नियमों को ताक पर रखकर पलामू के पिपरा में हो रहा है माइंस और क्रेशर का हो रहा संचालन : वित्त मंत्री और ट्रेनी अधिकारियों से है लोगों को बड़ी उम्मीद

नियमों को ताक पर रखकर पलामू के पिपरा में हो रहा है माइंस और क्रेशर का हो रहा संचालन : वित्त मंत्री और ट्रेनी अधिकारियों से है लोगों को बड़ी उम्मीद

-- कविलास मंडल और अरूण कुमार सिंह

पलामू जिले और पत्थर व्यवसाय का हब माने जानेवाले पिपरा थाना क्षेत्र में छह पत्थर माइंस और पांच क्रेशर का संचालन नियमों को लगभग ताक पर रखकर किया जा रहा है । यह नियमों की अनदेखी का ही नतीजा है कि क्षेत्र के फुलदेवईया और सुखनदिया नदी का अतिक्रमण कर नदी में ही क्रशर प्लांट चलाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि क्रशर से निकलने वाला डस्ट और माइंस से निकाली गई मिट्टी को नदी में भर दी जाती है जिससे उक्त दोनों प्रमुख नदियों के अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है ।

पर्यावरणीय नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां, फिर भी अधिकारी नहीं कर पाते कार्रवाई

कहा जाता है कि संबद्ध अधिकारी कानून और सरकारी नियमों का पालन तथा इलाके के विकास के लिए होते हैं । लेकिन कभी‌ आप पिपरा में आईये और यहां पत्थर माईंस और क्रशरों का संचालन और संचालन के तौर तरीके भर देखिये तो आपको यह समझते हुए देर नहीं लगेगी कि पुलिस और प्रशासन आखिर होते किसलिए हैं ? बीते शुक्रवार को जब अनियंत्रित हाईवा ने एक युवक को रौंद दिया और लोगों ने हाईवा में आग लगा दी थी, तब मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा था ।
पत्थर संचालकों ने अभी तक पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्य वृक्षारोपण, परमानेंट बाउंड्री, पानी का छिड़काव को कभी महत्व ही नहीं दिया। जबकि ज्यादातर माइंस और क्रशर NH98 के सड़क किनारे ही अवस्थित हैं । सड़क से प्रति दिन सैकड़ों वाहनों का परिचालन होने के दौरान वाहनों के साथ उड़ती धूल से बचाव के लिए नियमित पानी का छिड़काव भी नहीं होता। इस वजह से कई लोग संक्रमित बीमारियों से ग्रसित रहते हैं। इसे देखते हुए कई बार ग्रामीणों ने माइंस संचालकों और अधिकारियों से गुहार भी लगाई फिर भी इस पर संबंधित अधिकारियों और प्रशासन का मौन रहना गंभीर विषय है। पिपरा प्रखंड क्षेत्र में, हाईवे किनारे कुछ क्रशर प्लांट सिंचाई नहर को भरकर, कुछ प्लांट 33 केवीए के बिजली तार के नीचे, कुछ विद्यालय के इर्द गिर्द खोल दिये गये हैं । वर्ष 2023 में हरिहरगंज बीडीओ ने पिपरा और हरिहरगंज इलाके के दर्जनों क्रशर प्लांटों की जांच की थी और दर्जनाधिक क्रशर प्लांटों को अवैध बताया था । लेकिन इस मामले में कार्रवाई आज तक नहीं हुई । दरअसल इस मामले की संपूर्ण और निष्पक्ष जांच हो जाए तो कई अधिकारियों की इसमें संलिप्तता उजागर होगी और वे जेल जा सकते हैं।

क्या आपको याद है कि पिपरा में आखिरी कार्रवाई कब हुई थी...?

क्रशर और माईंस संचालन में बरती जा रही अनियमितताओं के विरूद्ध यदा कदा कार्रवाईयां होती रहती है । लेकिन क्या आपको याद है कि पिपरा में अवैध तरीके से क्रशर अथवा पत्थर माईंस के संचालन, भंडारण अथवा परिवहन के लिए आखिरी कार्रवाई कब हुई है... ? सच्चाई यही है कि यहां मिलीभगत‌ से सबकुछ संभव हो जाता है ।

पत्थर माफियाओं का धौंस और ऊंची पहुंच का खामियाजा भुगत रहे हैं लोग

बता दें कि पलामू हमेशा अकाल और पानी की किल्लत के लिए चर्चित रहा है । जल संचय और पानी की योजनाओं के नाम पर करोड़ों के वारे न्यारे होते हैं। इस दौरान यहां माइंस और क्रशर संचालकों की यह मनमानी प्रशासन कैसे बर्दाश्त कर रही है यह चिंता का विषय है। जबकि पत्थर माफियाओं के धौंस और ऊंची पहुंच का दबदबा से लोग आज भी त्रस्त हैं। जपला पथरा रोड दर्जनों भारी वाहनों के परिचालन से क्षतिग्रस्त हो गया है और सड़क पर उड़ती धूल से यहां के लोग त्राहिमाम् कर रहे हैं । वहीं तेज रफ्तार से चलने वाली भारी वाहनों के चपेट में आने से जानें जा रही हैं। बावजूद इसके अधिकारियों का ध्यान जनहित की मांगों पर क्यों नहीं जाता ,लोगों के दिलों दिमाग में यह सवाल हमेशा कौंधता रहता है।

कई गांवों की ओर जाने वाली सड़क को मिट्टी और डस्ट से भरने का मामला भी हुआ था उजागर

बरदाग, गोसाईंडीह, भुईंया टोला कलीपुर के जंगल की तरफ जाने वाली सड़क को माइंस और क्रशर संचालकों ने मिट्टी और डस्ट से भर दिया है। माईंस में हर दिन बड़े विस्फोट और भारी वाहनों से अक्सर दुर्घटनायें होती रहती हैं और तब भी माइंस संचालकों की हरकतें जन विरोधी ही झलकता है। ग्रामीणों के अनुसार इसे लेकर पलामू डीसी से भी अविलंब उचित कार्रवाई की मांग करते हुए पत्र की प्रतिलिपि डीएमओ, राज्य सचिव खनन एवं अपदा विभाग, विधायक और सांसद को भी दी गयी थी। बावजूद इसके इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया जिससे पिपरा प्रखंड के लोगों में आक्रोश बना हुआ है।

धरती, कानून और पहाड़ों के बचने की उम्मीद जगी है लोगों में...

उपरोक्त सारी नकारात्मक स्थितियों के बावजूद लोगों की उम्मीद जगी है । छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र के लोग इस बात को लेकर बेहद सकारात्मक हैं कि राज्य वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर कभी नहीं चाहेंगे कि उनके कार्यकाल में इतनी बड़ी अनियमितताओं और लगातार हो रहे सरकारी राजस्व की क्षति पर पर्दा डाला जाए ! लोगों की उम्मीद ट्रेनी IAS सह‌ छतरपुर एसडीएम आशीष गंगवार, IFS नवनीत कुमार और छतरपुर सीओ उपेन्द्र कुमार जैसे अधिकारियों से भी‌ है...