नावा बाजार प्रखंड क्षेत्र में जल जीवन मिशन की हकीकत : दर्जनों फर्जी लाभुक और झूठे कागजी आंकड़ों के बीच पीने के पानी के लिए तरस रहे लोग

नावा बाजार प्रखंड क्षेत्र में जल जीवन मिशन की हकीकत : दर्जनों फर्जी लाभुक और झूठे कागजी आंकड़ों के बीच पीने के पानी के लिए तरस रहे लोग

पलामू । झारखण्ड के पलामू जिला में नावा प्रखंड अन्तर्गत 12 गांव के ग्राम सभाओं द्वारा जल जीवन मिशन योजना का सामाजिक अंकेक्षण किया गया था और तकनीकी सहयोग विकास सहयोग केंद्र द्वारा प्रदान किया गया था । सामाजिक अंकेक्षण में पाए गये अनियमिततायों एवं समस्याओं को लेकर विश्व जल दिवस पर 22 मार्च 2025 को प्रखंड कार्यालय परिसर नावा बाजार में जन सुनवाई का आयोजन किया गया । जन सुनवाई के लिए ज्यूरी पैनल में बलराम ( सर्वोच्च न्यायलय के कमिश्नर के पूर्व राज्य सलाहकार), जेम्स हेरेंज ( झारखण्ड सोसल ऑडिट  कार्यकारिणी सदस्य ), विद्या देवी ( प्रमुख ), राजीव रंजन ( अधिवक्ता ), सलिलेश कुमार ( अंचल पदाधिकारी, नावा बाज़ार ), अजित पाठक ( पत्रकार ) को रखा गया था ।

जनसुनवाई में सबसे पहले विकास सहयोग केंद्र संस्था के जवाहर मेहता ने सामजिक अंकेक्षण एवं जनसुनवाई  की अवधारणा एवं जल जीवन मिशन योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी । सुभद्रा पाणिग्रही ने 12 गांवों के ऑडिट रिपोर्ट को प्रस्तुत किया । ग्राम सरौना, खोखमा, तुकबेरा, रजहारा, चेचारिया, सिंजो , इटको , नेनुआ, बन्दुआ , हटाई, कुम्भी खुर्द एवं ठेकही का अलग अलग फैक्ट फाईंडिंग रेपर्ट ज्यूरी के समक्ष रखा गया और इसकी संपुष्टि वहाँ उपस्थित ग्राम सभा के लोगों ने किया ।

जन सुनवाई में ये खामियां आयीं सामने

जनसुनवाई में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में कई गंभीर खामियां सामने आईं। जैसे सरकारी आंकड़े में नल जल कनेक्शन 12 गांवों में 2,892 परिवारों मिला है पर वास्तव केवल 414 परिवारों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध है। विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्रों में जलापूर्ति 45 दिखाया गया है जब कि 16 में ही  नल जल कनेक्शन है। सरकारी व्यय के मामले में जल जीवन मिशन के लिए ₹4,222 लाख स्वीकृत थे, जिसमें से ₹3,266 लाख (78%) खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन जल आपूर्ति की स्थिति अत्यंत दयनीय है। 57 जल मीनारें ही कार्यरत हैं, जबकि 50 जल मीनारें बंद पड़ी हैं। 87 पानी समिति सदस्यों के सर्वेक्षण से पता चला कि केवल 18% सदस्यों को अपनी जिम्मेदारियों की जानकारी है। केवल 13% सदस्यों को जल परीक्षण किट की जानकारी है। केवल 14% सदस्यों को जल समिति सदस्य के रूप में कोई प्रशिक्षण मिला है। जल जीवन मिशन के लाभुक में बहुत ले नाम फर्जी है जो उस गांव में नहीं रहते है हैं । सामाजिक अंकेक्षण में पता चला कि वे दूसरे गांव के हैं । कुछ ऐसे भी मामले पाये गये जो दूसरे प्रखंड के हैं । जैसे -खोखमा गांव में दिखाए सभी 112 लाभुक उस गांव के नहीं है । रजहरा गांव में 28 लाभुक फर्जी हैं जो लोहडी गांव के हैं जो पड़वा प्रखंड में है । आश्चर्य की बात है की इन्हें दोनों गाँव का लाभुक दिखाया गया है । इसी तरह इटको में 42 सिंजो  में 30  सरौना में 26 लाभुक दूसरे गांव के हैं ।

इस जनसुनवाई में अधिकारी के तौर लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रिक विभाग ( पी एच ई डी ) के तरफ से श्री महेंद्र प्रसाद  उपस्थित थे जिनसे ज्यूरी टीम के द्वारा जनसुनवाई के दौरान आये मामले पर जबाब देने को कहा I  

एजेंसी को करें ब्लैक लिस्टेड : जूरी

इस सामाजिक ऑडिट के बाद जल जीवन मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ज्यूरी द्वरा  निर्णय सुनाया गया कि जल जीवन मिशन में नकली लाभार्थियों का मामला गंभीरता से लिया जाना चाहिए और जिस एजेंसी ने काम किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी जांच की जानी चाहिए। जल सहिया और अन्य समिति सदस्यों को जल परीक्षण करने के तरीके पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। लंबित पानी के टावर को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि लोगों को शुद्ध पानी मिल सके। जल जीवन मिशन की जांच के लिए एक स्वतंत्र "पानी जांच समिति" बनाई जाए। इस जांच समिति को अधिकृत करने के लिए एक आधिकारिक पत्र जारी किया जाए। टोल-फ्री नंबर के साथ अन्य अधिकारियों के संपर्क नंबर भी सार्वजनिक किए जाएं । पंचायत भवनों में शिकायत पेटियां स्थापित की जाएं, ताकि लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और उनका त्वरित समाधान हो।  पी एच ई डी विभाग को 15 दिनों के भीतर सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश।  पानी समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनकी भूमिका को सशक्त किया जाएगा  पानी समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनकी भूमिका को सशक्त किया जाए। ग्रामवासियों को बजट और ठेकेदारों की जानकारी दी जाए ताकि वे कार्य की पारदर्शिता पर निगरानी रख सकें।

जनसुनवाई में ग्राम सरौना से राजमुनी सिंह, खोखमा से कमलेश चंद्र, कुम्भी खुर्द से दुखनी देवी, देवकरण सिंह, नेनुआ से राजेंद्र सिंह, चेचारिया से पिंकी देवी, रजहारा से उषा देवी सिंजो से अनुज पाल, हटाई से लाला परहिया,  बन्दुआ से रीना देवी ने अपने -अपने गांव के बारे में बात रखे। कार्यक्रम में मृत्युंजय रत्नाकर एम एस यु एस से  अशोक सिंह सहभागी शिक्षण केंद्र से, सुमन कुमारी पी सी आई इण्डिया से भाग लिए । कार्यक्रम में विश्व जल दिवस पर नुकड़ नाटक भी दिखाकर पानी संकट पर ध्यान केंद्रित गया। कार्यक्रम में लगभग 500 ग्रामीणों ने भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन अनिल पासवान एवं सुभद्रा पाणिग्रही द्वारा संयुक्त रूप से किया गया ।