ओमिक्रान अब भारत पहुंचा : स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रेस वार्ता में की पुष्टि

ओमिक्रान अब भारत पहुंचा : स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रेस वार्ता में की पुष्टि


-- समाचार डेस्क
-- 2 दिसंबर 2021

कोरोना के जिस वेरिएंट से पूरी दुनिया डरी हुई है, उसके दो रोगी भारत में भी मिले हैं । गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भारत में ओमिक्रॉन संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि करते हुए बताया कि बीती रात INSACOG ने कर्नाटक में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि की है । एक 66 साल के व्यक्ति और एक 46 साल के व्यक्ति में ओमिक्रोन का संक्रमण पाया गया है । उनकी निजता को देखते हुए पहचान जाहिर नही किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इन दोनों संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में जो भी आए हैं, उनकी पहचान कर टेस्ट किया जा रहा है । कहा कि जिन दो लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण पाया गया है वो दोनों दक्षिण अफ्रीका से आए थे और उनमें मामूली लक्षण देखे गए हैं ।

संयुक्त सचिव ने कहा कि "इसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है । लेकिन जागरूकता बहुत अहम है । संक्रमण के जो मामले पाए गए हैं उनमें मामूली लक्षण हैं । दुनिया में अब तक ओमिक्रॉन संक्रमण के जितने मामले आए हैं उनमें अब तक गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन संक्रमण के बारे में अभी और जानकारी इकट्ठा की जा रही है ।"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार  रिस्क ज़ोन कंट्री से 37 अंतरराष्ट्रीय उड़ान आई, जिनमें 7976 यात्री भारत आए । 10 यात्री अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं । कोरोना सैम्पल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजी गई ।  2 लोगों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है ।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि दुनिया का सबसे खतरनाक वेरिएंट तेजी से फैल रहा है और अब तक 29 देशों में ओमिक्रोन के 373 मामले अब तक दर्ज किए गए हैं ।

दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) के कार्यकारी कार्यकारी निदेशक एड्रियन प्योरन ने कहा है, ‘हमने सोचा नहीं था यह डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ देगा । ट्रांसमिशन के मामले में शायद यह स्पेशल वेरिएंट है ।'  बता दें कि ओमिक्रॉन के बारे में ज्यादा जानकारी अभी नहीं है, जैसे कि यह कितना संक्रामक है, क्या यह टीकों को चकमा दे सकता है आदि आदि ।

क्या है ओमिक्रॉन ?

ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के स्वरूप के मामले में बेहद अलग है । यह सार्स-सीओवी-2 का सबसे ज्यादा बदला हुआ स्वरूप है । इसकी आनुवंशिक संरचना में कुल 53 उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हैं ।अकेले स्पाइक प्रोटीन पर 32 म्यूटेशन हैं । स्पाइक प्रोटीन- सार्स सीओवी-2 वायरस के बाहर निकली हुई गांठ हैं, जो वायरस को कोशिकाओं से चिपकने में मदद करती है ताकि यह उसमें प्रवेश कर सके । अगर वायरस के स्वरूप से तुलना करें तो डेल्टा स्वरूप में नौ म्यूटेशन थे । ओमिक्रॉन में ज्यादा उत्परिवर्तन का यह मतलब हो सकता है कि यह ज्यादा संक्रामक है या फिर प्रतिरक्षा सुरक्षा से बचने में ज्यादा बेहतर है, ये सारे अनुमान बेहद चिंताजनक हैं ।

आखिर कैसे निबटा जाएगा इससे ?

कोरोना वेरिएंट को लेकर नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने कहा है कि जिन टूल्स का इस्तेमाल हमने कोरोना महामारी में इस्तेमाल किया है, वही हमें करना होगा । हॉस्पिटल इंफ्रा को भी चिन्हित किया गया है । ये नई चुनौती है । हम मामले को पकड़ पाए यानी सिस्टम काम कर रहा है । मास्क यूनिवर्सल वैक्सीन की तरह है, इसे लेकर लापरवाही न बरतें । यह तमाम वेरिएंट को रोकता है । वैक्‍सीन के दोनों डोज में देर न करें । इसके साथ ही हवादार माहौल में रहें । उन्‍होंने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है लेकिन जिम्‍मेदारी दिखाते हुए सजग रहना होगा ।