मेदिनीनगर में आज से इप्टा का राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ : तीन दिवसीय कार्यक्रम में नेहा सिंह राठौर सहित देश के दर्जनों नामचीन कलाकार करेंगे शिरकत

मेदिनीनगर में आज से इप्टा का राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ : तीन दिवसीय कार्यक्रम में नेहा सिंह राठौर सहित देश के दर्जनों नामचीन कलाकार करेंगे शिरकत

भारतीय जन नाट्य संघ ( इप्टा ) का 15 वां राष्ट्रीय महाधिवेशन झारखंड के पलामू जिला स्थित मेदिनीनगर (डालटनगंज) शहर में आयोजित हो रहा है। 17 से 19 मार्च तक आयोजित इस महाधिवेशन के दौरान तीन दिवसीय नीलांबर-पितांबर लोक महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ रंगकर्मी राकेश वेदा ने कही। वे स्थानीय टाउन हॉल के गांधी स्मृति हॉल में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन की सफलता के लिए प्रसिद्ध कलाकार शबाना आजमी, एम एस सथ्यू, अंजन श्रीवास्तव समेत फिल्मी दुनिया के कई कलाकारों ने अपने शुभकामना संदेश प्रसारित किए हैं।

उन्होंने भारतीय जन नाट्य संघ की विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि इप्टा ने मेहनतकश जनता की आवाज को विभिन्न कलारूपों के जरिए आवाज दी है। आज जब संस्कृति और साझी विरासत पर लगातार हमले हो रहे हैं और प्रगतिशील, जनवादी कलाकार, संस्कृतिकर्मी, गायक, नाटककार, लेखक दमन का सामना कर रहे हैं, तब लगातार इप्टा सत्ता के खिलाफ मजबूती से खड़ी होती रही है। अभिव्यक्ति की आजादी पर होने वाले हर हमले के खिलाफ इप्टा पूरे देश में मजबूती से खड़ी होती है। शीतल साठे से लेकर आनंद पटवर्धन तक इसके उदाहरण हैं, जब इप्टा ने सरकार के निशाने पर रहे संस्कृतिकर्मियों को जोड़ने का काम किया है। इसी क्रम में हाल ही में युवा गायिका नेहा सिंह राठौर के साथ इप्टा मजबूती से खड़ी हुई है।

आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ अरुण शुक्ला ने कहा कि समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व की हिफाजत के लिए, समाज मे फैले वैमनस्य को दूर करने के लिए, और प्रेम के संदेश को लेकर यह आयोजन किया जा रहा है। यह पलामू जिले के लिए गर्व की बात है कि देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन का राष्ट्रीय सम्मेलन डालटेनगंज शहर में हो रहा है, जिसमें देश भर से 600 से अधिक कलाकार और संस्कृतिकर्मी हिस्सा लेंगे और भारत की बहुआयामी लोक परंपरा की विविध साझी सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत करेंगे।

इस दौरान इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि  इप्टा के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन और सांस्कृतिक महोत्सव का औपचारिक आगाज 17 मार्च को होगा, लेकिन इसकी पूर्व संध्या पर गांधी स्मृति टाउन हॉल में 16 मार्च की शाम को इंदौर इप्टा की ओर से प्रस्तुत नाटक "धीरेंद्र मजूमदार की मां" का मंचन किया जाएगा। इसकी मुख्य पात्र फ्लोरा बोस 200 से अधिक नाटकों और फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। उन्होंने बादल सरकार, इब्राहिम अलकाजी, हबीब तनवीर समेत कई दिग्गज निर्देशकों के साथ काम किया है। नाटक की निर्देशक और संस्कृतिकर्मी जया मेहता ने कहा कि यह नाटक विभाजन की त्रासदी और उससे विस्थापित होने वाले लोगों के साथ समकालीन मुद्दों पर तीखे सवाल खड़े करता है।

इसके अलावा शाम साढ़े सात बजे से मशहूर गजलकार और संस्कृतिकर्मी कैफी आजमी के जीवन पर आधारित सुमंत्रा घोषाल की फिल्म "कैफीनामा", केपी स​शी का म्यूजिक वीडियो "अमेरिका अमेरिका" और मसूद अख्तर की फिल्म "कहां कहां से गुजरे" का प्रदर्शन किया जाएगा। 17 मार्च को सुबह साढ़े नौ बजे झंडा वंदन और शहीदों को श्रद्धांजलि से कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन होगा। इसके बाद कला और पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा। इसमें देश के मशहूर चित्रकारों के चित्रों समेत कविता पोस्टर और इप्टा के कलाकारों, लेखकों के वक्तव्यों की झांकी प्रस्तुत की जाएगी। दोपहर 2 बजे से रंग जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें देश भर से आए 600 कलाकारों के अलावा झारखंड के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकार हिस्सेदारी करेंगे। इसमें शहर में जगह जगह कला रूपों का प्रदर्शन, जनगीतों का गायन, नृत्य नाटिकाएं आदि प्रस्तुत की जाएंगी।

आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम भसीन ने कहा कि इप्टा के इस महत्वपूर्ण और बहुप्र​तीक्षित आयोजन के लिए संस्कृतिकर्मी, कलाकारों का डाल्टेनगंज आना शुरू हो गया है। 16 मार्च की शाम तक 600 से अधिक कलाकार यहां पहुंच जाएंगे, जो बाद में 17 मार्च को रंग जुलूस में शामिल होंगे और अलग अलग समय में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने बताया कि आयोजन में झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, बिहार, आंध्र प्रदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस दौरान महशूर सूफी गायक मीर मुख्तियार अली और उनकी टीम की ओर से विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 18 मार्च को "समकालीन परिदृश्य: मुद्दे और रचनाकर्म", "खेती किसानी का संकट", "सामाजिक न्याय, आर्थिक असमानता और सांप्रदायिकता", "वैज्ञानिक चेतना और तार्किकता" और "जेंडर के सवाल" पर ​देश भर से आए बुद्धिजीवी, कलाकार, एक्टिविस्ट, पत्रकार और संस्कृतिकर्मी अपनी बात रखेंगे। इस दौरान देश की मौजूदा सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक परिस्थितियों पर विचार विमर्श कर आने वाले समय के लिए इप्टा की कलात्मक अभिव्यक्ति का खाका खींचा जाएगा।

इसके अलावा तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों की ओर से प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस दौरान लकी गुप्ता का नाटक मां मुझे टैगोर बना दे का भी मंचन किया जाएगा। सम्मेलन के समापन अवसर पर बिहार और पंजाब के लोक नृत्यों के अलावा जनगीतों की प्रस्तुति होगी। साथ ही सीमा घोष का पंडवानी गायन इस शाम की विशेष प्रस्तुतियों में शामिल होगा। इसी मौके पर च​र्चित लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के लोक गीतों की प्रस्तुति भी होगी।