भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से अंतर-संसदीय संघ के लिए फिर नामित हुए पलामू सांसद : 144 वीं अधिवेशन में भी उन्होंने मजबूती से भारत का पक्ष रखा

भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से अंतर-संसदीय संघ के लिए फिर नामित हुए पलामू सांसद : 144 वीं अधिवेशन में भी उन्होंने मजबूती से भारत का पक्ष रखा


-- समाचार डेस्क
-- 23 मार्च 2022

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के द्वारा पलामू सांसद विष्णु दयाल राम को भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के नुसा दुसा, बाली, इंडोनेशिया में आयोजित 144वीं अधिवेशन के लिए पुनः नामित किया गया है। इसके पूर्व भी लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए 142वीं एवं 143वीं अधिवेशन के लिए पलामू सांसद को ही नामित किया गया था।

वर्ष 2021 अप्रैल माह में 142वीं अधिवेशन कोविड-19 के कारण वर्चुअल मीटिंग हुआ था  जिसमें बीडी राम ने भाग लिया था । नवंबर 2021 में स्पेन में आयोजित 143वीं अधिवेशन में भी उन्होंने भाग लिया था। आईपीयू के नुसा दुसा, बाली, इंडोनेशिया में आयोजित 144वीं अधिवेशन में दिनांक 20 मार्च 2022 को कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने से संबंधित अति महत्वपूर्ण मामले में उन्होंने भारत का पक्ष रखा। मालूम हो कि आईपीयू के 144वीं अधिवेशन 20 मार्च से 24 मार्च 2022 तक आयोजित है जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल उक्त अधिवेशन में भाग ले रहे हैं ।

शिक्षा राष्ट्र की रीढ़ होती है : बीडी राम 

उल्लेखनीय है कि भारत की ओर से पहले दिन 20 मार्च 2022 को श्री राम ने अपने भाषण के क्रम में शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने के विषयों पर कहा कि शिक्षा एक राष्ट्र की रीढ़ है और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देती है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में न केवल सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों से जुड़े हार्डवेयर उपकरण शामिल हैं, बल्कि डिजिटल सामग्री, इंटरनेट, रेडियो और टेलीविजन जैसे अन्य संचार उपकरण भी शामिल हैं। शिक्षा के क्षेत्र में गति प्राप्त करने के लिए, आईसीटी की भूमिका अहम है। इसके साथ ही उन्होंने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)-सक्षम सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रौद्योगिकी कैसे उभर रही है तथा कैसे (आईसीटी) आधारित शिक्षा सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को प्राप्त करने में मदद कर सकता है जैसे विषयों पर चर्चा की। साथ ही साथ कोविड-19 महामारी के दौरान कैसे स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों ने आईसीटी आधारित प्लेटफार्मों के साथ आभासी शिक्षण विधियों को अपनाया और शिक्षा की निरंतरता में सहायता की, इस पर भी अपनी बात को रखा। उन्होंने बताया कि आईसीटी को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) में शामिल कर दिया गया है, जो विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि के छात्रों के बीच डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए एक उत्प्रेरक है। स्कूली शिक्षा में आईसीटी पर भारत के राष्ट्रीय नीति 2012 का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए तैयार करना भी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय आईसीटी की क्षमता का लाभ उठाने के लिए ‘सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन‘ (एनएमईआईसीटी) का संचालन किया गया है ताकि सभी शिक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री मुफ्त में उपलब्ध हो सके।

आईसीटी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के विशय पर उन्होंने प्रतिनिनिधि मंडल को यह भी बताया कि प्राथमिक स्तर पर, एनईपी शिक्षकों और छात्रों के बीच भाषा की बाधा को पाटने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को मान्यता देता है। यह दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा तक अधिक पहुंच सुनिश्चित करने पर भी जोर देता है। व्यावसायिक और उच्च शिक्षा स्तर में, नीति का उद्देश्य प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 100 प्रतिशत साक्षरता प्राप्त करने में तेजी लाना है। इसके अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को स्टार्ट-अप ऊष्मायन केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है तथा सीखने को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईएफटी) की भी स्थापना की गई है। नीति में डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास को तैयार करने के उद्देश्य से एक समर्पित इकाई की परिकल्पना भी की गई है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (एनएमईआईसीटी) के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन के तहत जो पहल की जा रही है उसका भी विवरण दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (SWAYAM)-एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है जो 9वीं से 12वीं कक्षाओं के लिए और अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट स्तरों के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। SWAYAM पर 2769 बड़े पैमाने पर खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) की पेशकश की गई है। SWAYAM
को swayam.gov.in पर देखा जा सकता है। SWAYAM Prabha-24x7 पर डीटीएच के माध्यम से 32 उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक चैनल प्रदान करने की भी पहल की गई है। इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संसाधनों को उन दूरस्थ क्षेत्रों तक भी पहुँचाना है जहाँ इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (एनडीएल), वर्चुअल लैब्स प्रोजेक्ट एवं ई-यंत्र जैसे विषयों पर भी भारत के पहल को उक्त अधिवेषन में श्री राम ने उजागर किया।

उक्त अधिवेशन में भारतीय संसद की ओर से सांसद पलामू विष्णु दयाल राम के अलावे सांसद भर्तृहरि महताब, सांसद सैयद जफर इस्लाम, सांसद डॉ0 हिना गावित, सांसद पुनमबेन मडाम, सांसद रक्षा खडसे, सहित लगभग 100 देशों के सांसद गण शामिल हैं। यह अवसर प्रदान करने के लिए सांसद श्री राम ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी के प्रति आभार प्रकट किया है।