9 देशों में तबाही मचाने के बाद कोरोना का सबसे खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट, भारत में इसके हैं 3 दर्जन से अधिक मरीज

Corona's most dangerous Delta Plus variant after causing havoc in 9 countries, it has more than 3 dozen patients in India

9 देशों में तबाही मचाने के बाद कोरोना का सबसे खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट, भारत में इसके हैं 3 दर्जन से अधिक मरीज

-- समाचार डेस्क
-- 23 जून 2021

कोरोनावायरस की दूसरी लहर में भयानक मंजर देख चुके देश में अब तीसरी लहर की चिंता सता रही है । कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट के बाद एक नया वेरिएंट, डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है, जो माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है । 23 जून, 2021 तक देश में इस नए वेरिएंट के 40 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं । महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वेरिएंट को देखते हुए अलर्ट पर रखा गया है । 

INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomic Consortia) की ओर से मध्य प्रदेश के भोपाल, केरल के पलक्कड़ और महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव की संक्रमण के मामलों के चलते पहचान की गई है और केंद्र ने इस आधार पर इन राज्यों को जिले में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा है । विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि अभी इस वेरिएंट के व्यवहार की कोई जानकारी नहीं है, ऐसे में स्थिति बहुत चिंताजनक है ।

Delta Plus variant क्या है?

यह नया वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट यानी B.1.617.2 स्ट्रेन का नया म्यूटेंट वर्जन है । विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट ने ही दूसरी लहर में लाखों लोगों को संक्रमित किया था और उस लहर में हजारों लोगों की जान गई थी ।

कोरोनावायरस का डेल्टा वैरिएंट पहली बार उत्तर पूर्व के 2 राज्यों में मिला । सूत्रों ने बताया कि यह वैरिएंट मणिपुर और मिजोरम में पाया गया है । हैदराबाद की एक लैब में मणिपुर के 20 सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें से 18 डेल्टा वैरिएंट के पाए गए हैं । मिजोरम में कोरोना के अत्यधिक संक्रामक वैरिएंट B.1.617.2. के चार मामले सामने आए हैं । वहीं, आइजवाल जिले में चार कोरोना मरीजों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है । इनके सैंपल पश्चिम बंगाल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोमेडिकल जेनोमिक्स को  भेजे गए थे ।

सरकार का इस वेरिएंट पर क्या कहना है?

सरकार की ओर से अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, यह वेरिएंट ज्यादा ट्रांसमिसिबल है‌ ।‌ यह फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स को ज्यादा मजबूती से पकड़ता है । इससे मोनोक्लोनल एंटीबॉडी रिस्पॉन्स में कमी होने की आशंका है ।

तो यह कितना खतरनाक है?

अभी इस बात को लेकर बहुत प्रमाण नहीं है कि यह वेरिएंट कितना संक्रामक है । यह वेरिएंट भारत के अलावा यूएस, यूके, पुर्तगाल, स्विट्ज़रलैंड, जापान, पौलेंड, रूस और चीन में मिल चुका है ।

क्या इसपर वैक्सीन काम नहीं करती हैं?

अभी यह कहना जल्दबाजी होगी । सरकार का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन प्रभावी हैं, लेकिन ये डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी हैं, इसपर आंकड़े बाद में साझा किए जाएंगे ।

देश मे कोरोनावायरस की दूसरी लहर में वायरस के डेल्टा वेरियंट ने तबाही मचाई थी, अब इसके डेल्टा प्लस वेरियंट (Delta Plus Variant) को लेकर डर सताने लगा है. ऐसी सुगबुगाहट है कि देश में तीसरी लहर (Corona Third Wave) इस वेरियंट के चलते आ सकती है । अब तक इस वेरियंट से संक्रमित 40 से ज़्यादा केस सामने आ चुके हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में हैं.मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा प्लस 'वेरियंट ऑफ कंसर्न' है । फिलहाल, डेल्टा प्लस वेरियंट के मामले सिर्फ तीन राज्यों केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ही नही हैं. ये दूसरे राज्यों में भी पाए जा रहे हैं, लेकिन वे बिखरे हुए तरीके से पाए जा रहे हैं । अभी तक महाराष्ट्र में 21, मध्य प्रदेश में 6, केरल में 3, पंजाब में 1, तमिलनाडु में 3 और आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 1-1 मरीज मिले हैं ।

ब्रिटेन में तबाही मचा रहा है यह वेरिएंट

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार,( Delta के सभी वेरिएंट VOC (Variant of concern) हैं । डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट के दुनिया में 205 मामले हैं, इसमें आधे से ज्‍यादा मामले अमेरिका और ब्रिटेन में हैं । पहली बार इस वेरिएंट की जानकारी 11 जून को लगी थी,वो भी महाराष्ट्र के पुराने 5 अप्रैल के सैंपल के जरिए Delta प्लस की बात सामने आई थी । देश में डेल्‍टा वेरिएंट के 40 के करीब मामले हैं, अब तक 45 हजार से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग हो चुकी है ।

बता दें कि अभी मंगलवार की शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग हुई थी, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस नए वेरियंट की जानकारी दी थी । प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरियंट अभी 9 देशों में है- यूके, यूएस, जापान, रशिया, भारत, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, नेपाल और चीन । उन्‍होंने कहा कि राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा गया है कि कैसे डेल्टा प्लस वेरियंट को डील करना है । हम नहीं चाहते हैं कि डेल्टा प्लस वेरियंट आगे बढ़े ।‌विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वेरियंट देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है ।

नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने बताया कि 'कोरोना की नई लहर इसलिए आती है क्योंकि वायरस घूम रहा है । ऐसे में अगर वायरस रूप बदल देता है तो दिक्‍कत हो जाती है । इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है । हम वैक्सीन के जरिए ससेप्टिबिलिटी को बदल सकते हैं.ट । अगर हम वायरस को मौका नही देते हैं तो दिक्क्क्त नही होगी.कई देशों में चार वेव तक आयी है । कोरोना वेब को लेकर कही रूल नहीं है, इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता ।'
-- एनडीटीवी से साभार