एक अस्पताल के डॉक्टर ने 5 मिनट तक ऑक्सीजन बंद करके 22 मरीजों का किया 'कत्ल' !

एक अस्पताल के डॉक्टर ने 5 मिनट तक ऑक्सीजन बंद करके 22 मरीजों का किया 'कत्ल' !


-- समाचार डेस्क
-- 8 जून 2021

- पारस हॉस्पिटल के डॉक्टर का वीडियो वायरल, डॉक्टर ने कबूला पांच बंद कर  दी थी ऑक्सीजन
- मरीजों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए अपनाया मौत का तरीका

आगरा। पारस हॉस्पिटल में एक 'कातिल' डॉक्टर का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में डॉक्टर कह रहा है कि उसने अपने अस्पताल में पांच मिनट ऑक्सीजन बंद कर दी और 22 मरीज छंट गए। यानि उसने 22 मरीजों का मेडिकल मर्डर कर दिया।

कोविड संकट में जहां एक ओर लोग अपनों की जान बचाने के लिए जी जान से जुटे थे। ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि मची थी तो वहीं एक कातिल डॉक्टर ने अपने अस्पताल में मरीजों का लोड कम करने के लिए उनका मेडिकल मर्डर करना शुरू कर दिया। एक वीडियो वारयल हो रहा है जिसमें डॉक्टर खुद अपनी घिनौनी करतूत को कबूल रहा है।

नेशनल हाईवे स्थित पारस हॉस्पिटल के डॉक्टर आरिंजय जैन के अस्पताल में 26 अप्रैल तक को 16 मरीज भर्ती थे। अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या से डॉक्टर बेचैन हो उठे। ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने पर डॉक्टर ने 26 अप्रैल सुबह सात बने अपने अस्पताल में पांच मिनट का ऑक्सीजन मॉकड्रिक कर दिया और मरणासन्न स्थित में झूल रहे 22 मरीजों का मेडिकल मर्डर हो गया। वायरल वीडियो में डॉक्टर कह रहा है कि 25 और 26 अप्रैल को आगरा में हालात बेकाबू थे। अपने बॉस से बात की। उन्होंने कहा कि मरीजों का डिस्चार्ज शुरू करो। आक्सीजन कहीं नहीं है, तब मैंने कई मरीजों से जाने के लिए कहा, लेकिन चार या पांच लोग की माने बाकी तो पेंडुलम बने रहे, नहीं जाएंगे-नहीं जाएंगे। जब नहीं माने तो बॉस की बात मान ली और आक्सीजन बंद कर दी। मॉकड्रिल करके देख ली जिसमें पता चल जाएगा कि कौन मरेगा या नहीं मरेगा। मॉक ड्रिल करते ही मरीज छटपटा गए, नीले पडऩे लगे और जब, आक्सीजन रोकी तो 22 छंट गए।

क्या कहता है डॉक्टर

डॉक्टर आरिंजय जैन का कहना है कि उसका वीडियो तोड़ मरोड़कर पेश किया है। मेरे अस्पताल में 26 अप्रैल को चार लोगों की मौत हुई है और 27 अप्रैल को तीन लोगों की, लेकिन जब डॉक्टर से सस्पेक्टेट मरीजों के बारे में पूछा तो वे चुप्पी साथ गए। इसका मतलब वे आंकड़ों को छिपा रहे हैं।

वायरल वीडियो में अरिंजय की बातचीत इस तरह है :-
डॉ अरिंजय: "जो भी पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे,नहीं जाएंगे. मैंने कहा कोई नहीं जा रहा है. दिमाग मत लगाओ छोड़ो. अब वो छांटो जिनकी (ऑक्सीजन) बंद हो सकती है."
डॉक्टर के सामने बैठा शख्स: "जो बिल्कुल ही डेड लाइन पर हैं. "
डॉ अरिंजय : "एक ट्रायल मार दो. मॉक ड्रिल कर के देख लो कि कौन सा मरेगा,कौन सा नहीं मरेगा ?'
डॉ के सामने बैठा शख्स : "सही बात है,सही बात है."
डॉ अरिंजय : "मॉक ड्रिल करी. सुबह सात बजे मॉक ड्रिल हुई. किसी को पता नहीं है कि मॉक ड्रिल कराई. सुनकर के सबकी, छंट गए 22 मरीज़. नीले पड़ने लगे. "
डॉ के सामने बैठा शख्स : "22 मरीज़ छंट गए भाई साहब ?"
डॉ अरिंजय:"22 मरीज़ छंट गए कि ये मरेंगे."
डॉ के सामने बैठा शख्स :"ओह भाई साहब, कितनी देर के लिये मॉक ड्रिल करी ?"
डॉ अरिंजय :"पांच मिनट के लिए. "
डॉ के सामने बैठा शख्स :"पांच मिनट में 22 मरीज़ ?मॉक ड्रिल हुए,हुए."
डॉ अरिंजय : "नीले पड़ने लगे, 74 बचे, इन्हें टाइम मिल जाएगा." 
डॉ के सामने बैठ शख्स : " सही बात है. "
डॉ अरिंजय : "फिर 74 से कहा कि अपना सिलेंडर लाओ."

वीडियो वायरल होने के बाद जब मीडिया ने पारस अस्पताल के मालिक डॉ अरिंजय जैन से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि किसी मरीज की ऑक्सीजन बंद नहीं की गई बल्कि ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से उसका बेहतर मैनेजमेंट करने के लिए ऑक्सीजन के फ्लो मीटर से चेक किया गया कि किस मरीज को कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है । इसके लिए मरीजों की अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई । आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए उसकी जांच कराई जाएगी ।

इस पूरे प्रकरण में सबसे गंभीर बात डॉ अरिंजय की बातचीत का वो हिस्सा है जिसमें वो कोरोना के मरीजों के साथ 5 मिनट के लिए मॉकड्रिल करने की बात कहते हैं और ये भी कहते हैं कि 22 मरीज छंट गए ।