गढ़वा में नहीं थम रहा हाथियों का उत्पात : खपरैल घर और चापानल को तोड़ा : तीन मवेशियों को मार डाला

गढ़वा में नहीं थम रहा हाथियों का उत्पात : खपरैल घर और चापानल को तोड़ा : तीन मवेशियों को मार डाला

धुरकी (गढ़वा) । धुरकी प्रखंड क्षेत्र में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है, मंगलवार कि रात्रि करीब 7 बजे ग्राम कदवा उर्फ लिखनीधौरा, पंचायत भंडार निवासी हाथियों के झुंड ने सुधन सिंह का घर और उदय सिंह का चप्पा कल तथा रामचन्द्र प्रजापति का बैल को हाथियों ने क्षति पहुंचाया है आपको बता दें इस तरह दिन प्रतिदिन हाथियों के झूंड किसानों के लगे दलहन एवं तिलहन फसलों को सहित कच्चा घर एवं पशुओं को अपना निशाना बना रहे हैं। हाथियों के झुंड ने चापाकल को भी उखाड़ कर तहस नहस कर दिया। विदित हो कि हाथी के झुंड ने पिछले 20-25 दिनों के अंदर धुरकी प्रखंड के विभिन्न गांवों में ग्रामीण का घर सहित पालतू पशु एवं फसलों को निशाना बना रहे हैं।

भुक्त भोगी सुदन सिंह, उदय सिंह, रामचंद्र प्रजापति, सहित लगभग दस किसानों का फसल बर्बाद किया है। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग प्रशासन मौन है क्योंकि 1 महीने से काफी दिन हो गए हाथियों को भगाने का काम नहीं किया जा रहा है बल्कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा हाथियों को परेशान ना करने की सलाह दी जा रही है, ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सरकार को इन हाथियों को कब्जे में करने के लिए कुछ उपाय करनी चाहिए क्योंकि एक तो इस सुखाड की चपेट में फसलें मर रही हैं। वहीं कच्चा घर एवं मवेशियों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। इस हाथियों के उत्पात से ग्रामीण काफी भयभीत है ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों से हाथियों पर काबू एवं हाथियों को काबू करने की मांग की है। हाथियों से हुए नुकसान से फसल सहित घर एवं मवेशियों की मुआवजा की मांग की है।

क्या कहते हैं प्रशिक्षु वन प्रमंडल पदाधिकारी, गढ़वा एबीन बिनी अब्राहम

इस समय धुरकी और चिनिया के जंगलों में हाथियों के दो झुंड बच्चे सहित प्रवेश किया है, छत्तीसगढ़ एवं चिनिया के जंगलों से हाथी प्रवेश करते हैं, हाथी को ग्रामीण परेशान ना करें पटाखा ना छोड़े, शराब पीकर ग्रामीण न खदेड़े, विभाग के अपने पूरे टीम के साथ हाथी को भागने का काम कर रहे हैं,तथा हाथी से हुई फसल नुकसान एवं पशु एवं क्षतिग्रस्त घर की मुआवजा के लिए विभाग को जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजी जा रही है ताकि ग्रामीणों को मुआवजा मिल सके मेरी विभाग ग्रामीणों के साथ में है।