सुदूरवर्ती क्षेत्र का विद्या विहार वाटिका : जहां विद्यार्थी कॉन्वेंट की तरह पढ़ाये और गुरूकुल की तरह गढ़े जाते हैं

सुदूरवर्ती क्षेत्र का विद्या विहार वाटिका : जहां विद्यार्थी कॉन्वेंट की तरह पढ़ाये और गुरूकुल की तरह गढ़े जाते हैं

-- अरूण कुमार सिंह

पलामू । छतरपुर-जपला पथ में लठेया की गिनती अब भी सुदूरवर्ती इलाकों में शुमार होती है । लठेया के आसपास कालापहाड़ और सुशीगंज पंचायत के कई गांव नक्सली गतिविधियों के कारण कई दशकों तक चर्चित रहे हैं । ऐसे में लठेया के 'विद्या विहार वाटिका' नामक एक विद्यालय ने इस वर्ष 30 जनवरी को अपने 23 वर्ष के गौरवमयी सफर को पूरा किया है । 23 वर्ष के इस सफर में विद्यालय से दर्जनों डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, अध्यापक, पुलिस अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक निकले हैं जो देश को अपनी सेवा दे रहे हैं । विद्यालय ने सीमा पर तैनात रहने वाले जवान भी गढ़े हैं और खेत में काम करते हुए पूरे इलाके में अपनी विशिष्ट पहचान बनानेवाले किसान भी ।

यहां गुरूकुल की तरह गढ़े जाते हैं विद्यार्थी

विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दौरान विद्यालय के संस्थापक डॉ रामरेश यादव ने लोगों को मंच से बताया कि यहां विद्यार्थी कॉन्वेंट की तरह पढ़ाये और गुरूकुल की तरह गढ़े जाते हैं ‌। विद्यालय के बच्चे मंच से वैसे गीत गाते हैं जो कभी किसी मंच से न गाये गये हों । वार्षिक उत्सव भी अन्य विद्यालयों से बिल्कुल अलग हटकर होता है ।

बतौर प्रमुख अतिथि मंच पर मौजूद छतरपुर डीएसपी अजय कुमार ने कहा कि ऐसा बहुत कम ही होता है कि एक चिकित्सक कवि भी हों और शिक्षक भी । डॉ रामरेश यादव ने अस्पताल और विद्यालय साथ साथ देकर इलाके के लोगों का भला किया है । उनके संस्थान द्वारा किए जानेवाले सामाजिक कार्य सराहना के काबिल हैं । इस अवसर पर डॉ रामरेश द्वारा लिखित दूसरी पुस्तक - 'उद्गार वैभव' का लोकापर्ण भी किया गया । इस पुस्तक में 50 कवितायें हैं जो डॉ रामरेश ने कोरोना के कठिन काल में लिखे थे ।

समाज के असली हीरोज किये गये सम्मानित

मंच व पांडाल में मौजूद लोगों को सम्मानित करना, बच्चों द्वारा गीत-नृत्य-संभाषण आदि की बेहतर प्रस्तुति के अलावे कार्यक्रम की खास बात यह रही कि अपने माता पिता से उत्कृष्ट संबंध रखने और उनकी सेवा करने वाले तीन लोगों- राजकेश्वर राम, कमलेश विश्वकर्मा और पप्पू सिंह को मंच से सम्मानित किया‌ गया । आर्थिक कठिनाई झेलते हुए भी अपने एक बच्चे को दारोगा और शेष तीन को बेहतर मंजिल तक पहुंचाने का दम रखने वाले कामेश्वर शर्मा भी सम्मानित किये गये । पति की‌ मौत के बाद संघर्ष के दम पर अपने बच्चों को पढ़ाने वाली विद्यालय की शिक्षिका शारदा कुमारी को भी और आदर्श शिक्षिका सुप्रिया सिंह, प्राचार्य बसंत कुमार को भी सम्मानित किया गया । लठेया में ही एक कोचिंग संस्थान चलाने वाले राकेश कुमार यादव को‌‌ इसलिए सम्मानित किया गया क्योंकि बीते सरस्वती पूजा में विद्या विहार वाटिका के अतिरिक्त केवल उनके संस्थान ने ही अश्लीलता मुक्त प्रदर्शन किया था । आदर्श विद्यार्थी के रूप में अनु कुमारी सप्तम वर्ग और नीलम कुमारी - दशम वर्ग को पुरस्कृत किया गया । आदर्श अविभावक के रूप में अर्चना कुमारी सम्मानित हुईं ‌। मौके पर डॉ राजेश अग्रवाल, पुलिस इंस्पेक्टर वीर सिंह मुंडा, एसआई वरूण कुमार, मुखिया सुदामा पासवान, प्रमोद यादव, शिक्षण सुरेन्द्र सिंह, हरि साव सहित दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद थे ।