हाईकोर्ट ने अपने लिखित आदेश में भी स्पष्ट किया : पलामू प्रमंडल में 26 अप्रैल तक पूरी तरह बंद रहेगा खनन और परिवहन

हाईकोर्ट ने अपने लिखित आदेश में भी स्पष्ट किया : पलामू प्रमंडल में 26 अप्रैल तक पूरी तरह बंद रहेगा खनन और परिवहन

हाईकोर्ट ने अपने लिखित आदेश में भी स्पष्ट किया है कि पलामू प्रमंडल में 26 अप्रैल तक खनन और परिवहन पूरी तरह से बंद रहेगा। आदेश में कोर्ट ने एसआईटी को महज तीन दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय को सौंपने को कहा है । इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी ।

कल से आजतक हाईकोर्ट की खबर को झूठी बताने में सक्रिय रहा एक विंग, खनन व परिवहन भी चालू रहे

जैसे ही मीडिया में यह खबर आयी कि 26 अप्रैल तक पलामू प्रमंडल के पलामू, गढ़वा व लातेहार जिले में सभी तरह के खनन बंद रहेंगे, इस खबर को झूठी खबर बताने के लिए एक विंग सक्रिय हो गया और सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से फैलायी जाने लगी कि यह फेक और बेबुनियाद खबर है । ऐसे माहौल के बीच पाठक से लेकर मीडियाकर्मी तक उहाफोह की स्थिति में आ गए । समाचार लिखे जाने तक पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले के माइनिंग हब के तौर पर जाने जानेवाले इलाकों में खनन और परिवहन गतिविधि चालू रहने की खबर है । संबद्ध स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि खनन और परिवहन पूरी तरह बंद कराने से संबद्ध आदेश अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा है ।

आखिरकार हाईकोर्ट ने संबद्ध आदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करते हुए इस उहाफोह की स्थिति को खत्म कर दिया गया है । आप भी हाईकोर्ट के इस आदेश को देखें -

आदेश में कहा गया है कि -
रांची में झारखंड के उच्च न्यायालय में डब्ल्यू.पी. (पीआईएल) 2019 की संख्या 6445, जिसके याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य और अन्य केस में जस्टिस संजय कुमार मिश्र और सीजेआई आनंद सेन एवं जिस केस में याचिकाकर्ता की ओर से राजीव कुमार और राज्य सरकार की ओर से पीयूष चित्रेश ने पैरवी की ।

संबद्ध आदेश में कहा गया है कि - "हमारे द्वारा गठित कमेटी तीन दिन के भीतर स्टेटस रिपोर्ट फाइल करे । इस मामले को 26.04.2023 को सूचीबद्ध करें। यह भी निर्देशित किया जाता है कि पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले में इस समय सीमा के भीतर कोई भी खनन गतिविधि और खनिजों का परिवहन न हो । संबंधित तीन जिलों के उपायुक्त को माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया है ।"