भारतीय संस्कृति में देवताओं की तरह पेड़ों की होती है पूजा : कौशल

भारतीय संस्कृति में देवताओं की तरह पेड़ों की होती है पूजा : कौशल


-- समाचार डेस्क

मेदिनीनगर शहर के बैरिया स्थित आकाशवाणी प्रांगण में ब्रह्माकुमारीज़ ओम शांति डाल्टेनगंज की ओर से संचालित अभियान कल्प तरूह के तहत आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ कल्पतरु का पौधा लगाकर किया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि जो निःस्वार्थ रूप से लोगों को कुछ देता है उसे देवता कहा जाता है । ठीक उसी प्रकार वृक्ष भी दूसरे के परोपकार के लिए ही होता है और वह समाज के लोगों को  केवल देता ही है।  किसी से कुछ  लेता नहीं है। इसीलिए  भगवान शिव के समान वृक्ष की  पूजा करने की परम्परा हमारे संस्कृति में समाहित है।

कौशल ने कहा कि उनके द्वारा अपने निजी खर्चों पर चलाए गए निःशुल्क पौधा वितरण सह रोपन के 56 वां वर्ष पूरा होने पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी नेपाल,  भूटान समेत देश के 10 राज्यों मे 2 लाख निशुल्क पौधों का वितरण सह रोपन, वृक्षों पर रक्षाबंधन और पर्यावरण पर गोष्टी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसका शुभारंभ पलामू प्रमंडलीय आयुक्त  जटाशंकर चौधरी के द्वारा 19 जुलाई को जिले के छतरपुर अनुमंडल के ग्राम पंचायत डाली बाजार के कौशल नगर से कर दिया  गया है। उसी अभियान की कड़ी में अब तक लातेहार और सिमडेगा जिला के साथ आज आकाशवाणी परिसर में  चंदन, पारिजात, आम,अमरूद के 51  पौधों का  निःशुल्क वितरण सह रोपन किया है ।

मौके पर आकाशवाणी के निदेशिका मैरी क्लादिया, अभियंता इंद्रजीत बंदोपाध्याय, ब्रह्माकुमारीज के बहन बीके रजनी, बहन बीके सुनीता, बहन बीके संध्या, बीके महेश भाई, अंजू देवी , दुलारी देवी, आशा देवी समेत आकाशवाणी के अन्य कई लोग शामिल थे।