पलामू में बिजली की हालत : करोड़ों बकाया : भारी लोड : कम आपूर्ति
-- अरूण कुमार सिंह
डाल्टनगंज-छतरपुर डिवीजन को जरूरत से लगभग 20-30 मेगावाट कम मिलती है बिजली
डाल्टनगंज और छतरपुर डिवीजन में क्रमशः 25 और 11 बिजली सब स्टेशन हैं । यहां 2 बिजली ग्रीड हैं - सूदना और बी मोड़ । यहीं से बिजली छतरपुर डिवीजन और गढ़वा डिवीजन को भी जाती है । डाल्टनगंज डिविजन के कार्यपालक अभियंता शंभुनाथ चौधरी और छतरपुर डिवीजन के ईई शुभम सिंह ने बताया कि उनके डिवीजन में फुल लोड सप्लाई के लिए 90 मेगावाट बिजली चाहिए । लेकिन हर दिन फुल लोड बिजली नहीं मिलती । जिसकी वजह से लोड शेडिंग करना मजबूरी होती है । जब लोड शेडिंग करनी पड़ती है तो यह शहरी इलाके में भी होती है और ग्रामीण इलाके में भी । हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि पावर क्राइसिस की स्थिति में भी विभाग कोशिश करता है कि आपातकालीन सेवायें बाधित न हों ।
डाल्टनगंज डिवीजन में सैंकड़ों उपभोक्ताओं के पास करीब 100 करोड़ बिजली बिल बाकी, छतरपुर में भी करोड़ों
डाल्टनगंज डिवीजन में सैंकड़ों उपभोक्ताओं के पास करीब 100 करोड़ बिजली बिल बाकी है । केवल सरकारी महकमे के पास 6-7 करोड़ बिजली बिल बाकी है । इस डिवीजन के कार्यपालक अभियंता शंभुनाथ चौधरी ने इस बात की पुष्टि की । कहा कि विभाग बकाया बिजली बिल वसूलने के लिए समय समय पर कार्रवाई करते रहती है । छतरपुर डिविजन की भी कमोवेश यही स्थिति है ।
हर दिन बढ़ रहा है लोड, इसीलिए फॉल्ट भी...
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हर दिन लोड बढ़ रहा है । हर दिन लोग नए नए विद्युत उपकरण खरीद रहे हैं । भीषण गर्मी के इन दिनों में पंखा से लेकर कूलर और एसी की संख्या भी हर दिन बढ़ रही है । लोड बढ़ने से बराबर फॉल्ट लगता है । विभाग की कोशिश होती है कि त्वरित गति से समस्याओं का निष्पादन किया जाए ।
ग्रामीण उपभोक्ताओं की शिकायत है कि प्लांटों को अधिक और किसानों को बहुत ही कम मिलती है बिजली
छतरपुर, हरिहरगंज, पिपरा, हुसैनाबाद आदि इलाके के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं का कहना है कि इलाके के किसानों को क्रसर प्लांटों की अपेक्षा बहुत ही कम बिजली मिलती है जिसके कारण खेती किसानी का काम काफी प्रभावित होता है । इनका कहना है कि बहुत से उपभोक्ताओं का बिजली बिल भी गलत आता है जिसमें शिकायत करने पर भी सुधार नहीं होता ।