कौन है JJMP का सब जोनल कमांडर भवानी भूईयां : आखिर उसने क्यों किया सरेंडर

कौन है JJMP का सब जोनल कमांडर भवानी भूईयां : आखिर उसने क्यों किया सरेंडर


-- प्रमुख संवाददाता
-- 9 जून 2021

पलामू । JJMP के सबजोनल कमांडर भवानी भूईयां उर्फ भागीरथी राम ने इंसास रायफल, इंसास राइफल की तीन मैग्जीन, इंसास की ही 83 चक्र गोलियां, एक एच.ई. 36 ग्रेनेड, कैंपिग इक्यूपमैंट, जे.जे.एम.पी. का लेटरहेड, गोली रखने के दो पाउच आदि के साथ रविवार को पलामू  पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त शशि रंजन, एसपी चंदन कुमार सिन्हा, सहायक पुलिस अधीक्षक सह एसडीपीओ के. विजय शंकर सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है । आत्मसमर्पण के बाद पलामू डीसी शशि रंजन ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति के तहत भवानी भुइयां को 1 लाख रूपये का चैक सौंपा । साथ ही चार डिसमिल जमीन, स्वरोजगार से जोड़ने, बच्चों की पढ़ाई और परिवार को सुरक्षा का भरोसा दिलाया ।

कौन है भवानी भूईयां

भवानी भूईयां जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के हुटार टोला के उडरीटांड़ का रहने वाला है । बचपन में ही उसके माता-पिता की मौत बीमारी से हो गयी थी । बड़े भाई ने उसका पालन पोषण किया था । गाय-बैल चराता था । कभी स्कूल नहीं गया । सभी परिवार मजदूरी कर पेट पालते थे । थोड़ी बहुत खेती थी, जो गुजारे के लिए नाकाफी थी ।

भवानी का घर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में था । गांव में जब नक्सली आया करते थे, तो उनका दबदबा भवानी को पसंद आता था । आर्थिक तंगी के कारण और गांव में कोई रोजगार के साधन नहीं होने के कारण भवानी ने नक्सलियों के साथ होने का मन बना लिया ।

2016 में उसने टीपीसी के रोशन जी से संपर्क किया और संगठन से जुड़ गया । लगभग सात महीने रोशन जी के दस्ते में शामिल रहने के बाद टीपीसी के ही सूरज जी उर्फ आकाश जी ने भवानी को जे.जे.एम.पी. शामिल होने को कहा । भवानी महेन्द्र कोरबा, सूरज जी के साथ अपना हथियार लेकर जे.जे.एम.पी. के जोनल कमांडर सुशील उरांव एवं सब जोनल कमांडर महेश भुइयां की टीम में शामिल हो गया । वर्ष 2017 के अक्टूबर माह में छुट्टी लेकर घर आया था, इसी क्रम में पुलिस द्वारा आर्म्स के साथ पकड़कर जेल भेज दिया गया था । जुलाई 2020 में सब जोनल कमांडर महेश भुइयां ने भवानी को एरिया कमांडर (गढ़वा) बनाया । वर्ष 2021 के माह अगस्त में रामसुंदर जी की आपसी गुठभेड़ में मौत हो जाने के बाद भवानी को पलामू-गढ़वा एरिया का सब-जोनल कमांडर बना दिया गया ।

क्यों किया भवानी ने आत्मसमर्पण

पलामू पुलिस प्रशासन की अगर मानें तो लातेहार के नावाडीह में जे.जे.एम.पी. के साथ मुठभेड़ में डीएसपी के शहीद होने के बाद पूरे क्षेत्र में पुलिस के द्वारा छापामारी अभियान चलाया जाने लगा, जिसकी वजह से भवानी अपने रिश्तेदार के यहां शरण ले लिए हुए था और लगातार सरेंडर के लिए सोच रहा था ।

पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि भवानी को लेकर पुलिस की दबिश तेज थी । परिवार से पुलिसिया पूछताछ से भवानी घबराया हुआ था । करीब डेढ़ महीने पहले उसने एसडीपीओ के. विजय शंकर एवं रामगढ़ थाना प्रभारी प्रभात रंजन राय से संपर्क कर परिवार से पूछताछ नहीं करने की अपील की थी । यही से उसके सरेंडर करने को लेकर मोटिवेट करने का सिलसिला शुरू हुआ और आखिरकार उसने सरेंडर कर ही दिया ।