आर्मी जवान को शहीद का दर्जा देने के लिए सड़क पर हंगामा : छतरपुर में तोड़ फोड़ भी

आर्मी जवान को शहीद का दर्जा देने के लिए सड़क पर हंगामा : छतरपुर में तोड़ फोड़ भी


-- अपना हिन्दुस्तान टीम
-- 18 अक्तूबर 2021

पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के दुअरा के आर्मी जवान धीरज कुमार यादव को शहीद का दर्जा देने के लिए सोमवार को दर्जनों लोगों ने कई जगह पर जमकर हंगामा किया । आंदोलनकारियों ने कई जगह पर सड़कें जाम रखीं । छतरपुर में तो दुकानों और वाहनों में भी तोड़फोड़ की गय । बाद में पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया । हंगामा और हुड़दंग करने के लिए पुलिस ने आधा दर्जन युवकों को हिरासत में लिया है ।

क्या है मामला

भारतीय सेना का जवान धीरज कुमार यादव (24 वर्ष) की ड्यूटी के दौरान जम्मू कश्मीर में मौत हो गयी थी । कश्मीर के कुछ न्यूज चैनलों के अनुसार जवान ने अपनी सर्विस बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है । रविवार की देर शाम जवान का पार्थिव शव हवाई मार्ग से रांची लाया गया । रांची से सड़क मार्ग द्वारा शव जवान के पैतृक गांव भेजा जा रहा है । समाचार लिखे जाने तक शहीद का शव उनके घर नहीं पहुंचा था‌ । इस मामले में असलियत की जानकारी हुये बिना ही शहीद के गांव और आसपास के लोगों ने जपला-छतरपुर रोड में कई जगहों पर हुड़दंग मचाया ।

छतरपुर में की तोड़ फोड़

बताया जा रहा है कि करीब दो से तीन बजे के बीच कुछ वाहनों से करीब चार दर्जन लोग (जिसमें अधिकांशत: टीन एजर और नाबालिग थे) छतरपुर पहुंचे । इन्होंने पहले जपला मोड़ और फिर हाई स्कूल मोड़ बैंक ऑफ बड़ौदा के पास जमकर हंगामा किया । टीवीएस शोरूम, मिठाई दुकान, यात्री बस सहित अन्य जगहों पर तोड़फोड़ की । बस चालकों की पिटायी की और कई गाड़ियों को सड़क पर खड़ा कर दिया । शहर के लोग अचानक से आतंकित हो गये । उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह हो क्या रहा है ?

छतरपुर के एसडीपीओ अजय कुमार, थाना प्रभारी गौतम कुमार, नौडीहा बाजार के थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव, छतरपुर सीइओ मोदस्सर नजर मंसूरी, बीडीओ अशोक कुमार आदि सूचना मिलने पर दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की । लोग बात से नहीं माने । तब पुलिस ने लाठी चार्ज किया । आधा दर्जन आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया । फिर पुलिस ने जाम हटवाया । इसके पहले आंदोलनकारियों ने छतरपुर-हुसैनाबाद बार्डर पर सामुडीह के पास पांच घंटे तक सड़क जाम रखा था ‌। परिजनों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में धीरज की मौत गोली लगने से हुई है, लेकिन उसकी मौत को आत्महत्या बताया जा रहा है । लोगों की मांग कि धीरज को शहीद का दर्जा देते हुए राजकीय सम्मान के साथ उनके शव का अंतिम संस्कार किया जाए । हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह ने भी जवान की मौत मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है । बताते चलें कि धीरज अपने घर दुअरा आये हुए थे और वह 7 अक्टूबर को अचानक अपनी ड्यूटी पर चले गये थे ।