पिछले दो दिनों में लगातार 9 अवैध ईंट भट्ठों पर कार्रवाई : अब तंद्रा टूटी है साहेब तो लोगों की उम्मीद जागी है तो हर प्रखंड ही देख लें

पिछले दो दिनों में लगातार 9 अवैध ईंट भट्ठों पर कार्रवाई : अब तंद्रा टूटी है साहेब तो लोगों की उम्मीद जागी है तो हर प्रखंड ही देख लें


-- अरूण कुमार सिंह
-- 4 फरवरी 2022

पलामू । लोग कह रहे हैं कि जिला खनन विभाग की तंद्रा टूटी है । शायद यही वजह है कि पिछले दो दिनों में विभाग ने लगातार कार्रवाई जारी रखते हुए अवैध रूप से संचालित 9 ईंट भट्ठों को ध्वस्त किया है । अब आप यह सवाल मत करिये कि विभाग और साहबों की तंद्रा अचानक इतने दिनों बाद क्यों टूटी ? बल्कि, स्वागत इस बात का करिये कि तंद्रा टूटी है और कार्रवाई हो रही है । अब आप यह सोच सकते हैं कि आनेवाले दिनों में पलामू जिले के हर प्रखंड क्षेत्र में ऐसी कार्रवाई होगी !

वहरहाल, खबर का रूख करते हैं । जिला खनन विभाग की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी रही और आज जिला खनन विभाग ने जिले के पाटन थाना क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित चार ईंट भट्ठों को ध्वस्त किया । इसके पूर्व गत 3 फरवरी को खनन विभाग ने रामगढ़ थाने क्षेत्र के हुटार, छितरा एवं बांसडीह में अवैध रूप से संचालित 5 ईंट भट्ठों को ध्वस्त किया था । सभी ईंट भट्ठा संचालकों पर स्थानीय थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है ।

इस बावत जिला प्रशासन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिला खनन टास्क फोर्स समिति की बैठक में उपायुक्त शशि रंजन द्वारा दिए गए निर्देश के बाद से खनन विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने लगातार दूसरे दिन भी कार्रवाई की है। पाटन थाना के क्षेत्र के उताकी, बरसैता, चेतमा एवं जन्घासी गांव में कार्रवाई करते हुए 4 अवैध चलंत ईट चिमनी भट्ठा को ध्वस्त किया गया। साथ ही ईट भट्ठा संचालक के खिलाफ पाटन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, उनमें उताकी गांव में ईट भट्ठे का संचालन कर रहे संचालक विशाल सिंह, चेतमा के ईट भट्ठा के संचालक सुरेंद्र उपाध्याय उर्फ पप्पू उपाध्याय, जन्घासी में ईट भट्ठा का संचालन कर रहे संचालक रविंद्र विश्वकर्मा तथा बरसैता में ईंट भट्ठा का संचालन कर रहे संचालक उमेश सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के कनीय पर्यावरण अभियंता गोपाल कुमार एवं पाटन थाना प्रभारी प्रकाश कुमार ने संयुक्त छापेमारी कर उक्त कार्रवाई की है। जिले में संचालित सभी स्थाई ईट चिमनी भट्ठा के मालिकों को सरकारी राजस्व का भुगतान करने हेतु पूर्व में जिला खनन कार्यालय द्वारा नोटिस दिया गया है। जिन ईट भट्ठा मालिकों के द्वारा सरकारी राजस्व का भुगतान अब तक नहीं किया गया है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

इसके पूर्व बीते 3 फरवरी को खनन विभाग ने 5 ईंट भट्ठों में अवैध रूप से संचालित चिमनी को धवस्त किया था । प्रशासन द्वारा जारी संबद्ध विज्ञप्ति में बताया गया था कि अवैध ईंट मिट्टी के उत्खनन एवं ईंट निर्माण/व्यापार पर रोकथाम को लेकर जिला खनन पदाधिकारी द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर रामगढ़ थाना क्षेत्र के हुटार, छितरा एवं बांसडीह में स्थलीय निरीक्षण सह छापेमारी की गई। इस क्रम में ईंट भट्ठा मालिकों द्वारा अवैध रूप से ईंट मिट्टी का उत्खनन/भंडारण एवं परिवहन कर अवैध रूप से संचालित चलंत चिमनी ईंट भट्ठा से ईट का निर्माण कार्य यथा ईंट की पथाई, बोझाई/पकाई किया जाता हुआ पाया गया। जिनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन स्थलों से इस कार्य में प्रयुक्त उपकरणों को जब्त किया गया। जब्त उपकरणों की जब्ती सूची तैयार करते हुए प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी । जिसमें रामगढ़ थाना क्षेत्र के हुटार के संतोष चंद्रवंशी, पप्पू चंद्रवंशी के ईंट भट्ठों पर कार्रवाई हुई है। वहीं हुटार के ही दिलीप चंद्रवंशी, छितरा के सुरेश प्रसाद साव एवं बासंडीह के अवधेश साव, जवाहिर सिंह एवं पंकज जयसवाल का नाम शामिल है। बताया गया कि इन ईंट भट्ठा मालिकों द्वारा अवैध रूप से ईंट, मिट्टी का उत्खनन/भंडारण एवं परिवहन कर अवैध रूप संचालित चलंत चिमनी ईंट भट्ठा से ईंट का निर्माण कार्य यथा ईंट पथाई/बोझाई/पकाई किया जाता है, जो खान एवं खनिज अधिनियम एवं उसके विभिन्न धाराओं के विरूद्ध दण्डनीय अपराध है।

विदित हो कि उपायुक्त शशि रंजन ने पिछले दिनों जिला खनन टास्क फोर्स  की समीक्षा बैठक के दौरान अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई करने का निदेश दिया था। इसी के अनुपालन में जिला खनन पदाधिकारी ने छापेमारी करते हुए उक्त कार्रवाई की है।

... तो, क्या जिले भर के ईंट भट्ठों के विरूद्ध होगी यह कार्रवाई ?

यह तो प्रशासन और संबद्ध विभाग ही जाने । इस सवाल के जवाब के लिए फिलहाल आपको वेट एंड वॉच करना पड़ेगा । हां, यह सर्वविदित है कि पलामू जिले का कोई भी प्रखंड क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां दो-चार चिमनी ईंट भट्ठे अवैध रूप से संचालित नहीं हो रहे हों ! ये पिछले कई बरस से अवैध रूप से कैसे और किस तरह संचालित हो रहे हैं, सरकार या प्रशासन शायद इस स्थिति को देखना नहीं चाहती या फिर कार्रवाई करने में उन्हें मुश्किल होती है ! शायद प्रशासन इस तथ्य की गहराई तक नहीं जाना चाहती कि एक इंच टॉप सॉयल को बनने में तकरीबन पांच सौ साल लगते हैं । हमें-आपको न तो धरती की बावत सोचने की फुर्सत है और न ही पर्यावरण की चिंता ! सो, देर से ही सही, जिला प्रशासन और खनन विभाग अगर सचेत हुआ है तो उम्मीद कीजिये कि छतरपुर, हुसैनाबाद, पीपरा, नौडीहा बाजार, मोहम्मदगंज और हैदरनगर प्रखंड क्षेत्रों तक उनकी कार्रवाई जारी रहेगी !