हजारों लोगों की मौजूदगी में अंततः पंचतत्व में विलीन हुए नावा बाजार के पूर्व दारोगा लालजी यादव : लोगों का आक्रोश बरकरार

हजारों लोगों की मौजूदगी में अंततः पंचतत्व में विलीन हुए नावा बाजार के पूर्व दारोगा लालजी यादव : लोगों का आक्रोश बरकरार


-- अपना हिन्दुस्तान टीम
-- 13 जनवरी 2022

पलामू जिले के नावा बाजार थाना के पूर्व थाना प्रभारी और झारखंड के साहिबगंज के कबूतरखोपी निवासी दारोगा लालजी यादव का पार्थिव शरीर हजारों आक्रोशित और गमजदा लोगों की मौजूदगी में अंततः पंचतत्वों में मिल गया । बुधवार को मेदिनीनगर में हुये पोस्टमार्टम से असंतोष जताते हुए उनके परिजन दुबारा पोस्टमार्टम के लिए रिम्स ले गये थे जहां पर रिम्स प्रशासन ने दुबारा पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया । इसके बाद मृतक के परिजनों ने बवाल भी काटा । फिर अंततः उनका शव उनके पैतृक गांव साहिबगंज ले जाया गया ।

ताबूत में तिरंगे से लिटपा शव जैसे ही एम्बुलेंस से बाहर निकाला गया, परिजन दहाड़े मार मारकर रोने लगे । हर किसी की आखें नम थीं और पूरा मोहल्ला गमगीन था । मां, पत्नी, बच्चों व परिजनों को ताबूत खोलकर उनका अंतिम दर्शन कराया गया । इस दौरान लोगों ने शहीद लालजी यादव अमर रहें, पलामू एसपी मुर्दाबाद जैसे नारे लगाते रहे ।

लगभग 4 घंटे तक आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम

दारोगा का शव गुरुवार की सुबह साहिबगंज पहुंचा । शव पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों ने सुबह 5 बजे से ही साक्षरता चौक के समीप बांस बल्ली लगाकर सड़क जाम कर दिया था । वहां मौजूद लोग आक्रोशित थे और लोग पलामू के एसपी, डीटीओ और एसडीपीओ के खिलाफ जमकर जानेबाजी कर रहे थे । स्थानीय लोगों ने इस मामले की सीबीआइ जांच, आश्रित को मुआवजा व नौकरी, शहीद स्थल बनाने एवं पलामू एसपी का तबादला करने की मांग की । चार घंटे के बाद बरहेट विधायक सह मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आश्वासन देने के बाद सड़क जाम कर रहे आक्रोशित लोग माने और जाम हटाया ।

लालजी यादव के परिजनों ने कहा कि घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए । लालजी आत्महत्या कर ही नहीं सकते । सरकार उनके आश्रित को जल्द से जल्द मुआवजा और नौकरी दे । उनकी याद में शहीद स्थल बनाया जाए‌ । बरहेट विधायक सह सीएम प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने आश्वासन देते हुए परिजनों की सभी मांगों पर सहमति जताई ।

श्मसान घाट पर मृतक के भाई ने लालजी यादव के मासूम पुत्र को गोद में लेकर मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हजारों आंखें रो पड़ीं । सभी आक्रोशित थे । सभी का कहना था कि घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और सच्चाई सामने आये ।