बनारस में हरा हुआ गंगा का पानी, ऐसा हुआ है पहली बार, 3 दिन में जांच रिपोर्ट देने के आदेश

Green Ganga water in Banaras, this has happened for the first time, orders to give investigation report in 3 day

बनारस में हरा हुआ गंगा का पानी, ऐसा हुआ है पहली बार, 3 दिन में जांच रिपोर्ट देने के आदेश

-- अजीत कुमार
-- 9 जून 2021

वाराणसी । पिछले 22 दिनों से वाराणसी मे गंगा का पानी हरा दिखाई दे रहा है । इसके बाद प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है । संबद्ध मामले पर 3 दिन में अधिकारी अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे । ऐसा पहली बार हुआ है जब गंगा का पानी हरा हुआ है ।

जिलाधिकारी के आदेश पर बनारस के खिड़कियां घाट से लेकर मिर्जापुर तक गंगा नदी से जहां-जहां पानी हरा मिला है, उसके सैंपल लिए गए हैं । इससे जुड़ी खबर सबसे पहले 27 मई को एनडीटीवी ने दिखाई थी । उसके बाद कई समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर ये खबर छाने लगी । मामला सुर्खियों में आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया । जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक टीम गठित की ।

टीम में अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय) क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ), अधिशासी अभियन्ता बन्धी प्रखण्ड एवं महाप्रबन्धक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की पांच सदस्यों को शामिल किया गया ।

इस टीम ने नाव के माध्यम से गंगा नदी की धारा में जाकर गंगा नदी में हरे शैवाल पाए जाने के संबंध में इसके उद्गम स्रोत तथा गंगा घाटों तक इनके पहुंचने के कारणों की जांच की है जिसकी रिपोर्ट 3 दिन के अंदर जमा की जाएगी ।

बीते दिनों कोरोना में गंगा में बहते हुई शवों की वजह से तमाम पर्यावरणविद् और समाचार माध्यमों में गंगा के पानी को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी । उसके बाद गंगा का पानी बनारस से लेकर बक्सर तक हरा हो गया । ठीक उसी तरह, जिस तरह से नाला का जमा हुआ पानी दीखता है । कई जगह उसमें काई पाई जाने लगी । जिससे यह लगने लगा कि गंगा नदी कहीं नाले में तो नहीं हो रही ! हरा पानी और शैवाल ठहरे हुए पानी में ही नजर आते हैं । इससे पता लगता है कि गंगा के पानी में प्रवाह खत्म हो गया है । लोग गंगा में गिरते सीवर को इसकी वजह बता रहे हैं । लेकिन जांच के बाद ही असली कारणों का खुलासा हो पाएगा ।