पलामू एसी ने छतरपुर अंचल कार्यालय का निरीक्षण कर कहा : 'सबकुछ सामान्य मिला और वे संतुष्ट हैं'

Palamu AC inspected Chhatarpur circle office and said: 'Everything was found normal and they are satisfied

पलामू एसी ने छतरपुर अंचल कार्यालय का निरीक्षण कर कहा : 'सबकुछ सामान्य मिला और वे संतुष्ट हैं'


-- प्रमुख संवाददाता
-- 5 सितंबर 2021

पलामू आयुक्त जटाशंकर चौधरी द्वारा जारी निर्देश के आलोक में पलामू के एडिशनल कलक्टर सुरजीत सिंह आज छतरपुर अंचल कार्यालय पहुंचे और अंचल कार्यालय की एक एक गतिविधियों और कागजातों का सूक्ष्म निरीक्षण किया । उन्होंने बताया कि वर्तमान सीओ के कार्यकाल में उनके द्वारा किये गये कार्यों से वे संतुष्ट हैं । हां, पूर्व को सीओ द्वारा नये भवन में कार्यालय शिफ्ट करने के बावजूद भी उनके द्वारा अंचल के महत्वपूर्ण कागजातों को पुराने अंचल कार्यालय में ही बेतरतीब और असुरक्षित ढंग से छोड़ देना एक बड़ी गलती थी, जिसके लिए वे आलाधिकारी को लिखेंगे ।

उन्होंने कहा कि करीब 8 घंटे तक लगातार उन्होंने अंचल कार्यालय का निरीक्षण, कागजातों और कार्यों की समीक्षा की और कुछ भी ऐसा नहीं पाया जिसे आपत्तिजनक या असंतोष जनक कहा जा सके । इस दौरान उन्होंने अंचल कार्यालय के कर्मियों को भी कार्य से संबंधित कई जरूरी हिदायतें दीं । मौके पर छतरपुर सीओ भी मौजूद थे ।

आयुक्त ने छतरपुर सीओ पर आरोप पत्र गठित करने का दिया था निर्देश

गत 5 सितंबर को पलामू आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने छतरपुर के अंचल अधिकारी पर आरोप पत्र गठित करने का निर्देश दिया था । उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि अपर समाहर्ता को 1 सप्ताह के अंदर प्रतिनियुक्त कर अंचल कार्यालय के संचालन एवं अन्य गतिविधियों का पूर्ण निरीक्षण करायें ।

आयुक्त जटाशंकर चौधरी 10 अगस्त 2021 को छतरपुर के अंचल कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसके पूर्व नियमानुसार निरीक्षण टिपप्णी की मांग की गई थी। आयुक्त द्वारा कहा गया था कि अंचल अधिकारी द्वारा एक सतही एवं आधा-अधूरा निरीक्षण टिप्पणी आयुक्त को सीधे संबोधित कर उपलब्ध कराया गया । जबकि निरीक्षण टिप्पणी संपूर्ण रूप से तैयार कर उपायुक्त के माध्यम से आनी चाहिए थी, ताकि तैयार किए गए निरीक्षण टिप्पणी को उपायुक्त द्वारा अवलोकन करते हुए आवश्यक सुधार कर संपूर्ण निरीक्षण टिप्पणी उपलब्ध कराया जाता। ऐसा नहीं होने पर 3 दिनों के अंदर अंचल अधिकारी से स्पष्टीकरण प्राप्त कर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, जो अप्राप्त होने के बाद आयुक्त ने दुबारा निर्देश दिया था ।