एक साल बीत जाने के बाद भी NH98 और पलमा-गुमला हाइवे के लिए नहीं मिली जमीन : दोनों हाइवे का निर्माण कार्य ठप्प : मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया

एक साल बीत जाने के बाद भी NH98 और पलमा-गुमला हाइवे के लिए नहीं मिली जमीन : दोनों हाइवे का निर्माण कार्य ठप्प : मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया


-- अरूण कुमार सिंह
-- 10 जनवरी 2022

रांची । एक साल बीत जाने और सड़क निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की निर्धारित अवधि के 8 महीने बाद भी संबद्ध विभाग और प्रशासन पलमा-गुमला और पलामू के NH98 (सिलदाग से हरिहरगंज) फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करवा पाया है । इस कारण राज्य के दो महत्वपूर्ण हाइवे का निर्माण अंटका हुआ है । एनएचआई और केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने इस स्थिति पर कड़ा असंतोष जाहिर करते हुए प्रोजेक्ट वापस करने तक की बात कह दी है ।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लिया है । उन्होंने पलामू, रांची और गुमला के डीसी तथा वन विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सड़क निर्माण के लिए अविलंब जमीन उपलब्ध करायी जाए ।

मिली जानकारी के अनुसार दोनों महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के लिए काम अवार्ड कर दिया गया था । लेकिन पर्याप्त जमीन व वनभूमि क्लीयरेंस नहीं मिलने की वजह से काम प्रारंभ नहीं किया जा सका है । राज्य के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उक्त परियोजनाओं के लिए कम से कम 80 फीसदी जमीन उपलब्ध नहीं करा पाने एवं वन विभाग से एनओसी नहीं होने के कारण ठेकेदारों को अपाइंटमेंट डेट नहीं दिया जा सका है ।

स्थल पर क्या क्या हैं पेंच ?

चाहे पलमा-गुमला सड़क का मामला हो या फिर NH98 का, जमीन उपलब्ध नहीं करवाने के पीछे का प्रमुख कारण प्रभावित रैयतों द्वारा मुआवजा लेने में रूचि नहीं लेना और मुआवजा वितरण प्रक्रिया से सम्बद्ध अधिकारियों का इस मामले में शिथिल होना है । बताया जा रहा है कि अधिग्रहित की गयी जमीन और मकानों की कीमत काफी कम लगायी है । प्रभावित रैयत रेट रिविजन की मांग कर रहे हैं, जो अभी तक संपूर्ण रूप से नहीं हो पाया है । बताया जा रहा है कि जमीन और मकानों की कीमत तय करने में संबद्ध अधिकारियों ने NHAI के ही नियमों को दरकिनार कर दिया था ।