कफन चोरी करने के आरोपियों को बचाने के लिए 18 दिन में तीसरी बार पुलिस जांच दल बदल दी गयी...?

Police investigation team was changed for the third time in 18 days to save the accused of stealing the shroud...

कफन चोरी करने के आरोपियों को बचाने के लिए 18 दिन में तीसरी बार पुलिस जांच दल बदल दी गयी...?

-- विशेष संवाददाता
-- 13 जून 2021

गत अप्रैल माह में यूपी के बागपत में कफ़न चोर पकड़े गये थे। ये रात में लाशों से कफ़न नोचते थे। उन्हें दोबारा साफ करके और नामी कंपनी का नया स्टीकर लगाकर फिर ऊँची कीमत पर बेच देते थे। इन कफन चोरों को बचाने के लिए 18 दिन में, तीसरी बार पुलिस जांच बदल दी गयी। बागपत और हापुड़ से अब, गाजियाबाद पुलिस को जाँच मिली है। इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की आलोचना हो रही है ।

कौन थे ये कफन चोर, क्या था मामला ?

उत्तर प्रदेश की बागपत पुलिस ने गत 9 मई को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि उन्होंने ऐसे सात लोगों को गिरफ्तार किया है जो श्मशान घाट से मुर्दों के कफन चोरी कर बाजार में बेच देते थे। पुलिस ने इनके पास से सैकड़ों कफन बरामद किया था । मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटना का घिनौना सच यह था कि इस गैंग के सरगना ने कफन चुराने के लिए 300 दिहाड़ी पर मजदूर रखे हुए थे ।

गिरफ्तार चोरों ने पुलिस को बताया था कि श्मशान घाट से मुर्दों के कफन चोरी कर वह उन्हें प्रेस करके दोबारा बाजार में बेच देते थे। इस काम में श्मशान घाट के कर्मचारी उनकी मदद करते थे । सातों आरोपियों ने बताया कि इन दिनों एक के बाद एक शव कब्रिस्तान पहुंच रहे हैं। वे श्मशान घाट से इन कफन को चोरी कर लेते थे। फिर इन पर प्रेस करके इन पर ग्वालियर का मार्का लगाते थे। इसके बाद कफन को बाजार में बेचते थे। ग्वालियर मार्का लगा होने की वजह से उन्हें अच्छे दाम मिल जाते थे। गैंग में एक कपड़ा व्यापारी, उसका बेटा और भतीजा शामिल हैं। इनके साथ उनकी दुकान पर काम करने वाले 4 कर्मचारी और अंत्येष्टि स्थलों पर मजदूरी करने वाले लोग भी जुड़े हैं। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था । इनके पास से 520 कफन, 127 कुर्ते, 140 कमीज, 34 धोती, 12 गर्म शॉल, 52 साड़ी, तीन रिबन के पैकेट, 158 ग्वालियर के स्टिकर बरामद किए गये थे ।

कफन की रिपैकिंग कर बेचता था यह गिरोह

गिरोह कफन की रिपैकिंग कर इन्हें बेच देता था। एक कफन की कीमत 400 रुपए ली जाती थी। पकड़े गए आरोपियों में बड़ौत के नई मंडी में रहने वाला प्रवीण जैन, उसका बेटा आशीष जैन और भतीजा ऋषभ जैन, छपरौली के सबगा गांव का श्रवण कुमार शर्मा शामिल था । इनके अलावा राजू शर्मा, बबलू और शाहरूख को भी पकड़ा गया था । सभी कपड़ा व्यापारी थे । आरोपियों पर धारा-144 का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था । बड़ौत पुलिस ने इस गैंग के पास से सैकड़ों कफन बरामद किए थे । इसके पहले बागपत पुलिस ने एक दिन पहले एक कथित पुरोहित समेत दो लोंगों को गिरफ्तार किया था जो गंगा किनारे घाट पर अंतिम संस्कार के एवज में 15-15 हजार रुपये वसूल रहे थे।

दो साल से चल रहा था कारोबार

पुलिसिया पुछताछ में पता चला था कि मुर्दों के कफन बेचने के आरोपी करीब दो साल से इस व्यापार से जुड़े है। इन लोगों ने पिछले साल भी कोरोना काल के दौरान यह व्यापार जारी रखा था। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था ।