पलामू के छतरपुर में अवैध रूप से संचालित ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट में करंट लगने से गयी युवक की जान

A young man died due to electrocution in an illegally operated automatic crusher plant in Chhatarpur, Palamu

पलामू के छतरपुर में अवैध रूप से संचालित ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट में करंट लगने से गयी युवक की जान

-- प्रमुख संवाददाता
-- 8 अगस्त 2021

राज्य भर में क्रसर और माईंस हब के रूप में चिन्हित पलामू जिले के छतरपुर के एक कथित अवैध क्रसर प्लांट में बिजली के करंट लगने से एक युवक की मौत हो गयी है । घटना बीते शनिवार की रात की है । रात से लेकर सुबह तक क्रसर संचालकों की कोशिश के बाद मामला मैनेज हो गया है । छतरपुर पुलिस ने इस संबंध में यूडी केस दर्ज किया है । उक्त क्रसर प्लांट के अवैध रूप से संचालित होने के मामले में जिला खनन पदाधिकारी से लेकर स्थानीय अधिकारियों तक ने चुप्पी साध ली है । वहीं, आसपास के ग्रामीणों ने युवक की मौत पर कंपनी के प्रति आक्रोश व्यक्त किया है । एक राजद नेता ने आंदोलन की भी धमकी दी है । राज्य के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पंकज यादव ने इस समग्र मामले को गंभीरता से लिया है ।

कंपनी कैंपस के अंदर बिजली करंट की चपेट में आने से हुई युवक की मौत, सौदे के बाद दर्ज हुआ यूडी केस

एक हाईवा चालक, जो उदयगढ़ पंचायत के बंधुडीह टोला तिलैया गांव के जगदेव यादव का 25 वर्षीय पुत्र सुनील यादव पिता जगदेव यादव की मौत कम्पनी कैंपस के अंदर करेंट की चपेट में आने से हो गयी । युवक की मौत के बाद वहां मौजूद लोग हंगामा करने लगे । पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर थाना आ गयी । जवान बेटे के शव के साथ मृतक के बूढ़े पिता भी थाना आये । उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा सुरक्षा इंतजामों को लेकर भारी लापरवाही बरतने से उनके बेटे की मौत हुई है । पहले भी वहां पर कुछ ट्रक चालकों को करंट लगा है ।

रविवार की सुबह होते होते कंपनी के कई खैरख्वाह थाना परिसर में आ गये और मृतक के परिजनों और शुभ चिंतकों के साथ सौदा होने लगा । यहां यह बता दें कि छतरपुर के क्रसर और माईंस में सुरक्षा कारणों की अनदेखी से अब तक दर्जनों मौतें हुईं हैं । लेकिन हर मौत के बाद सौदा तय हो जाता है और मामले रफा-दफा हो जाते हैं । इस केस में भी यही हुआ । सौदा तय होने के बाद पुलिस ने मृतक के परिजन के आवेदन पर यूडी केस दर्ज कर लिया है ।

इतने बड़े पैमाने पर संचालित इस अवैध क्रसर प्लांट की बावत सरकारी महकमों में चुप्पी !

यह मर्माहत कर देने वाली खबर है कि असुरक्षा कारणों से एक युवक की मौत हो गयी । लेकिन यह तो स्तब्ध कर देनेवाली खबर है कि लगभग 12 एकड़ के एक कैंपस में कई ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट पिछले कई माह से बिल्कुल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं ! इस क्रसर प्लांट पर प्रतिदिन लगभग तीन सौ गाड़ियों का आवागमन होता है और प्रतिदिन करोड़ों रुपयों का टर्न ओवर है । जाहिर सी बात है कि यहां प्रतिदिन लाखों रूपयों के सरकारी राजस्व की चोरी भी हो रही होगी !

सुचिता मिलेनियम नामक कंपनी के उक्त ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट वैध हैं या अवैध, यह पूछे जाने पर छतरपुर एसडीओ ने जिला खनन पदाधिकारी का फोन नंबर दे दिया । जिला खनन पदाधिकारी ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया ।

राजद नेता ने कहा - अवैध रूप से संचालित किये जा रहे क्रसर

पलामू राजद के जिला युवा अध्यक्ष फैजुल हक़ राशिद ने स्थानीय पदाधिकारियों और कम्पनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सुचिता मिलिनियम नामक कंपनी संबद्ध पदाधिकारियों की मिलीभगत से पिछले दो वर्षो से पूरी तरह से अवैध रूप से चलाई जा रही है । कंपनी के पास किसी तरह का न ही एग्रीमेंट है न ही कंपनी को एनओसी मिला है। लेकिन बावजूद इसके कंपनी पर किसी तरह की कारवाई नही की जा रही । युवक की मौत की घटना इसी का परिणाम है । राजद ने छतरपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर इस मामले को उठाया था । लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई । राजद इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी और इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाने का कार्य करेगी ।

विधानसभा की टीम ने भी कहा था अवैध

पिछले 21 अगस्त को विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति ने छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र के कई पत्थर माईंस और क्रसरों की जांच की थी और सुचिता मिलेनियम के कई मोबाइल क्रसर प्लांट को पूरी तरह अवैध बताया था । लगभग सभी प्रमुख अखबारों में इस आशय की खबर छपने के बाद भी खनन विभाग अथवा जिला प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया और यह अवैध क्रसर प्लांट अब तक बेखौफ चल रहा है । छतरपुर विधायक पुष्पा देवी ने इस संबंध में कहा कि निकट भविष्य में समिति की बैठक होगी और सभी माईंस व क्रसर के कागजात जमा किये जायेंगे, तब पुनः यह मामला उठाया जाएगा ।

पंकज ने कहा - एनजीटी से लेकर कोर्ट तक जायेंगे

राज्य के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं दर्जनों मामलों में पीआईएल करने वाले पंकज कुमार यादव ने कहा कि यह बहुत गंभीर मसला है कि कुछ अधिकारी प्राकृतिक संसाधनों से लेकर राज्य के राजस्व तक को लुटवाने में संरक्षक की भूमिका अदा कर रहे हैं । वे इस मामले को एनजीटी में ले जायेंगे । वहां सुनवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया जाएगा ।