राग दरबारी : बूट पर बानर बझाने की फिराक में आसमान से उतर रहे हैं गिद्ध
-- अरूण कुमार सिंह
चुनावी मौसम आते ही कई लोगों की चांदी हो जाती है । सभी अपने अपने तरीके से अपने अपने फिराक में लग जाते हैं । सभी का एक ही लक्ष्य होता है कि जितना सध सके, साध लो । नहीं तो फिर से पांच बरस का इंतजार...
सुना है कि पलामू की धरती पर इन दिनों कुछ गिद्ध उतर आये हैं ! शेष उतरने की तैयारी कर रहे हैं । जमीन पर उतर चुके गिद्ध लगातार फोन पर बिजी हैं । हर संभावित प्रत्याशियों की किस्मत अकेले बदल देने का ताल ठोंकने वाले ये गिद्ध गली गली में बूट बांट रहे हैं ताकि बूट पर बानर बझाये जा सकें ...
इन गिद्धों को आका ने साफ साफ शब्दों में यह कहकर भेजा है कि या तो बूट पर बानर बझाकर लाओ या फिर अपना बोरिया बिस्तर समेट लो । सो, इन गिद्धों की जान सांसत में है । उनके लिए यह चुनाव अग्नि परीक्षा जैसी हो गयी है । सो, गिद्ध रात दिन साथी भी खोज रहे हैं और दलाल भी । जो उनका बेड़ा पार कर दे...!
लेकिन अब सारे प्रत्याशी हुशियार हो चुके हैं । सभी को यह मालूम है कि जो पैसा वे आसमानी गिद्धों पर खर्च करेंगे उनसे बेहतर तो उनके विधानसभा अथवा जिले के ही लोग हैं जो चुनाव में जमीन पर उनके काम आ सकते हैं !
अब आप यह मत पूछिएगा कि हम किन गिद्धों की बात कर रहे हैं । आपकी नजर में जो फिट बैठ जायें । मतलब कि जाकी रही भावना जैसी...