पलामू: नावाबाजार के निलंबित थाना प्रभारी ने की आत्महत्या : एनएच 98 जाम : पलामू एसपी हाय-हाय के लगे नारे

पलामू: नावाबाजार के निलंबित थाना प्रभारी ने की आत्महत्या : एनएच 98 जाम : पलामू एसपी हाय-हाय के लगे नारे

-- बबलू कुमार गुप्ता और अपना हिन्दुस्तान टीम
-- 11 जनवरी 2022

पलामू जिले के नावाबाजार थाना के चार दिन पूर्व निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव ने सोमवार की रात आत्महत्या कर ली। मंगलवार की सुबह उनका शव थाना परिसर स्थित क्वार्टर में फांसी के फंदे से झूलता मिला। वे साहिबगंज के निवासी थे। घटना की सूचना मिलते ही पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा मौके पर पहुंच गये हैं । पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या करने की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण थाना के पास एकत्र हो गए हैं और एनएच 98 (मेदिनीनगर- औरंगाबाद मुख्य पथ) को जाम कर दिया । सभी लोग पलामू एसपी और जिला परिवहन पदाधिकारी के विरोध में नारे बाजी कर रहे हैं । करीब पिछले तीन घंटे से एनएच 98 जाम है । थाना के गेट पर और सड़क पर हजारों लोग हैं । जाम को हटाने के लिए पुलिस के कई जूनियर पदाधिकारी लोगों को समझाने में जुटे हुए हैं। लेकिन ग्रामीण उनसे बार-बार यह सवाल पूछ रहे हैं की आत्महत्या का कारण क्या है? हालांकि पलामू पुलिस की ओर से इस बावत जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया है कि - "प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि बुड़मु में मालखाना का प्रभार सौंपने से उत्पन्न जटिलताओं के कारण बीती रात लालजी यादव ने खुदकुशी कर ली है । यह बात प्रारंभिक जांच में सामने आयी है । मामले की जांच की जा रही है ।"

बताया जाता है कि स्व० यादव रांची के बुढ़मू थाने में मालखाना का प्रभार देकर सोमवार की शाम नावाबाजार थाना परिसर स्थित अपने क्वार्टर में लौटे थे। रात 8 बजे अपने कमरे में सोने चले गए थे। मंगलवार की सुबह  वे कमरे से बाहर नहीं निकले तो उनके सहयोगियों ने दरवाजा खटखटाया । जवाब नहीं मिलने पर पुलिस कर्मी उनके कमरे के अंदर गये । वहां  देखा कि उनका शव पंखा से झूल रहा है।

एसपी ने स्व० लालजी यादव को ऐसे किया था निलंबित

जानकारी के अनुसार 5 जनवरी की शाम पलामू के जिला परिवहन पदाधिकारी ने दूरभाष पर पुलिस अधीक्षक को सूचना दी थी कि उन्होंने तीन ट्रक को जब्त कर सुरक्षा के लिए नावाबाजार के थाना प्रभारी लालजी यादव सौंपा है। बावजूद वे सीजर लिस्ट लेने से इंकार कर रहे हैं। काफी अनुरोध के बाद भी थाना प्रभारी सरकारी कार्य में सहयोग करने को तैयार नहीं हैं। इस सूचना पर एसपी ने स्वयं थाना प्रभारी को फोन पर जिला परिवहन पदाधिकारी को विधिवत सहयोग करने का निर्देश दिया। थोड़ी देर के बाद पुनः जिला परिवहन पदाधिकारी ने फोन कर एसपी को बताया थ कि थाना प्रभारी अब भी सहयोग करने को तैयार नहीं हैं। साथ ही अनाप-शनाप बोल रहे हैं। एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया।  विश्रामपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरजीत कुमार को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया। जांचकर्ता अधिकारी ने अपनी रिर्पोट में पूरे मामले की जानकारी एसपी को दी। इस रिर्पोट के आधार पर थाना प्रभारी लालजी यादव को 6 जनवरी को निलंबित कर दिया गया था। बताया गया कि रिर्पोट से स्पष्ट होता है जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा जब्त किए गए वाहनों को थाना में सुरक्षार्थ रखे जाने के अनुरोध पर पुअनि लालजी यादव ने थाना परिसर में रखे जाने से इंकार किया। जब्ती सूची प्राप्त नहीं करना व सरकारी पदाधिकारी व कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। यह पुअनि लालजी यादव का मनमाना रवैया, आदेश का उल्लंघन, स्वेच्छाचारिता व कर्तव्यहीनता को दर्शाता है। जिला परिवहन पदाधिकारी की गई शिकायत में जांचोपरांत लालजी यादव दोषी पाए गए। एसपी ने उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में नावाबाजार के थाना प्रभारी सह पुलिस अवर निरीक्षक लालजी यादव को कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन यापन भत्ता पर निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पलामू पुलिस केंद्र को बनाया गया था।

स्थानीय ग्रामीणों ने यह कहा

मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों का कहना है कि लालजी यादव स्वभाव से काफी व्यवहारिक और मिलनसार थे । वे अमीर-गरीब सभी की सुनते थे और सभी को समान रूप से इज्जत भी करते थे । ऐसे में डीटीओ का यह कहना कि उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, गलत है । बल्कि डीटीओ सड़क पर गाड़ी रोककर क्या क्या करते हैं, किसी उच्चाधिकारी को यह भी देखना चाहिए ।

आंदोलनकारियों पलामू एसपी को हटाने और मौके पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे हैं । लोगों का कहना है कि गरीब घर के प्रतिभाशाली अधिकारी पैसे देकर अपनी पोस्टिंग करवाने को मजबूर हैं । ऐसे में पलामू का हर थाना आज सिर्फ पैसे उगाही का केन्द्र बन गया है ।