एनजीटी के कड़े रूख की वजह से बालू व्यवसायी बीडी प्रसाद हुए गिरफ्तार : तब भी नहीं थम रहा पलामू-गढ़वा में अवैध बालू का कारोबार

एनजीटी के कड़े रूख की वजह से बालू व्यवसायी बीडी प्रसाद हुए गिरफ्तार : तब भी नहीं थम रहा पलामू-गढ़वा में अवैध बालू का कारोबार

-- अरूण कुमार सिंह
-- 10 फरवरी 2022

गढ़वा जिले के नदियों से बालू के अवैध उत्खनन को लेकर NGT में संबद्ध मामले पर एक मुकदमा दर्ज कराया गया था । इसपर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त कदम उठाते हुए इस मामले के एक प्राथमिक और बहुचर्चित अभियुक्त को रांची से गिरफ्तार किया है । इनका नाम ब्रह्मदेव प्रसाद है जो पलामू और गढ़वा जिले में एक चर्चित व्यवसायी माने जाते हैं । चर्चित इस अर्थ में कि ये चुनाव भी लड़ते हैं, शराब और बालू के कारोबारी भी रहे हैं और इनका ताल्लुक राजनीति से भी है । ये समाजसेवा करने का भी दंभ भरते हैं । इन्होंने जदयू के टिकट पर पलामू के विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से पिछला विधानसभा चुनाव भी लड़ा था । इसके पूर्व भी वह कई बार चुनाव लड़ चुके हैं । पलामू-गढ़वा में इनकी सिर्फ राजनैतिक ही नहीं, प्रशासनिक पैठ भी है । ब्रह्मदेव प्रसाद उर्फ बीडी प्रसाद के गिरफ्तार होने की पुष्टि गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा ने भी की है । 

एनजीटी के निर्देश पर गढ़वा थाना के बेलचम्पा ग्रेफाइट फैक्टरी बालू घाट से अवैध बालू का उत्खनन और भंडारण की शिकायत मिलने पर गढ़वा जिला खनन पदाधिकारी ने थाना में मुकदमा दर्ज कराया था । यह घाट ब्रह्मदेव प्रसाद के नाम पर संचालित था । पुलिस ने इस मामले में बेलचम्पा के शेख अहमद और सीदे गांव के राजा सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि ब्रह्मदेव प्रसाद फरार चल रहे थे । एनजीटी के दबाव के बाद उन्हें रांची से गिरफ्तार किया गया है ‌।

पिछले दिनों हुए दो पीआईएल में भी है बीडी प्रसाद का नाम

पलामू के नावा बाजार थाना के पूर्व दारोगा लालजी यादव की मौत के बाद रांची हाईकोर्ट में दो जनहित याचिका दायर हुए हैं । इन दोनों जनहित याचिका में बीडी प्रसाद उर्फ ब्रह्मदेव प्रसाद को भी आरोपी बनाया गया है । इन दोनों याचिकाओं में कहा गया है कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर पलामू-गढ़वा में हो रहे अवैध खनन के किंगपिन हैं और ब्रह्मदेव प्रसाद उनके शागिर्द । 

अब, जबकि एनजीटी के मामले में ब्रह्मदेव प्रसाद की गिरफ्तारी हुई है तो उक्त दोनों जनहित याचिका के दायर कर्ताओं को कोर्ट में यह स्पष्ट करने में आसानी होगी कि बीडी प्रसाद को लेकर उन्होंने जो बातें अपने आवेदन में कहीं हैं, वे अन्यथा नहीं हैं ।

एनजीटी ने क्यों अपनाया सख्त रुख

दरअसल, गढ़वा जिले के कोयल और दानरों नदी सहित अन्य तमाम नदियों से बालू की अवैध निकासी और उठाव चरम सीमा पर था । अवैध बालू कारोबारियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन और माइनिंग विभाग की चुप्पी थी और इससे बालू कारोबारियों के हौसले बुलंद थे । ऐसी स्थिति में मामला  एनजीटी के पास पहुंचा जिसपर एनजीटी ने कड़ा रूख अपनाया । स्थानीय प्रशासन एनजीटी के आदेशों से कार्रवाई के लिए बाध्य हुआ । कई बड़े अवैध कारोबारियों की नींद अब गिरफ्तारी के डर से हराम है और वे भूमिगत हो गए हैं । इधर इस मामले में एनजीटी की अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित है । तब तक अवैध उत्खनन से हुई पर्यावरणीय नुकसान की जांच और कार्रवाई के लिए एक माह के अंदर राज्य स्तरीय ज्वाइंट कमेटी का का निर्माण कर एक्शन टेकन रिपोर्ट एनजीटी को सबमिट किया जाना है । गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा को एनजीटी द्वारा ज्वाइंट कमेटी का मेंबर बनाया गया है ।

पलामू में तो और भी बदतर है स्थिति

यह बात दीगर है कि पलामू जिले में अवैध बालू उत्खनन और इसके बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार को लेकर अभी तक एनजीटी में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करवाया है, लेकिन पलामू की स्थिति गढ़वा जिले से भी अधिक भयावह है । पलामू की एक भी नदी और नाले ऐसे नहीं हैं जहां से हर दिन अवैध बालू का कारोबार न हो रहा हो । डगरा पुलिस पिकेट और खजूरी-नौडीहा पुलिस पिकेट के बगल में बहने वाली नदी तक से यहां दिनदहाड़े बालू का अवैध उठाव होता है जो खुलेआम दो हजार रूपये प्रति ट्रैक्टर बिकता है । गरीब और पीएम आवास के लाभुकों के लिए घर बनाना मुश्किल है । पलामू का शायद ही कोई थाना हो, जहां के नालों और नदियों से अवैध बालू का उठाव न हो रहा हो !

पिछले दिनों हुसैनाबाद एसडीओ ने एक पत्र निर्गत कर बालू का निकासी/उठाव के रोकथाम के लिए सभी घाटों पर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी । इसके बावजूद भी आज तक हुसैनाबाद क्षेत्र में बालू का अवैध उठाव जारी है । हुसैनाबाद के देवरी ओपी क्षेत्र में सोन नदी के सोनपुरवा बालू घाट से बालू का उठाव हो रहा है