हरिहरगंज : प्रसव पीड़िता की मौत मामले में परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

हरिहरगंज : प्रसव पीड़िता की मौत मामले में परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप


-- कविलास मंडल
-- 18 नवंबर 2021

हरिहरगंज (पलामू) । स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद 28 वर्षीय प्रसव पीड़िता सरिता देवी की हरिहरगंज सीएचसी में मौत हो गई।‌ जबकि नवजात शिशु पुरी तरह स्वस्थ्य बताया गया। इससे नाराज पीड़िता के स्वजनों ने ईलाज में लापरवाहीं बरतने का आरोप लगाया है। मृतका के भाई डेमा गांव निवासी (राजद छात्र जिला प्रवक्ता) अवध प्रकाश ने बताया कि वह अपनी बहन को मंगलवार की सुबह 11 बजे सीएचसी में प्रसव के लिए लाए थे।

इसके बाद  बुधवार को अहले सुबह 3:30 बजे नॉर्मल डिलेवरी भी हो गया। किंतु प्रसव के साथ ही पीड़िता को लगातार ब्लीडिंग चालू हो गया और स्थिति बिगड़ गई।बावजूद इसके पीड़िता को बेहतर इलाज पर ध्यान नहीं देते हुए इलाज में लापरवाही बरती गई। जिस वजह से पीड़िता की सीएचसी में ही मौत होने की स्थिति भापकर आनन फानन में उसे रेफर कर दिया। उस दौरान डॉ अनिश अख्तर के साथ ही दो एएनएम सुमन कुमारी और फुलमनी कुजूर ड्यूटी में कार्यरत थे।

परिजनों ने बताया कि मृतिका पिछले करीब डेढ़ माह से हरिहरगंज के डेमा गांव अपने मायके में रह रही थी। जहां से उसे सीएचसी में प्रसव के लिए लाया गया था। मौके पर गुरूवार को डॉ आसिफ ड्यूटी पर मौजूद थे। जबकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार जरूरी कार्य से जिला गए थे। इस सम्बन्ध में जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि सीएचसी में प्रसव के बाद स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल रेफर क़िया गया था।

बता दें कि बुधवार को बिहार के औरंगाबाद जिले के ओबरा थाना अंतर्गत कदियाही गांव में मृतिका के ससुराल में दाह संस्कार सम्पन्न किया गया। इसके बाद गुरूवार को उसके परिजनों ने सीएचसी पहुंचकर पीड़िता की मौत पर आक्रोश जताया। बाद में इसकी सुचना पाकर हरिहरगंज थाना के एसआई सुमित दास दलबल के साथ सीएचसी पहुंचे। परिजनों से जानकारी प्राप्त किया। हालांकि इस सम्बन्ध में स्थानीय थाना को कोई लिखित सूचना नहीं दी गई है। मौके पर राकांपा प्रखंड अध्यक्ष सरोज प्रसाद कुशवाहा, भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष राजीव रंजन, राजद नेता बुधन सिंह यादव, कमलेश कुमार यादव, मुखिया उमेश साव आदि लोगों ने मामले को समझा बुझाकर शांत कराया और अस्पताल प्रबन्धन से चिकित्सीय व्यवस्था सुदृढ़ करने की बात कही।