दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर केन्द्रीय मानवाधिकार की टीम पहुंची पलामू

दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर केन्द्रीय मानवाधिकार की टीम पहुंची पलामू

-- अरूण कुमार सिंह

पलामू । पिछले दिनों हुसैनाबाद थानाक्षेत्र के एक गांव एक नाबालिग दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर केन्द्रीय मानवाधिकार की टीम पलामू पहुंची । राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के निर्देश पर आयोग की सदस्य ममता कुमारी पीड़ित लड़की के ननिहाल हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के एक गांव में पहुंची, जहां फिलहाल बच्ची रह रही है । ममता कुमारी ने पीड़ित लड़की और उनके परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि पीड़ित लड़की और उनके परिवार के सदस्यों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। महिला आयोग के साथ साथ पूरा प्रशासन उनके साथ है। उन्होंने पीड़ित युवती का मनोबल बढ़ाया और लड़की के परिजनों को धैर्य रखने की सलाह दी ।
आयोग की सदस्य ने तीन महिलाओं के साथ पीड़ित लड़की और उनके परिजनों से अकेले में बात की । इस दौरान किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया गया । लेकिन पीड़ित लड़की के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आयोग से सुरक्षा, लड़की की पढ़ाई, लड़की के पिता के लिए काम आदि के अलावे उनके परिवार पर आरोपियों द्वारा दर्ज करवाये गये झूठे मुकदमे वापस करने की मांग की है ।

पलामू डीसी-एसपी भी सदल-बल पहुंचे पीड़ित के ननिहाल

महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी के आने के पूर्व पलामू उपायुक्त ए दोड्डे, पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, कमलेश्वर नारायण अनुमंडल पदाधिकारी हुसैनाबाद, पूज्य प्रकाश अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुसैनाबाद, सेवाराम साहू जिला कल्याण पदाधिकारी, रतन कुमार सिंह प्रखंड विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद, नंदकुमार रामअंचल अधिकारी हुसैनाबाद, प्रभाकर ओझा बीडीओ मोहम्मदगंज, यशवंत नायक सीओ मोहम्मदगंज, जगन्नाथ धान थाना प्रभारी हुसैनाबाद, अक्षय कुमार, थाना प्रभारी मोहम्मदगंज, एएस आई मुरारी दास, झरगड़ा(हुसैनाबाद) भी पीड़ित लड़की और उनके परिजनों से मिले ।

पलामू डीसी ने पीड़ित और उसके परिजनों को हर संभव मदद का दिया भरोसा

पीड़ित लड़की का परिवार दहशत में है । घटना के बाद गांव में तनाव है । लड़की के पिता परदेश में मजदूरी करते हैं । वे लोग डर से गांव या मजदूरी करने नहीं जा रहे । डीसी पलामू ने संबद्ध अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दोनों पक्षों को गांव में ही बिठाकर तनाव खत्म करने का उपाय करें । लड़की की पढ़ाई के लिए उसे कस्तूरबा विद्यालय भेजा जाएगा । डीसी ने हर संभव मदद के साथ साथ उन्हें न्याय दिलाने की बात कही। उन्होंने किसी परिस्थिति में स्थानीय प्रशासन से भी सहयोग का भरोसा दिलाया। आज भी पीड़िता के गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस बल तैनात है।

दलित बच्ची के साथ 19 मई की रात हुआ था सामूहिक दुष्कर्म

19 मई की रात करीब 8 बजे हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के एक सुदूरवर्ती गांव में, उसी गांव के 6 लोगों ने एक 16 वर्षीय दलित नाबालिक बच्ची को घर में अकेली देख, उसे अगवा कर लिया था और गांव से लगभग 1 किलोमीटर दूर ले जाकर एक सुनसान खेत में उसके साथ बारी-बारी से, बच्ची के बेहोश हो जाने तक सामूहिक दुष्कर्म किया था । बच्ची द्वारा विरोध करने पर दरिंदों ने उसके साथ मारपीट भी की थी । सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के दौरान दरिंदों ने मोबाइल से पूरी घटना का अश्लील वीडियो भी बनाया था, जिसे दिखाकर नाबालिक को यह धमकी दी गई कि अगर वह मामले की जानकारी किसी को देगी, तो अश्लील वीडियो को वायरल कर उसे और उसके परिवार को बदनाम कर दिया जायगा । दरिंदगी की शिकार बच्ची के अचेत होने के बाद दरिंदों ने उसे उसी अवस्था में मरने के लिए छोड़ दिया था और घटनास्थल से फरार हो गए थे । देर रात शादी समारोह से पीड़ित बच्ची के परिजन जब घर लौटे थे तो वे नाबालिक को घर में नहीं देख, उसकी खोजबीन में जुट गए थे । इसी दौरान गांव के बाहर नाबालिक बच्ची को गंभीर हालत में, नग्न अवस्था में पाया गया था । जिसके बाद नाबालिक बच्ची ने परिवार के लोगों को आप बीती बतायी थी । इस मामले में लड़की की मां ने छह युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इनमें चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और एक फरार है । जबकि पांचवें का शव घटनास्थल के पास ही एक महुआ के पेड़ पर लटकते हुए मिला था ।

मानवाधिकार आयोग की सदस्य ने दो बच्चे की मां के साथ हुए दुष्कर्म मामले का भी जायजा लिया

हुसैनाबाद से पलामू लौटकर मानवाधिकार आयोग की सदस्य सदर थाना क्षेत्र के एक गांव भी पहुंची जहां उन्होंने दो बच्चे की मां से हुए दुष्कर्म मामले का भी जायजा लिया । कहा कि वे अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगीं ।