बहुत दिनों के बाद चर्चा में है छतरपुर नगर पंचायत : जब पूर्व सांसद ने रखा फुटपाथी दुकानदारों का पक्ष तो फिर लगने लगे ठेले-खोमचे

बहुत दिनों के बाद चर्चा में है छतरपुर नगर पंचायत : जब पूर्व सांसद ने रखा फुटपाथी दुकानदारों का पक्ष तो फिर लगने लगे ठेले-खोमचे


-- अरूण कुमार सिंह

पलामू । बहुत दिनों बाद, इन दिनों पलामू जिले का छतरपुर नगर पंचायत चर्चा में है । यह चर्चा में तभी से है जबसे छतरपुर नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी के रूप में आईएएस विसपुते श्रीकांत यशवंत ने प्रभार लिया है । इन्होंने नगर भ्रमण भी किया है और विकास का मास्टर प्लान बनाने में ये जुट भी गये हैं । छतरपुर को सुंदर, स्वच्छ बनाना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है । तीन दिन पहले इन्होंने हाइवे के दोनों किनारे और छतरपुर-जपला रोड, सरईडीह मोड़ आदि स्थानों से फुटपाथी दुकानदारों को हट जाने का आदेश दिया । दुकानदार हट भी गये । लेकिन इनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया । दुकानदार बेचैन हो गये । इसी बीच फुटपाथी दुकानदारों को लेकर कुछ स्थानीय लोगों ने राजनीति शुरू कर दी । मामला सुलझने की बजाय उलझता गया । आखिरकार शुक्रवार को पूर्व सांसद मनोज कुमार को दुकानदारों ने अपनी व्यथा सुनाई और ज्ञापन दिया । पूर्व सांसद ने अविलंब नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी से मुलाकात की । इसके बाद नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी ने व्यवहारिक आदेश देते हुए कहा कि दुकानदार 15 फीट की दूरी पर प्रत्येक ठेला लगायेंगे और अपने आसपास साफ सुथरा रखेंगे । सड़क के दोनों किनारे की नालियों को जाम नहीं करेंगे । सड़क जाम की स्थिति में जाम को हटवाने का भी काम करेंगे । मौके पर सांसद प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार, फुटपाथ संघ के अध्यक्ष गौतम कुमार, गोकुल प्रसाद, संतोष गुप्ता, कमलेश गुप्ता, सुदामा चंद्रवंशी आदि के साथ फुटपाथी दुकानदार मौजूद थे । पूर्व सांसद ने इसके लिए नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया है ।

क्या विवादों के घेरे में हैं छतरपुर नगर पंचायत इलाके में बनाये जा रहे तीन बड़े शौचालय...?

छतरपुर नगर पंचायत इन दिनों शौचालय निर्माण को लेकर भी चर्चा में है । नगर पंचायत क्षेत्र में 25-25 लाख रूपये की लागत से बनाये जा रहे तीन बड़े शौचालय बनाये जा रहे हैं । छतरपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में बनाये जा रहे एक शौचालय का निर्माण कार्य बंद करवाने की कोशिश की गयी । मौके पर छतरपुर बीडीओ भी मौजूद थे । बीडीओ का कहना था कि संबद्ध ठेकेदार ने बिना एनओसी लिए प्रखण्ड कार्यालय परिसर में शौचालय का निर्माण कार्य शुरू किया है । बीडीओ ने कहा कि नियमत: कार्य शुरू करने के पूर्व छतरपुर सीओ से एनओसी लेना चाहिए था । उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर शौचालय का निर्माण किया जा रहा है वहां पर मार्केट बनाने की पूर्व योजना है । प्रपोजल जिला कार्यालय को भेजा जा चुका है । शौचालय बन जाने से मार्केट की जगह कम हो जाएगी ।
इस बावत जब छतरपुर सीओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नगर पंचायत, नगर पंचायत क्षेत्र में खाली पड़े सार्वजनिक जमीन का उपयोग जनहित के कार्यों के लिए कर सकता है । यह उसके अधिकार क्षेत्र में शामिल है । हर कार्य के लिए एनओसी लेने की आवश्यकता उन्हें नहीं है ।
नगर पंचायत अध्यक्ष मोहन जायसवाल ने कहा कि तीनों शौचालय बनेंगे और किन्हीं के कहने भर से किसी भी शौचालय का काम नहीं रूकेगा । उन्होंने कहा कि नगर पंचायत अपनी सीमा का अतिक्रमण नहीं कर रहा है । बारा मोड़, बाजार परिसर और प्रखंड कार्यालय परिसर में बनाये जा रहे शौचालय नियम संगत हैं और उनका काम जारी रहेगा । उन्होंने कहा कि जिन्हें सवाल उठाना है, वे गुणवत्ता की बावत सवाल उठायें, कार्रवाई होगी ‌।

नए कार्यपालक अधिकारी से है छतरपुर नगर पंचायत क्षेत्र को बेशुमार अपेक्षायें

दरअसल, छतरपुर को नगर पंचायत बने पांच वर्ष से अधिक हो चुके । विकास के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च भी किये जा चुके हैं । लेकिन पुरानी बदसूरत तस्वीर का एक हिस्सा भी खूबसूरत नहीं हो पाया । पात्रता रखने वाले आवास से वंचित हुए और नियम को ताक पर रखकर और फर्जी सूचनाओं के आधार पर दर्जनों आवासों को स्वीकृति मिली । आवास के नाम पर जबरदस्त और खुलेआम उगाही हुई । 16 में से कई वार्ड के गावों के लोग आज भी एक अदद विकास योजना के लिए तरस रहे हैं । न समग्र नगर पंचायत में रौशनी की व्यवस्था हुई, न पेयजल की । न बस स्टैंड बना और न ही टेम्पू या मोटरसाइकिल स्टैंड । न दुकानें बनीं, न हाट-बाजार । नगर पंचायत के दो प्रमुख विद्यालय अतिक्रमण के शिकार हो गये । एक विद्यालय परिसर गाड़ियों के स्टैंड के रूप में तब्दील हो गया । नगर पंचायत क्षेत्र में करीब दो सौ एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण है । इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाकर इसका सार्वजनिक उपयोग करने की कोई पहल नहीं हुई । नगर पंचायत क्षेत्र में लगातार घटिया काम हुए । संबद्ध शिकायतों पर कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई । जो सार्वजनिक शौचालय बने, जो कूड़ेदान लगे, वे रख रखाव के अभाव में बेकार हैं । पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में गंदगी का साम्राज्य है ।