बेटी व पौधे सृष्टि को बढ़ाने एवं बचाने का करते हैं कार्य: पूनम व कौशल

Daughter and plants work to increase and save the world: Poonam and Kaushal

बेटी व पौधे सृष्टि को बढ़ाने एवं बचाने का करते हैं कार्य: पूनम व कौशल


- समाचार डेस्क
-- 26 सितंबर 2021

छत्तीसगढ़ के राजपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय परिसर में विश्व बेटी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह वन राखी मूवमेंट के अगुआ कौशल किशोर जायसवाल और उनकी धर्मपत्नी पूनम जायसवाल ने बेटियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए  पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ कपूर व रुद्राक्ष के पौधे भी विद्यालय परिसर में लगाये ।

पर्यावरणविद् कौशल ने अपने संबोधन में कहा कि बेटियां सृष्टि को जन्म देतीं हैं और पेड़-पौधे सृष्टि को नष्ट होने से बचाने का कार्य करते हैं । इसीलिए हमारे देश में नारी,  नीर, बेटियों और वृक्षों की पूजा की जाती है । समाज में जब बेटी जन्म लेती है तो हमारी परंपरा में उसे लक्ष्मी  का स्वरूप माना जाता है। इसलिए दुर्गा पूजा में नवमी के दिन 9 बेटियों को अंग वस्त्र देकर उनकी पूजा की जाती है । कौशल ने वन, पौधों और बेटियों को नष्ट नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर इन्हें सुरक्षित नहीं किया गया तो लोगों की जिंदगी तबाह हो जाएगी। पौधे और बेटियों की रक्षा और सेवा से ही सृष्टि को नाश होने से बचाया जा  सकता है ।

संस्था के प्रधान सचिव पूनम जायसवाल ने कहा कि जहां नारियों की पूजा होती है वहीं देवताओं का वास होता है । उन्होंने कहा कि जिस समाज में नारियों का सम्मान और पूजा नहीं किया जाता वहां अध्यात्म कहता है कि उस जगह पर जीवन का  कोई भी सत्कर्म सार्थक नहीं होता है।उन्होंने पौधे को लगाकर बच्चे की तरह देखभाल करने की बातें कही ।

वार्डेन उर्मिला मींज ने पर्यावरणविद् कौशल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति में सेवा, समर्पण और त्याग की पराकाष्ठा नहीं होगी वह इतने लंबे अरसे तक अपनी निजी खर्चों पर समाज और देशहित के इस अभियान को जारी नहीं रख सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरणविद् के द्वारा पूर्व में उनके  विद्यालय में लगाए गए पौधे अब पेड़ के रूप में फल फूल देने लगे हैं। विद्यालय की ओर से पर्यावरणविद् को सम्मानित भी किया गया। मौके पर अलीमा, प्रिंसी, खुशबू उपाध्याय, साक्षी यादव, अंजू यादव, पायल दास, ज्योति, प्रतिमा, अनीता, रागिनी, दुर्गा कुमारी समेत कस्तूरबा की सैकड़ों छात्राएं उपस्थित थीं।