पलामू : हरिहरगंज-पीपरा क्षेत्र में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है नकली खाद, अधिकारियों ने मामले में चुप्पी साधी

Palamu: Fake fertilizer is being sold indiscriminately in Hariharganj-Pipra area, the officials kept silence in the matter

पलामू : हरिहरगंज-पीपरा क्षेत्र में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है नकली खाद, अधिकारियों ने मामले में चुप्पी साधी

-- कविलास मंडल
-- 19 अगस्त 2021

हरिहरगंज (पलामू) । इलाके भर में किसान अपने खेतों में धान की फसलें लगा चुके हैं। किन्तु किसानों का ध्यान अब धान की बेहतर उत्पादन पर केंद्रित है। इसे लेकर किसानों को हरिहरगंज बाजार के दुकानों से खाद क्रय करते देखा जा रहा है। किन्तु दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के लिए अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वे अपनी दुकानों और गोदामों से नकली खाद की धड़ल्ले से बिक्री शुरू कर दी है। जिसका खामियाजा किसानों को नुकसान के तौर पर भुगतना पड़ रहा है।

इसकी शिकायत करने पर दुकानदारों से किसानों की तू-तू, मैं-मैं की नौबत भी आ जा रही है। बता दें कि क्षेत्र में बिना लाइसेंस के भी उर्वरक की बिक्री करने वाली दुकानों की भरमार है। जो आस पास के बड़े खाद व्यवसायियों से या बाहर से खाद लाकर ऊंचे दामों में बिक्री करते हैं । इस दौरान अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में इन दुकानों पर नकली व दोयम दर्जे की खादें बेची जा रही है।

खड़गपुर-भांवर गांव के निवासी प्रगतिशील किसान विसुनदेव मेहता, अलखदेव मेहता, ललन मेहता धनेश मेहता आदि कई किसानों ने बताया कि वे शहर के मेन रोड स्थित  लाल बाबू के दुकान से खाद खरीदे थे। घान बोआई के समय उक्त खाद को खेतों में डाल दिए किन्तु वह खाद नकली होने के कारण खेत में नहीं घुल सका। देखने से गोल आकार के छोटे छोटे दानेदार खाद कोयले से निर्मित प्रतीत होता है। इस तरह खाद विक्रेताओं की हरकत से किसानों को धान में भी धोखा खाने की स्थित उत्पन्न हो गई है।

कई अन्य किसानों का कहना है कि शहरी और देहाती इलाकों के सभी खाद दुकानों का भी यही हाल है।इसकी जानकारी सम्बन्धित अधिकारीयों को भी है।किन्तु अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं। जिसका दुष्परिणाम किसानों को ही भुगतना पड़ रहा है। कई गावों के किसानों ने बताया कि इफको यूरिया खाद 370 रूपए प्रति बोरा और शक्तिमान यूरिया 400 रूपए बोरा मनमानी दर पर बेचा जा रहा है।

इस बाबत पूछे जाने पर हरिहरगंज के बीएओ सरजून राम और पीपरा के एस एन उरांव ने बताया कि अभी तक किसी ने इसकी शिकायत नहीं की है। शिकायतों की पुष्टि होने पर निश्चित तौर पर वैसे विक्रेताओं के विरुद्ध शख्त कार्रवाई की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि दोनों प्रखंड में कितने निबंधित खाद की दुकानें हैं और सरकारी स्तर पर कितने मात्रा में खाद उपलब्ध कराई गई। इसकी जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई। कहा कि जिला से जानकारी लेने के बाद ही बता सकते हैं।