तालिबान लड़ाकों ने किया अफगानिस्तान पर कब्जा, अली अहमद जलानी अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त

Taliban fighters capture Afghanistan, Ali Ahmed Jalani appointed interim head of state

तालिबान लड़ाकों ने किया अफगानिस्तान पर कब्जा, अली अहमद जलानी अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त

-- विशेष संवाददाता
-- 15 अगस्त 2021

अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है और अली अहमद जलाली को अशरफ गनी की जगह अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त कर दिया गया है । अफगान सरकार ने बगराम वायुसेना अड्डा तालिबान को सौंप दी है । तालिबान के लड़ाके कलाकान, काराबाग और पघमान जिलों में मौजूद हैं । अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया है ।

चरमपंथियों ने इससे पहले जलालाबाद पर कब्जा किया था । काबुल में गोलीबारी की रुक-रुककर आ रही आवाज के बीच तालिबान ने काबुल को ‘जबरदस्ती’ अपने कब्जे में नहीं लेने का संकल्प लिया । तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं । तालिबान ने कहा, ‘किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा ।’

अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल के अलावा छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं । अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गयी । हालांकि, अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है । दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया, जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है ।

घबराये सरकारी कर्मचारी दफ्तर छोड़कर भाग निकले हैं. राष्ट्रपति भवन में तालिबान के वार्ताकार मौजूद हैं और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है । इसके साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान का शासन शुरू हो गया है ।

एक ओर अमेरिका अपने दूतावासकर्मियों को निकालने के प्रयासों को तेज कर रहा है, वहीं दूसरी ओर हजारों आम लोग काबुल में उद्यानों और खुले स्थानों में शरण लिये हुए हैं । काबुल में रविवार को शांति रही, लेकिन कई एटीएम से नगदी निकासी बंद हो गयी, निजी बैंकों के बाहर सैकड़ों की तादाद में जमा लोग अपनी जीवनभर की पूंजी को निकालने की आस लगाये एकत्रित हुए ।

अफगानिस्तान के दो सैन्य प्रमुख उज्बेकिस्तान भागे

अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है । अफगानिस्तान के एक सांसद और तालिबान ने कहा कि चरमपंथियों ने काबुल से महज कुछ दूर पश्चिम में स्थित एक प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है । अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था । इसके साथ ही पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर चरमपंथियों का कब्जा हो गया । दो क्षेत्रीय सैन्य प्रमुख अत्ता मोहम्मद नूर और अब्दुल राशिद दोस्तम शनिवार को उज्बेकिस्तान भाग गये ।

नूर ने ट्विटर पर लिखा कि उत्तरी क्षेत्र का तालिबान पर कब्जा होना एक साजिश है । देश की चुनिंदा महिला डिस्ट्रिक्ट गवर्नर में से एक सलीमा माजरी ने मजार-ए-शरीफ पर तालिबान का कब्जा होने से पहले वहां से शनिवार को कहा था, ‘महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं बचेगी । प्रांतों पर तालिबान का कब्जा होने से वहां, शहरों में कोई महिला नहीं बचेगी । उनको उनके घरों के भीतर कैद कर दिया जायेगा ।’