इस व्यक्ति का दावा है कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बाद उसका पूरा शरीर चुम्बक में बदल गया है...

This person claims that after two doses of corona vaccine, his whole body has turned into a magnet.

इस व्यक्ति का दावा है कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बाद उसका पूरा शरीर चुम्बक में बदल गया है...

-- इस व्यक्ति के दावों की हो रही है जांच । जानकारों ने कहा- वैक्सीन लेने से ऐसा होना संभव नहीं


-- समाचार डेस्क
-- 11 जून 2021

नासिक के एक अरविंद सोनार नामक एक व्यक्ति का दावा है कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद उसका शरीर चुंबक की तरह काम कर रहा है । हालांकि जानकारों और एक्सपर्ट ने उसके इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि कि वैक्सीनेशन की वजह से ऐसा नहीं हो सकता ।

अपने दावे की सच्चाई बताने के लिए अरविंद सोनार ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उनके शरीर से सिक्के और अन्य कई सामान चिपके दिख रहे हैं । यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है । अरविंद का कहना है कि उसने कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक नौ मार्च को ली थी और दूसरी खुराक दो जून को ।

इस मामले में अब महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जांच के आदेश दिए हैं । उन्होंने कहा है कि- "इस मामले में क्या सच्चाई है, उसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए । इसके पीछे कोई चिकित्सीय कारण है या कुछ और यह सच जल्द सामने आना चाहिए ।‌इसलिए हमने इस मामले की जांच का आदेश दिया है ।"

प्रशासन को वीडियो मिलने के बाद डॉक्टर्स की एक टीम बीते बुधवार को अरविंद केनघर जांच करने के लिए पहुंची थी । जांच के बाद डॉक्टरों का कहना है कि यह रिसर्च का विषय है और अभी इस पर कोई भी बयान देना जल्दबाजी है। फिलहाल हम इसकी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को भी देंगे। उनके निर्देशों के अनुसार काम किया जायेगा।

अरविंद की इस स्थिति पर बीबीसी हिंदी ने भी एक स्टोरी की है जिसमें संबद्ध संवाददाता ने अरविंद से इस स्थिति को लेकर बात की है जिसमें उन्होंने कहा है कि - "मैं अपने बेटे के साथ यूं ही बात कर रहा था तो उसने मुझे एक ख़बर के बारे में बताया कि वैक्सीन लेने के बाद स्टील की वस्तुएँ लोगों से चिपकने लगती हैं, मैंने भी जाँचने के लिए देखा तो पता लगा मेरे साथ भी ऐसा हो रहा था ।"

बीबीसी हिंदी के संवाददाता ने संबद्ध स्थिति पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के डॉक्टर हामिद दाभोलकर से बात की है । डॉक्टर दाभोलकर ने कहा कि, "शरीर से सिक्के एवं बर्तन का चिपकना भौतिकी के नियम के मुताबिक मुमकिन है । अगर त्वचा में नमी हो और चिपकने की जगह पर वैक्यूम कैविटी बने तो यह संभव है । लेकिन इसे टीकाकरण से जोड़ना सही नहीं है । हमारे साथ काम करने वाले लोग कई बार ऐसे दावों का सच सामने ला चुके हैं ।" दाभोलकर के मुताबिक टीकाकरण अभियान कोरोना के खिलाफ़ महत्वपूर्ण हथियार है, ऐसे में इसे लेकर किसी भी सनसनीखेज दावे से बचना चाहिए ।

जेजे मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. तात्यारावे लहाने ने भी सोनार के दावे को ख़ारिज किया है । जबकि नासिक के जिला चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक थोराट ने बीबीसी को बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें मीडिया से मिली थी  । उन्होंने कहा, "हम इस मामले की जाँच के लिए विशेषज्ञों को भेज रहे हैं, इसके बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगे । फिर सरकारी निर्देश के मुताबिक मामले को देखा जाएगा ।" अशोक थोराट ने यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन से इस तरह की चीजें नहीं हो सकतीं ।

वैसे सोनार के दावे के साने आने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य समीर चंद्राराते ने कहा है कि किसी शख़्स के शरीर से धातु चिपकने का अध्ययन धातु विज्ञानियों को भी करना चाहिए । समीर चंद्राराते ने कहा, "इसका कोविड वैक्सीन से कोई लेना देना नहीं है । वैक्सीन लेने से दर्द और बुख़ार हो सकता है. इसके अलावा अगर इस तरह की बात हो तो उसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता । ऐसी अफ़वाहों से टीकाकरण का अभियान प्रभावित होगा । भौतिक विज्ञानी और धातु वैज्ञानिकों को अध्ययन करना चाहिए कि ऐसे लोगों के शरीर में मेटल के पदार्थ कैसे चिपकते हैं ।"