नावा बाजार के जिस महफूज अहमद की पुलिस पर बेरहमी से पिटाई का आरोप था आज उसने रिम्स में दम तोड़ दिया

पलामू जिले के नावाबाजार निवासी 24 वर्षीय महफूज अहमद की रिम्स में मृत्यु हो गई है, जिसके पीछे पुलिस द्वारा पिटाई का आरोप है। महफूज को 6 मार्च 2025 को पांकी के करीमाटी से लूट की योजना बनाते समय गिरफ्तार किया गया था, जहां से हथियार और गोलियां बरामद की गई थीं। गिरफ्तारी के बाद, उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 18 दिनों तक इलाज के बाद 23 मार्च 2025 को उनकी मृत्यु हो गई। महफूज के परिजनों ने इस संबंध में मेदिनीनगर कोर्ट में परिवाद भी दाखिल किया है जिसमें महफूज की मां ने नावा बाजार थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी चिंटू कुमार को वादी बनाया है ।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में महफूज के साथ बेहद बर्बर तरीके से मारपीट की गई, जिसके कारण उनकी हालत गंभीर हुई। इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा है, और विपक्षी दलों ने विधानसभा में इस घटना को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा है। विपक्ष के दबाव के बाद, मंत्री सुदिव्य सोनू ने सदन में आश्वासन दिया है कि 48 घंटे के भीतर इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी और महफूज अहमद को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
घटना के बाद, नावाबाजार थाना प्रभारी चिंटू कुमार को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई महफूज अहमद की पिटाई के आरोपों के मद्देनजर की गई है। इस मामले की जांच जारी है, और महफूज अहमद की मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की प्रतीक्षा है।
महफूज के भाई ने बताया कि - "1/03/25 शनिवार के शाम मे महफूज अहमद और मकान मालिक को डाली के भिखी गांव से बिना बताए पुलिस सफेद स्कॉर्पियो से नावा बाजार थाना ले गई । इसके बाद हमलोग को कोई जानकारी नहीं दिया गया । 03/03/25 को जानकारी मिला कि उसका बायां हाथ तोड़ दिया गया है और बहुत ज्यादा टॉर्चर किया गया है । उसे पीटकर उसका पूरा शरीर को बरबाद कर दिया गया है । उसका पैर भी तोड़ दिया गया है । उसके बाद भी कहीं से, किसी ने कुछ नहीं बताया तो हमलोग 05 /03/25 बुधवार को कोर्ट में आवेदन लगाये कि नवाबाजार थाना महफूज अहमद को लाई है और 5 दिन तक कोई जानकारी नहीं दी और उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जा रहा है । पीटकर उसका हाथ भी तोड़ दिया गया है । फिर इसके बाद 06/03/25 गुरुवार को लगभग 04.30 pm में पुलिस के सख्त कड़ा निगरानी में महफूज अहमद को अधमरा हालत में कोर्ट मे इंट्री कराया गया । कोर्ट में लाने के बाद वह परिजन को पहचान भी नहीं सका। फिर उसे 5 मिनट के बाद जेल के लिए चालान कर दिया गया । जेल में ले जाते ही उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी। उसके बाद सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया । सदर अस्पताल के डॉक्टर ने रांची रिम्स रेफर कर दिए । उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी । उसे बेहतर इलाज नहीं मिल सका और वह मर गया । यह कानून और लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या है ।"