आखिर किस कारण हत्यारिन और कुमाता बनी थी मां कि अपनी ही दो बेटियों की जान ले ली...?

आखिर किस कारण हत्यारिन और कुमाता बनी थी मां कि अपनी ही दो बेटियों की जान ले ली...?

-- प्रमुख संवाददाता
-- 29 जून 2021

पलामू जिले के छतरपुर थानाक्षेत्र के कचनपुर गांव से बीते रविवार को एक दिल दहलाने वाली घटना प्रकाश में आयी थी जिसमें कुमाता और हत्यारिन बनी मां ने अपनी दो बेटियों की हत्या कर शव को कुयें में फेंक दिया था । महिला की तीसरी बेटी, जो करीब दो-ढाई साल की है, को बाल संरक्षण आयोग के पहल पर एक संस्था ने गोद लिया है । आरोपी मां ने अपना अपराध कबूल कर लिया है और पुलिस ने बच्चियों की हत्या के आरोप में महिला और उसके पति को जेल भेज दिया है । मृत बच्चियों में एक 6 साल और 4 साल की थी ।

इस पूरे परिप्रेक्ष्य में अब तक जो तथ्य प्रकाश में आये हैं उसके मुताबिक उक्त महिला ने रविवार की देर रात पहले उक्त दोनों बच्चियों को गला दबाकर मार डाला और फिर अहले सुबह उनके शव को कुयें में फेंक दिया । हांलाकि बच्चियों की मौत के कारण पर उनका पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही असली मुहर लगायेगी ।

तीसरी बच्ची के जन्म के बाद ही अनिता को छोड़कर भाग गया था उसका पति

अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, अनिता ने बड़ा ऑपरेशन के माध्यम से ही तीनों बच्चियों को अस्पताल में ही जन्म दिया था । दो बच्ची होने के बाद अनिता के पति अर्जुन और उसके परिवार वालों को यह उम्मीद थी कि तीसरा गर्भ लड़का ही होगा । लेकिन जैसे ही अस्पताल प्रशासन ने बच्ची होने की खबर दी, बताते हैं कि अनिता का पति और उसके ससुराल के सभी लोग अस्पताल से अचानक चले गये । इसके कुछ ही महीने बाद अनिता के पति ने एक स्वजातीय लड़की को भगाकर दूसरी शादी कर ली ।

लोग बता रहे हैं कि दूसरी शादी से नाराज और पति तथा ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर अनिता देवी अपने मैके कचनपुर में आकर रहने लगी । अनिता के मां-बाप बच्चियों को बहुत प्रेम करते थे । लेकिन मैके में रहते हुए वह अपनी बेटियों के पालन पोषण को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी । हमेशा उसे आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था ।

बेटियाँ बढ़ रही थीं । उनकी मांगें भी बढ़ रही थीं । भविष्य में उनकी शादी और दहेज की चिंता भी अनिता को परेशान करती थी । लेकिन इन सबके बीच उसके मन में आशा की एक किरण अभी यह बची थी कि उसके पति ने उसका परित्याग भले ही कर दिया हो, बेटियों को वह जरूर एक नजर देखेगा !

अर्जुन की दूसरी शादी के बाद गांव में पंचायत बुलाई गई थी । पंचायत के दौरान अर्जुन यादव ने अपनी पहली पत्नी को 1 बीघा जमीन भरण-पोषण के लिए दिया था । कुछ नकद देने का भी वायदा किया था । अर्जुन यादव बाहर रहकर मजदूरी करता था । लॉकडाउन में वह अपने घर मुरुमदाग आ गया था ।

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से अनिता उससे लगातार संपर्क साधने की कोशिश कर रही थी । लेकिन वह अर्जुन से संपर्क साधने में कभी असफल रही तो कभी अर्जुन ने उससे बात करना ही नहीं चाहा ! इसी स्थिति ने उसे गहरे तनाव में ढकेल दिया और उसने अपनी दोनों बेटियों की हत्या कर दी । तीसरी बेटी को उसने किस तरह और क्यों जिन्दा छोड़ा, यह अभी तक रहस्य ही बना हुआ है ।