छतरपुर (पलामू) : क्रसर मशीन की चपेट में आयी दो महिला मजदूरों में से एक की मौत, दूसरी घायल

छतरपुर (पलामू) : क्रसर मशीन की चपेट में आयी दो महिला मजदूरों में से एक की मौत, दूसरी घायल

पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड के डाली ग्राम में पत्थर क्रसर मशीन की चपेट में आकर एक महिला मजदूर ने जहां मौके पर ही दम तोड़ दिया वहीं दूसरी महिला मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गयी । इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक महिला मजदूर का शव उठाने से पुलिस को रोक दिया । बाद में पीड़ित परिवार और क्रसर मालिक के बीच महिला मजदूर के आश्रितों को तीन लाख रूपये मुआवजा देने और घायल महिला मजदूर के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वायदा करने के बाद‌ घटना के करीब 6 घंटे बाद महिला मजदूर का शव उठाकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया । छतरपुर थाना प्रभारी शेखर कुमार ने बताया कि इस मामले में मृतक के परिजनों की ओर से थाना में जो लिखित शिकायत दी जाएगी, उसके आलोक में मुकदमा दर्ज किया जाएगा । घायल महिला मजदूर की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मेदिनीनगर से रांची रेफर कर दिया गया है । प्राप्त जानकारी के मुताबिक डाली मोड़ के समीप छतरपुर के राजू जायसवाल और बबलू गुप्ता का क्रसर प्लांट है । इसी प्लांट पर भुक्तभोगी महिलायें काम करने आती थीं । आज सुबह क्रसर चलने के क्रम में दो महिलायें क्रसर के पाटा में फंस गईं । इस हादसे में डाली गांव की दिलवा कुंवर (पति स्व० सुरेन्द्र सिंह, 34 वर्ष) की मौत मौके पर ही हो गयी जबकि रजपतिया देवी (35 वर्ष, पति बिहारी सिंह) गंभीर रूप से घायल हो गयी । घटना के बाद मौके से क्रसर मालिक और मुंशी फरार हो गये । आदिवासी समुदाय के अत्यंत गरीब परिवार की दिलवा अपने मायके में रह कर स्टोन क्रशर में मजदूरी करती थी । लोगों का कहना है कि उसके पति की मौत भी कुछ साल पहले अवैध रूप से पत्थर तोड़ने वाली एक खदान में हो गयी थी । दिलवा के दो नाबालिग हैं - लड़की रूबी कुमारी 14 वर्ष की है और लड़का पुजारी कुमार 8 वर्ष का है । इन बच्चों के सिर से माता पिता का साया उठ गया है । घटना के बाद क्रसर मालिकों द्वारा दिलवा के परिजनों रो 50 हजार रूपये और रजपतिया के इलाज के लिए 25 हजार रूपये देने की बात कही जा रही है । दिलवा के परिजनों को ढाई लाख रूपये और घायल महिला मजदूर के इलाज के लिए शेष पैसे बाद में देने पर ग्रामीणों और क्रसर मालिकों में रजामंदी तय हुई है । जिस क्रसर प्लांट पर यह हादसा हुआ है, उसपर पहले भी एक महिला मजदूर का हाथ कटा था । इस मामले को क्रसर मालिकों ने कुछ ले-देकर सलटा लिया था । यह क्रसर वन भूमि से निर्धारित दूरी से बहुत कम दूरी पर अवस्थित है और क्रसर की बाउंड्री सहित अन्य कई वैसे संसाधन वहां मौजूद नहीं हैं जो क्रसर संचालन के लिए बतौर मानक सरकार की ओर से तय किये गये हैं । छतरपुर सीओ मोदस्सर नजर मंसूरी ने इन मामलों की जांच करने की बात कही है ।