पहली बारिश में ही कुछ ऐसा हुआ कि अब अनहोनी की आशंका में बीतते हैं दिन, दहशत में कटती है रातें...

In the first rain, something happened that now the days pass in the fear of untoward, the nights are cut in panic. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

पहली बारिश में ही कुछ ऐसा हुआ कि अब अनहोनी की आशंका में बीतते हैं दिन, दहशत में कटती है रातें...

-- संवाददाता
-- 24 जून 2021

प्रतापपुर (चतरा) । प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र कर्मी बाल-बाल बचे हैं । बरसात की पहली बारिश में ही उनके आवास का एक हिस्सा भहराकर ढह गया और कुछ कर्मी बाल बाल बच गये ‌। तबसे इनका दिन आशंकाओं में गुजर रहा है और रातें दहशत में कट रही हैं ।

उक्त स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर हों या अन्य कर्मी, सभी के आवास की स्थिति बेहद खराब और कभी भी धराशाई हो जाने की स्थिति में है । लेकिन इस ओर न तो सरकार का ध्यान है, और न ही सक्षम पदाधिकारी का ।

जब भहराकर गिरा आवास...

मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश हुई । जब स्वास्थ्य कर्मी सोये थे, मंगलवार की देर रात में आवास का एक हिस्सा धराशाई हो गया। एक कंप्यूटर ऑपरेटर अंदर सो रहा था। बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गई।

इस आवास में रहने वाले कर्मियों ने बताया कि हम सभी ऐसे जर्जर आवास में दहशत भरे माहौल में रहते हैं पता नहीं कब अनहोनी हो जाए। इतनी खराब स्थिति होने के बावजूद भी ऐसे आवासों में रहने को वे आज भी मजबूर हैं । समय रहते यदि ऐसे जर्जर आवासों से इन्हें हटाकर कोई दूसरा ठिकाना नहीं दिया जाता तो भविष्य में बड़ी दुर्घटना हो सकती है ।