पति ही भेजता था महाजन के साथ : एक लड़की की अजीब सी दास्तां सुनकर विधायक पहुंची उसके घर और...

पति ही भेजता था महाजन के साथ : एक लड़की की अजीब सी दास्तां सुनकर विधायक पहुंची उसके घर और...

-- अरूण कुमार सिंह

-- 3 अक्तूबर 2021

वो कहते हैं न, कि जिंदगी से बड़ी पहेली और बड़ा सिनेमा कोई नहीं है । यह किसे, कब और क्या-क्या दिखा जाती है, पता ही नहीं चलता । हर व्यक्ति दुनिया के इस रंगमंच पर अपनी कथानक जीने को मजबूर है । हर व्यक्ति के पास दर्द की अपनी चादर होती है, जिसे वह हर पल ओढ़ता-बिछाता और पहनता है । यह चादर दुनिया देख नहीं पाती...

(प्रियंका, उसके माता-पिता और बच्चे)

प्रियंका की कहानी, उसी की जुबानी

ऐसी ही एक कहानी है नौडीहा बाजार प्रखंड क्षेत्र के नामुदाग गांव के प्रियंका की । जब वह बीस दिन की थी, उसकी मां गुजर गयी । पिता ने फिर दूसरी शादी कर ली । जब वह छठी कक्षा में पढ़ती थी तो उसकी शादी तिलौथू के एक व्यक्ति से हो गयी । नाबालिग बच्ची अपने पति की जवान आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पायी । पति ने दूसरी लड़की का रूख किया । प्रियंका बताती है कि उसके पति का किसी और के साथ अफेयर था सो, वह मैके आ गयी और फिर उसने उसके साथ जाने से इंकार कर दिया । पिता ने उसकी दूसरी शादी एक साल बाद राजस्थान के एक व्यक्ति से कर दी । शादी हुई राम जानकी मंदिर मेदिनीनगर में । वह पति के साथ राजस्थान चली गयी । वहां उसने तीन बच्चों को जन्म दिया ।

एक बार भागकर घर आ गयी । अपने दादा-दादी को बताया कि उसका पति आपादमस्तक कर्ज में डूब गया है और जब वह समय पर महाजन को कर्ज नहीं चुका पाता और महाजन उसे तंग करते हैं तो वह उसे महाजन के पास उनकी हवस शांत करने के लिए भेज देता है । घर वालों ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया और उसे फिर वापस पति के साथ भेज दिया । कुछ दिनों बाद वह पुनः अपने मायके लौट आयी ।

प्रियंका का कहना है कि इस बार घर वालों ने उसे शरण नहीं दिया तो वह गांव में ही एक व्यक्ति के घर अपने तीनों बच्चों के साथ रहने लगी । उस व्यक्ति के साथ वह करीब तीन साल तक रही । फिर गांव का हर व्यक्ति सवाल उठाने लगा । यहां तक कि इस मसले को लेकर पंचायत तक हुई । फिर चारों तरफ से निराश होकर उसने पुलिस का सहारा लिया । पुलिस ने उसकी मदद की और उसके मां-पिता को बुलाकर कहा कि वे अपनी बेटी को साथ रखें, वरना सिर्फ जगहंसाई होगी ।

वह समाजसेविका तथा उद्घोषिका शर्मिला शुमि से भी मिली । शर्मिला ने उसे तात्कालिक आर्थिक सहायता और संबल दिया । उन्होंने उसकी पूरी कहानी जानी । मदद किया भी और आगे मदद का भरोसा भी किया । उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पुष्पा देवी को फोन कर उक्त महिला के मदद करने की अपील की ।

विधायक पहुंची प्रियंका के घर, अपने पैसे से सिलाई मशीन खरीदकर दिया

प्रियंका की कहानी सुनकर विधायक पुष्पा देवी और उनके पति सह पूर्व सांसद मनोज कुमार प्रियंका के घर पहुंचे । गांव वालों की मौजूदगी में उन्होंने प्रियंका को सिलाई मशीन देकर कहा कि अब उसे अपने पैरों पर खड़ा होने में सहूलियत होगी । उन्होंने कहा कि बीते दिनों को भूलकर अब वह नयी जिंदगी शुरू करे । समय समय पर वे उसकी मदद करते रहेंगे । प्रियंका ने कहा कि उसे इस बात का भरोसा नहीं हो रहा है कि एक दुखिया की पुकार पर ईश्वर की तरह विधायक और पूर्व सांसद ऐसे दौड़े चले आये और उन्होंने इस बेकार हाथ को एक हुनर दे दी । वह कपड़े सिलना बेहतर जानती है और यही काम करके अब वह अपने और अपने बच्चों का पेट भी भरेगी और उन्हें पाल पोस भी लेगी । प्रियंका के पिता और मां ने भी कहा है कि वे उसे किसी तरह का कोई कष्ट नहीं होने देंगे । 

अब दुनिया की चकाचौंध और सोहबत से अलग होकर प्रियंका अपने मां बाप और बच्चों के साथ ही रहना चाहती है । वह वापस नहीं जाना चाहती । सुनिये, प्रियंका और उसकी मां-पिता को :-