपने पूर्वजों के सपनो के अनुरूप झारखंड का नव निर्माण करना है।

ग्रामीणों की सुनी समस्याएं, साथ में बैठकर भोजन किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने मुझे सरकार बनाने का मौका दिया है। आपकी समस्याओं का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। इस मौके पर लोगों ने अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने मौजूद पदाधिकारियों को इनकी समस्याओं के निराकरण के लिए पहल करने का निर्देश दिया। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ मिलकर भोजन भी किया।

175 योजनाओं का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट (BPDP) के तहत के 5 करोड़ 2 लाख 79 हजार 939 रूपये लागत की कुल 175 योजनाओं का शुभारम्भ किया। जिसमें विशेष केन्द्रीय सहायता योजना से कुल 1 करोड़ 58 लाख 2 हजार 343 रूपये की 13 योजनायें, उर्जा विभाग (JREDA) की 59 लाख 42 हजार 494 रूपये की 01 योजना, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार के भूमि संरक्षण प्रभाग से 48 लाख 50 हजार रूपये की कुल 07 योजनायें, मनरेगा अंतर्गत 2 करोड़ 10 लाख 35 हजार 438 रूपये की 135 योजनायें एवं 15वें वित्त की 26 लाख 49 हजार 664 रूपये की 19 योजनायें शामिल हैं। योजनाओं का लाभ टेहरी और हर्सी पंचायत के 11गांवों के लगभग 5500 परिवारों को होगा

लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 429 लाभुकों के बीच 1 करोड 25 लाख 81 हजार 303 रूपये की परिसम्पतियों का वितरण  किया। जिसमें मिनी ट्रैक्टर, पम्पसेट, बर्मी बेड, बीज, कृषि उपकरण किट, खाद्यान राशन किट, सामुदायिक निवेश निधि, फूटबॉल किट आदि शामिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सर्वजन पेंशन योजना, मिशन वात्सल्य, ग्रीन राशन कार्ड, इत्यादि योजनाओं के लाभुको को स्वीकृति-पत्रों का वितरण भी किया गया।

इस अवसर पर पेयजल एवम स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबुबकर सिदिक्की, एडीजी अभियान संजय लाटकर, आईजी अभियान अमोल होमकर, सीआरपीएफ आईजी झारखंड अमित कुमार, आयुक्त जटा शंकर चौधरी, आईजी पलामू जोन राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त गढ़वा रमेश घोलप, पुलिस अधीक्षक अंजनी झा और टेहरी पंचायत की मुखिया समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।