80 के दशक में बने हड़ियाही बटाने डैम का फाटक गिराने का आश्वाशन आज तक नहीं हुआ पूरा : किसानों में फिर छाई मायूसी

80 के दशक में बने हड़ियाही बटाने डैम का फाटक गिराने का आश्वाशन आज तक नहीं हुआ पूरा : किसानों में फिर छाई मायूसी


-- कविलास मंडल
-- 21 जून 2022

हरिहरगंज (पलामू) । जनप्रतिनिधियों से जो भरोसा किसानों को था वह आज भी पूरा नहीं हुआ। जिस वजह से किसानों का जनप्रतिनिधियों और संबन्धित अधिकारियों से भरोसा टूटने लगा है। हम बात कर रहे हैं छतरपुर - हरिहरगंज की सीमा पर अवस्थित महत्वाकांक्षी बटाने जलाशय योजना ( हड़ियाही वृहद डैम ) की । जिसका जीर्णोद्धार हो जाने पर पूरा इलाका सिंचाई के मामले में आत्म निर्भर हो सकता है। लेकिन डैम का फाटक गिराकर खेतों तक पानी पहुंचाने का किसानों की चिर प्रतीक्षित मांग आज तक पूरी नहीं हुई । जिससे किसानों में मायूसी है।

किसानों की दो हजार एकड़ से ज्यादा उपजाऊ भूमि हो गई बंजर

बता दें कि पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से विस्थापितों ने इस डैम का फाटक उठा दिया है। इस कारण सिंचाई के अभाव में क्षेत्र के दो हजार एकड़ से अधिक उपजाऊ भूमि बंजर हो गई है।  फलतः किसानों को हर साल सूखे की समस्या से जूझना पड़ता है। डैम का फाटक उपर उठा देने से डैम में पानी का ठहराव न होकर सीधे नदी में बह जाता है। इससे पानी बर्बाद हो रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और इलाके के कई सांसद-विधायकों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। यह हर बार चुनावी मुद्दा बनता है। हर चुनावी माहौल से पहले नेताओं ने डैम का फाटक गिराकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का भरोसा भी दिलाते रहे हैं। किंतु वह सिर्फ झूठा आश्वाशन ही साबित हुआ है। हर बार चुनाव खत्म बातें खतम। यही कारण है कि यह समस्या आज भी मुद्दा के रूप में बरकरार है।

80 के दशक में बना था डैम , जल संग्रह नहीं होने से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

मालूम हो कि 80 के दशक में बने इस डैम में जल संग्रह नहीं होने से किसानों को लाभ नही मिल रहा है। कुछ लोग स्वार्थ में डैम के स्लूस गेट को उठाकर वेल्डिंग कर दिया हैं। इससे डैम का पानी नदी में चला जाता है। डैम में 6 स्लूस गेट हैं। इनमें 5 गेट बंद बताया जाता है। मुआवजा की मांग को लेकर 2002 में विस्थापितो ने एक गेट को उपर उठाकर वेल्डिंग करा दिया था । तब छतरपुर के विधायक राधाकृष्ण किशोर थे जो आंदोलनकारियों के साथ थे ।

बता दें कि 7 जुलाई  2016 को पलामू के सांसद बीडी राम की मौजूदगी में उस दौरान सरकार के मुख्य सचेतक रहे छतरपुर के विधायक राधा कृष्ण किशोर ने हरिहरगंज डाकबंगला में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोगों को 3 महीना में हड़ीयाही बटाने डैम का फाटक गिराने सहित कई आश्वासन देकर नई उम्मीदें जगाई थी। लेकिन उनके आश्वासन के करीब 6 साल बीत जाने के बाद भी लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी। किसानों की मांगों को पूरा करने में हुसैनाबाद - हरिहरगंज , छतरपुर विस के कई विधायक व पलामू के वर्तमान सांसद असमर्थ रहे। जबकि सभी ने इस ज्वलन्त मुद्दों के समाधान के प्रति बचनबद्धता दुहराई थी ।

इलाके का नहर और सभी कैनाल भी हैं जीर्ण शीर्ण जिससे बह जाता है वर्षा का पानी

किसानों समेत कई प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा है कि बरसात नजदीक है । किसान भी अब खेती कार्य में जुट चुके हैं। सर्व विदित है कि सिंचाई संसाधनों के अभाव में यहां की खेती पूरी तरह वर्षा पर आधारित है। हालांकि साधन सम्पन्न किसान डीजल व मोटर पंप आदी निजी संसाधनों की सहायता से खेती तो कर लेते हैं लेकिन गरीब और मध्यम किसानों को खेती के लिए वर्षा पर ही आधारित रहना पड़ता है। इस बावत किसानों का कहना है कि इलाके का नहर और सभी कैनाल वर्षों से जीर्ण शीर्ण हैं जो कई जगहों पर टूटे हैं जिसमें कचड़े भरे पड़े हैं। कई जगहों पर तो कैनाल उस स्थिति में है कि वर्षा का पानी इधर उधर बहकर बर्बाद हो जाएगा। इसे देखते हुए किसानों ने अविलंब जीर्ण शीर्ण व टूटे हुए नहर कैनालों की मरम्मति कराने की मांग क्षेत्रीय विधायक व पलामू सांसद से की है ताकि किसानों को इसका सामयिक लाभ मिल सके।