छात्रों के आरोप पर अब JSSC ने अपना पक्ष रखा : हो सकता कि सील खुला हो

छात्रों के आरोप पर अब JSSC ने अपना पक्ष रखा : हो सकता कि सील खुला हो

रांची । JSSC-CGL की परीक्षा में अनियमितता की बात कहते हुए छात्र सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं । छात्रों के आरोप पर अब JSSC ने अपना पक्ष रखा है । इस बावत आयोग ने अपना पक्ष रखा है । कहा है कि हो सकता है कि सील खुली हो । लेकिन सील खुली रहने का मतलब पेपर लीक होना नहीं है । JSSC के चेयरमैन प्रशांत कुमार ने परीक्षा पेपर लीक के सवाल पर जवाब दिया कि किसी के पास कोई जानकारी हो साक्ष्य हो तो आयोग के पास जमा करें । आरोप लगाने के से कुछ नहीं होगा । सबूत हो तो आयोग के पास दें, उसकी जांच की जाएगी ।

उन्होंने कहा कि परीक्षा संबंधित को अपने तमाम चीजों को परीक्षा के दिन बजट कृषि से परीक्षा केंद्र तक्षशिला मॉडल ट्रक के घेरे में पहुंचाया गया था । ट्रक का छत विशेष रूप से एक टेंपल पैकेट में सील किया गया था । इसके बाद सभी चाबियों के पासवर्ड प्रोटेक्टेड में सील किया गया । ट्रक में भी जीपीएस लगा हुआ था, जहां पर ओपन होगा वहां की तमाम जानकारी आयोग के पास पहुंची है । प्रश्न पत्र को टेंपरेरी पेंट पैकेट में सील किया गया था, इसका सेल परीक्षा कक्षा में पांच उम्मीदवारों के सामने खोला गया । इस दौरान परीक्षा पत्र की पैकेट को लगभग एक लाख उम्मीदवारों के सामने खोला गया है, सभी केंद्रों पर परीक्षा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हुई है ।

उन्होंने कहा कि प्रश्न लीक ना हो इसे लेकर विशेष तैयारी की गयी थी । पहले चार अलग-अलग प्रश्न पत्र प्रिंट कराया गया‌ । उसके बाद फिर अलग प्रिंट कराया गया । किसी को जानकारी नहीं थी कि कौन सा पेपर प्रिंट कराया गया है । साथ ही जिस जगह पर प्रिंट हुआ उसे भी जानकारी नहीं थी कि यह प्रश्न कौन प्रिंट करा रहा है, किस परीक्षा का है ।

हांलाकि परीक्षार्थियों का आरोप है कि रीजनिंग और गणित के पेपर्स में कई सवाल पहले आयोजित परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों से हूबहू दोहराए गए हैं ।‌ परीक्षार्थियों का दावा है कि रीजनिंग पेपर में कुल 20 प्रश्नों में से 16 प्रश्न वही थे, जो पहले से आयोजित परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं । जबकि गणित के पेपर में 20 में से 16 प्रश्न 8 अगस्त 2022 को हुई टियर-2 परीक्षा के प्रश्नों से मेल खाते थे। इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने हजारीबाग और रांची सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया है । इस विषय पर आयोग ने कुछ नहीं कहा ।