एनएच 98 फोरलेन निर्माण में धांधली : निर्माण के एक साल के भीतर ही हाई स्पीड रोड बना लो स्पीड रोड

-- अरूण कुमार सिंह
पलामू । एनएच 98 में छतरपुर के सिलदाग से हरिहरगंज तक बनाये गये फोरलेन सड़क को विधिवत चालू हुए अभी एक साल भी नहीं बीता है । लेकिन इतने ही दिनों में यह हाई स्पीड फोरलेन सड़क अब लो स्पीड सड़क में तब्दील हो गयी है । सिलदाग से हरिहरगंज तक सड़क कई जगहों पर से टूट गयी थी या टूट रही थी, जिसकी मरम्मत की गयी है और दर्जनों जगहों पर पैबंद लगाये गये हैं जिसके कारण जगह जगह पर जर्क हो गया है जिसकी वजह से वाहनों को लगातार एक स्पीड में या फिर यूं कहें कि स्मूथली चलना मुश्किल हो गया है । लोग कह रहे हैं कि सड़क निर्माण कंपनी शिवालया कंस्ट्रक्शन ने इस सड़क का निर्माण बेहद घटिया तरीके से गुणवत्ता और मानकों को ताक पर रखकर किया है !
15 साल की है सड़क की वारंटी
इस सड़क की वारंटी 15 वर्ष की बतायी जा रही है । लेकिन अगर सड़क के लगातार टूटने और जगह जगह से धंसने की यही स्थिति रही तो आनेवाले कुछ वर्षों में ही यह सड़क पैबंद वाली सड़क में तब्दील हो जाएगी और इस सड़क से आवागमन की स्थिति देहात वाली सड़कों से भी बदतर हो जाएगी ।
अभी तक नहीं बना हरिहरगंज बाईपास लेकिन निरंतर वसूले जा रहे टोल टैक्स
हरिहरगंज बाजार क्षेत्र से होकर गुजरने वाली इस सड़क में, लगभग एक किलोमीटर की दूरी में, हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है । कभी कभी इस एक किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को तीन-तीन घंटे तक लग जाते हैं । उधर विभागीय लापरवाही के कारण और सड़क निर्माण कंपनी शिवालया कंस्ट्रक्शन के कारण अभी तक हरिहरगंज बाईपास का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है जिसके कारण बाईपास से आवागमन शुरू नहीं हुआ है । इस स्थिति को लेकर स्थानीय लोग और वाहन चालकों में एनएचआई और सरकार के विरूद्ध हमेशा गुस्सा बना रहता है ।
बेहिसाब और बिना नियम के क्रॉसिंग दुर्घटनाओं को आमंत्रण
सड़क निर्माण के दौरान बेहिसाब और बिना नियम अथवा प्लानिंग के, दर्जनों क्रासिंग बना दिये गये हैं । न तो सर्विस रोड नियमानुकूल बनाये गये और न ही फ्लाई ओवर । जैसे कि छतरपुर बाईपास में रामगढ़ मोड़ के पास फ्लाई ओवर होना चाहिए था जो नहीं बन सका । ऐसी ही स्थिति हरिहरगंज क्षेत्र में दुबटिया मोड़ की है । इन दोनों जगहों पर फ्लाई ओवर नहीं होने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं । पिछले एक साल के अंदर सिलदाग से हरिहरगंज तक कुल 134 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें दर्जनों लोगों की जानें गयीं और दर्जनों लोग अपाहिज हुए । गलत क्रासिंग के कारण होनेवाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए छतरपुर अंचलाधिकारी उपेन्द्र कुमार जब इस बावत काफी गंभीर हुए तो उनकी कोशिशों के बाद छतरपुर में गलत तरीके से बनाये गये कई क्रासिंग बंद किया गया और कई जगह पर स्पीड ब्रेकर भी बनाये गये हैं जिसके कारण दुर्घटनाओं में कमी आयी है । लेकिन अब भी पिपरा और हरिहरगंज क्षेत्र के सड़क की स्थिति वही है ।
टोल टैक्स की वसूली लगातार, लेकिन सुविधा नदारद
इस सड़क में टोल टैक्स की वसूली तो लगातार हो रही है लेकिन सड़क की सफाई और अकस्मात् हुए दुर्घटनाओं के लिए मेडिकल सुविधा नहीं है । नियमानुकूल टोल पर एंबुलेंस, क्रेन, डॉक्टर और चिकित्सा सुविधा, टॉयलेट, शुद्ध पेयजल आदि होने चाहियें । टॉयलेट काफी गंदा मिला । पीने का पानी मिला ही नहीं । एनएचआई का एक एंबुलेंस टोल पर खड़ा मिला जिसमें एक भी चिकित्सा कर्मी नहीं थे । पूछने पर टोल के कर्मचारियों ने कहा कि आप यह सब विभाग से ही पूछें। दरअसल, टोल टैक्स वसूलने का ठेका गुजरात के आरके इंफ्रा प्रा०लि० को मिला था जिसने हरिहरगंज के लोकल लोगों को टोल की ठेकेदारी सौंप दी है । यही वजह है कि टोल कर्मियों को किसी भी तरह से टोल वसूलने भर से मतलब है, जवाबदेही कोई लेना ही नहीं चाहते ।
अधिकारियों ने इस मामले पर साधी चुप्पी
इस संबंध में जब एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुधीर कुमार से उनका पक्ष कथन मांगा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली । उनके चुप्पी साध लेने से इस बात को बल मिलता है कि ये सारी अनियमिततायें एनएचआई के संबद्ध अधिकारियों की मिलीभगत से ही हुई है !